महाराष्ट्र और कर्नाटक में बारिश का क़हर ; बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर; NDRF और SDRF की टीमें तैनात

देश के मुख्तलिफ हिस्सों से बारिश और सैलाब के कहर की ख़बरें लगातार मिल रही हैं जिसमें बड़े पैमाने पर जानी और माली नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है .महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में मूसलाधार बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण राज्य के कई जिलों में बाढ़ आ गई। रायगढ़ में महाड और पोलाडपुर, रत्नागिरी में चिपलून और खेड़ सहित सतारा, कोल्हापुर और सांगली जिलों के विभिन्न इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की इक्कीस , नौसेना की सात , राज्य आपदा मोचन बल की चार और थलसेना तथा तटरक्षक बल की तीन-तीन टीमें फंसे हुए लोगों के बचाव कार्य में लगी हैं।

कर्नाटक में उत्तर कन्नड़, शिवमोग्गा, कोडगु, बेलगावी, हावेरी, चिक्कमंगलुरु, धारवाड़, हासन और दावणगेरे जिलों में मूसलाधार वर्षा हो रही है। भारतीय तटरक्षक बल ने बाढ प्रभावित उत्तर कन्नड जिले में सौ लोगों को बचाया। राजस्व मंत्री अशोक ने बताया है कि राज्य की 13 बडी झीलों में उनकी क्षमता का 65 प्रतिशत पानी भर गया है। उत्तर कन्नड़ जिले के कई इलाकों में तेज वर्षा हुई। भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 75 पर हसन और बेलूर के बीच यातायात में कुछ देर के लिए बाधा आई।

बिहार में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बाढ़ग्रस्त इलाकों से अभी तक एक लाख दस हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। दरभंगा, मधुबनी, पूर्व और पश्चिम चम्पारन सहित 11 जिलों के करीब 400 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल की 16 टीमें राहत और बचाव कार्य में लगाई गई हैं। राज्य की उप-मुख्यमंत्री रेणु देवी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए 216 सामुदायिक रसोई बनाई गई हैं। कोविड के टीके लगाने के लिए चिकित्सा दल भी तैनात किए गए हैं।

राज्य में कोसी, बागमती और गंडक सहित अनेक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। डगमारा तटबंध कट जाने से कोसी नदी का पानी सुपौल जिले के तीन सौ से ज्यादा घरों में घुस गया है। जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा के अनुसार कोसी के पश्चिमी तटबंध को कोई खतरा नहीं है।