समावेशी पार्टियां एक होजायें ,देश से नफ़रत के अँधेरे मिट जाएंगे :कुंवर दानिश अली
देश में बढ़ती नफरत और खौफ के माहौल में यदि like minded और समावेशी , सेक्युलर विचार धारा की पार्टियां एक जुट होजायें तो साम्प्रदायिकता , भय व नफरत के बादल छट जाएंगे , साथ ही देश विकास की राह पर स्वतः ही चल पड़ेगा , बद क़िस्मती से केंद्र में जिस विचार धरा की सारकार है वो देश को जोड़ने और विकसित करने के उद्देश्य से नहीं बल्कि हिन्दू राष्ट्र के अजेंडे को लेकर आई है , जो भारत में संभव नहीं है .
यह जुमले जनता दल सेक्युलर के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुंवर दानिश अली के हैं , वो इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर में दिए गए इस्तक़बालिया (स्वागत) सभा में बोलरहे थे .
दानिश अली ने आगे कहा देश अंधेरों से उजाले की तरफ आने लगा है और हमने इसकी शुरुआत कर्नाटक में चुनाव से पहले BSP और चुनाव के बाद कांग्रेस के साथ सियासी समझौता करके साबित करदिया है . और यह क्रम हम देश भर में आम लोक सभा चुनाव के लिए जारी रखेंगे .साथ ही देश से सांप्रदायिक और नफरत फैलाने वाली ताक़तों को मिटाने के लिए सेक्युलर ,संवेधानिकतावादी और लोकतंत्रवादी पार्टियों को एक साथ आना ही होगा .
याद रहे दानिश अली ने कर्णाटक हालिया असेंबली चुनाव में BSP और JDS के गठबंधन में भी अपना कलीदी रोल अदा किया था . BSP सुप्रीमो मायावती को साथ लाने में उनकी अहम भूमिका रही है .
इस अवसर पर इंडिया स्लामिक कल्चर सेंटर के अध्यक्ष और समाज सेवी सिराज कुरैशी ने कहा की कुंवर दानिश की बड़ी खूबी यह है की वो किसी ख़ास पार्टी के ओहदेदार होते हुए भी तमाम पार्टियों के लोगों के साथ दोस्ती रखते हैं , दानिश अली अभी नौजवान हैं और ये सियासी तब्दीलियां लाने में अहम किरदार अदा कर सकते हैं .
इंडिया स्लामिक कल्चर सेंटर (IICC) में इस भव्य कार्येक्रम का आयोजन सेंटर के कोषाध्यक्ष अहमद रज़ा ने किया था , उन्होंने कहा की कुंवर दानिश ने कर्नाटका में कांग्रेस और JD (S) के दरमियान राजनितिक संधि कराने में एहम रोल अदा किया और उन्होंने सोनिया जी व राहुल जी को इस Alliance के लिए तैयार किया यह दानिश अली की दानिशमंदी का ही नतीजा है.
इस बात से इंकार नहीं किया जासकता की कर्नाटका में असेंबली चुनाव के नतीजों के बाद जो सियासी असमंजस पैदा होगया था इसमें जिस क़दर तत्परता से कुंवर दानिश ने अपनी भूमिका निभाई वो क़ाबिल इ तारीफ़ रही , और इस गठजोड़ के बाद कुंवर दानिश का क़द सियासी तौर पर काफी बढ़ गया और ज़ाहिर है जब किसी काम को नेक नियती से किया जाता है तो सियासी सफलता के साथ आदर सम्मान भी बढ़ना लाज़मी होता है .ख़ास तौर से जब कि स्वार्थ और लोभ न हो , और हमने यह देखा की दानिश अली कर्णाटक में सियासी इस्तेहकाम (राजनितिक सुदृढ़ता) के लिये जिस लगन और मेहनत से पूरा हफ्ता दौड़ते रहे थे वो सराहनीये है .
अब देखना यह होगा की राज्य में जो सियासी संकट वापस उभर रहा है उसके समाधान में किस तरह से दानिश अली अपनी दानिश मंदी का सुबूत देते हैं या अपना किरदार अदा करेंगे, क्योंकि दानिश अली JDS-Congress coalition coordination committee, के convenor भी हैं और JDS के सेक्रेटरी जनरल भी .