हरदा में छह काले हिरणों का शिकार, चार को जहर दिया, दो के प्राइवेट पार्ट काटे गए, खिरकिया तहसील के नीमसराय गांव में तीन नर काले हिरण और तीन मादा हिरणों का शिकार हुआ है। इनमें से नर और मादा की मौत सींग और प्राइवेट पार्ट काटने के कारण तथा चार अन्य की मौत जहर खिलाने के कारण.
हिरणों के शव काे देर रात वन चाैकी लालयाचापड़ ले जाया गया। इनका रविवार काे पोस्टमार्टम किया जाएगा। जहां हिरणों के शव मिले हैं, वहां एक छोटा तालाब है। अधिकारियों को शक था कि ग्रामीणों ने मछली पकड़ने के लिए पानी में जहर मिलाया होगा, जिसे पीने से हिरणों की मौत हुई होगी।
इस मामले में कुछ ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही है। जहां शव मिले उसके पास एक छोटा तालाब था। दो का शिकार किया है बाकी को जहर दिया है। जहर शिकार से ध्यान हटाने के लिए दिया गया प्रतीत होता है। कुछ ग्रामीणों को भी पूछताछ के लिए रोका है। मछली पकड़ने के लिए तालाब में जहर डाला गया है या नहीं यह जांच में स्पष्ट होगा।
हिरण के शिकार को अंधविश्वास से भी जोड़कर देखा जा रहा है। कुछ लोग हिरणों का शिकार उनके सींग से दवाइयां बनाने और प्राइवेट पार्ट का उपयोग किसी दूसरे काम में करते हैं। लोगों का मानना है कि हिरणों के सींग से बनी शृंग भस्म से कई आसाध्य रोगों का इलाज किया जाता है। सींग को घिसकर जख्मों पर भी लगाया जाता है, माना जाता है कि हिरण के सींग जख्म पर लगाने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है।