*एक भी अस्थाई सफ़ाई कर्मचारी नहीं हटाया जायेगा, मोहम्मद हुसैन की चेतावनी
*महापौर ने मौक़े की नज़ाकत को भांप , भूख हड़ताल पर बैठे पार्षद हुसैन की मांगें को मान लिया *
*मंगलवार से दोबारा अपनी अपनी जगह पहुंचें सफ़ाई कम॔चारी वग॔ में ख़ुशी की दौड़ी लहर*
कोटा 6 अगस्त नगर निगम द्वारा 1 अगस्त से हटाये गए 65 वार्ड के 1600 अस्थाई सफाई कर्मचारियों को उनकी नौकरी बहाल करने की मांग को लेकर पार्षद मोहम्मद हुसैन ने सोमवार सुबह 9 बजे नगर निगम के बाहर अधिकारियों और महापौर की सद्बुद्धि के लिए एक दिवसीय सांकेतिक भूख हड़ताल रखी ।
दोपहर होते होते महापौर महेश विजय के साथ हुई वार्ता में एक भी अस्थाई सफाई कर्मचारियों को नहीं हटाने पर सहमति बनी ।
मंगलवार से सभी कर्मचारी अपनी पुरानी जगहों पर काम पर लौट आएंगे इस खबर से वाल्मीकि समाज के अस्थाई कर्मचारीयो के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ पड़ी।इस पूरे मामले में राज्य की सत्ताधारी बीजेपी तथा प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेताओं के बीच बैचैनी बढ़ गयी है। आगामी विधानसभा चुनाव में ‘आप’ पार्टी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरने की कोशिश कर रही है।
सुबह ९ बजे से ही नगर निगम के बाहर पार्षद मोहम्मद हुसैन के भूख हड़ताल की काॅल पर वाल्मीकि समाज के महिला पुरुष सैकड़ों की तादाद में अपने हाथों में झाड़ू और चप्पल लेकर एकत्रित हुए और हुसैन की मांग के समर्थन में नगर निगम का मुख्यद्वार बंद कर दिया।
प्रदश॔नकारियो ने निगम अधिकारी महापौर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । लोगों को सम्बोधित करते हुए हुसैन ने कहा की निगम के इस तुगलकी फरमान से सबसे ज्यादा महिलाएं बेरोजगार हुई है यह महिला मुख्यमंत्री के राज्य में सरकार की गलत नीतियों से बेरोजगार हुए लोगों का अनोखा उद्धारण है ।
आम आदमी पार्टी कोटा उत्तर महिला मोर्चा प्रवक्ता प्रीति संगत तम्बोली ने बताया की जिस कर्मचारी को जहाँ से हटाया था उन्हें उसी सेक्टर कार्यालय जाकर एक फॉर्म भरकर अपने काम पर लग जाना है।
इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता आचार्य धनराज , एकता ऑटो चालक मालीक यूनियन फ्रंट उपाध्यक्ष भगवान् सिंह, नविन पालीवाल ,गफ्फार खान ,रामचरण बरवासिया, ने भी सम्बोधित किया प्रदर्शनकारियों में हुसैन मामू, महावीर सेन, दीपक कुमार झावा सुनील डंडोरिया सूरज पंवार, जितेंद्र चांडाल, राजेश डंडोरिया ,रवि गोड़ाला गोरा डोर ,शिमला डंडोरिया ,नास नरवाल ,नीतू पंवार बिना नरवाल, सिमा डंडोरिया ,निरु कलोसिया, बिना सोनवाल, गिरिराज सोयता ,राधा टांक, सहित वाल्मीकि समाज के सैकड़ों लोग मौजूद रहे।