ताक़त ही ताक़त ,दूध से दस गुना कैल्शियम
✍Mufti Siraj
“रसूलुल्लाह ﷺ के घर वालों में से जब कोई बीमार होता था तो हुक्म होता के उसके लिए तल्बीना तैयार किया जाए, फिर फरमाते थे कि तल्बीना बीमार के दिल से गम को उतार देता है, और उसकी कमजोरी को यूं उतार देता है जैसे के तुम में से कोई अपने चेहरे को पानी से धोकर उससे गंदगी उतार देता है।
( इब्ने माजा )
हज़रत आयशा रज. से रिवायत है कि …तल्बीना दिल को मजबूत करता है।( बुखारी )
….. तल्बीना बीमार के हृदय को राहत पहुंचाता है,और उदास की उदासी दूर करता है।( बुखारी, मुस्लिम )
ज़रत आयशा मय्यित के घर वालों और रोगी के लिए तल्बीना का आदेश , सूचन जारी करती। ( मुत्तफ़क़ अलैही )
आज की नई साइंस रिसर्च ने यह साबित किया है कि जौ एक औषधीय गुण तथा स्वास्थ्य वर्धक लाभदायक अनाज है।
जौ में दूध के मुकाबले में 10 गुना अधिक कैल्शियम होता है और पालक से ज्यादा फौलाद मौजूद होता है उसमें तमाम जरूरी विटामिन्स भी पाए जाते हैं, परेशानी और थकान के लिए भी तलबीना का सूचन मिलता है, फरमाते हैं:”यह मरीज के दिल के तमाम बीमारियों का इलाज है और दिल से गम को उतार देता है”.
( बुखारी मुस्लिम तिर्मीजी नसई अहमद )
जब कोई नबी ﷺ से भूख की कमी कि शिकायत करता तो आप ﷺ उसे तलबीना खाने का हुक्म देते और फरमाते कि उस खुदा की कसम जिसके कब्जे में मेरी जान है यह तुम्हारे पेटों से गलाज़त को इस तरह उतार देता है जिस तरह तुम में से कोई अपने चेहरे को पानी से धो कर साफ कर लेता है।
नबी ए पाक ﷺ को मरीज के लिए तल्बीना से बेहतर कोई चीज पसंद न थी। उसमें जौ के लाभों के साथ शहद के गुण भी शामिल हो जाते थे। उसे नीम गरम खाने, बार-बार खाने और खाली पेट खाने को ज़्यादा पसंद करते थे।( भरे पेट भी यानी हर समय,हर उम्र का व्यक्ति उसका उपयोग कर सकता है, सेहतमंद भी,बीमार भी )
नोट: तलबीना न सिर्फ बीमारों के लिए बल्कि तंदुरुस्तों के लिए भी बहुत बेहतरीन चीज है, बच्चों,वयस्कों,बुढ्ढों और घर भर के सदस्यों के लिए खुराक ‘ टॉनिक भी, दवा भी, शिफा भी और अता भी….
खासतौर पर दिल के मरीज, टेंशन,मानसिक तनाव,दिमागी बीमारियां, पेट, जिगर, पट्ठे,तंत्रिका (Neural,मसल्स) महिलाओं, बच्चों और पुरुषों की सभी बीमारियों के लिए अनोखा टॉनिक है।
“जौ” जिसे अंग्रेजी में ‘barley’ कहते हैं, उसको दूध के अंदर डाल कर 45 मिनट तक दूध में गलने दे, और उसकी खीर सी बनाएं। उसके अंदर आप चाहे तो शहद डाल दें या खजूर डाल दे। उसे तल्बीना कहेंगे।
तल्बीना बनाने की तरकीब:
दूध को एक जोश ( उबाल ) दे कर जौ डाल दे, हल्की आंच पर 45 मिनट तक पकाए, और चमचा चलाते रहे.
जौ गल कर दूध में मिल जाए तो खजूर मसल कर मिक्स कर ले, मीठा कम लगे तो थोड़ा शहद मिला ले, खीर की तरह बन जाएगा।
चूल्हे से उतारकर ठंडा कर ले. ऊपर से बादाम, पिस्ता काट कर छिड़क दें.
( खजूर की जगह शहद भी मिला सकते हैं )
तल्बीना के तिब्बी फायदे ओर गुण
उसके कई फायदे बयान किए जाते हैं यह खुराक:
1. गम डिप्रेशन
2.मायूसी,उदासी
3. कमर दर्द
4. खून में हिमोग्लोबिन की शदीद कमी
5. पढ़ने वाले बच्चों में याददाश्त की कमजोरी
6. भूख की कमी
7. वजन की कमी
8.कोलेस्ट्रोल की अधिकता
9.दुबलता
10. दिल और आंतों की बीमारियां
11.पेट (stomach) का वरम,सूजन
12. अल्सर कैंसर
13.रोग प्रतिकारक, इम्युनिटी की कमी
14. जिस्मानी कमजोरी
15.मानसिक रोग
16. दिमागी बीमारियां
17. जिगर
18. पठ्ठे
19. निढाल होना
20. वसवसे (ऑब्सेशन)
21. चिंता (anxiety)
के अलावा दूसरी बेशुमार बीमारियों में लाभदायक है, और यह भी अपनी जगह एक हकीकत है कि दूध से ज्यादा कैल्शियम और पालक से ज्यादा फौलाद पाया जाता है इस वजह से तलबीना की अहमियत बढ़ जाती है।
यह एक मित्र की साझा तहरीर थी, आम फायदे के लिए बंदे ने इसका हिंदी अनुवाद कर दिया।