कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरुवार को जीएसटी मुआवजे को लेकर केंद्र पर कटाक्ष किया। दरअसल वित्त मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी कि राज्यों का केंद्र सरकार पर 78,704 करोड़ रुपये बकाया है। इसको लेकर चिदंबरम ने कहा कि यह जानना दिलचस्प होगा कि आखिर वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उसी दिन “शर्मिंदा” क्यों किया जिस दिन उन्होंने राज्यों को ‘चेतावनी’ जारी की थी।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि सरकार ने आठ महीने का जीएसटी क्षतिपूर्ति बकाया जारी कर दिया है और अपर्याप्त राशि होने के कारण 78,704 करोड़ रुपये बकाया हैं। मंत्रालय ने कहा कि केंद्र ने 31, मार्च 2022 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए राज्यों को आठ महीने का जीएसटी क्षतिपूर्ति बकाया पहले ही जारी कर दिया है।इस मामले पर पी चिदंबरम ने कहा कि जिस दिन प्रधानमंत्री ने पेट्रोल और डीजल पर वैट दर में कटौती करने के लिए राज्यों से आह्वान किया, उसी दिन वित्त मंत्रालय ने बता दिया कि केंद्र पर राज्यों का 78,704 करोड़ रुपये बकाया है।
पूर्व वित्त मंत्री ने ट्विटर पर कहा, “केंद्र पर बकाया राशि वास्तव में बहुत ज्यादा है। अगर आप उन अमाउंट को जोड़ते हैं जिसका दावा राज्य कर रहे हैं तो ये और भी ज्यादा सकती है। केवल सरकारी लेखा नियंत्रक (सीजीए) ही सही अमाउंट को प्रमाणित कर सकता है।” उन्होंने लिखा “यह जानना दिलचस्प होगा कि जिस दिन उन्होंने (पीएम मोदी) राज्यों को चेतावनी देने का फैसला किया, उसी दिन MoF (वित्त मंत्रालय) ने पीएम को शर्मिंदा क्यों किया!”बता दें कि कई विपक्षी शासित राज्यों में ईंधन की ऊंची कीमतों को देखते हुए, प्रधान मंत्रीमोदी ने बुधवार को इसे वहां रहने वाले लोगों के साथ “अन्याय” करार दिया था और वहां की सरकारों से आम आदमी को लाभ पहुंचाने के लिए “राष्ट्रीय हित” में वैट कम करने का आग्रह किया था।
मोदी ने कई राज्यों द्वारा पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर को कम करने के केंद्र के आह्वान का पालन नहीं करने का मुद्दा उठाया।