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यूनानी चिकित्सा पद्धति को भी मिले न्याय

यूनानी चिकित्सा पद्धति को भी मिले न्याय

पद्धति की मौजूदा समस्याओं को लेकर ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस की ऑनलाइन बैठक संपन्न

रिक्त पदों को भरने, नए औषधालय खोलने और आयुर्वेद की तरह सर्जरी का अधिकार देने की मांग

नई दिल्ली, 26 मई (TOP Bureau)। यूनानी तरीक़ए इलाज एक कारगर और प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है । यूनानी पद्धति स्वच्छता , पवित्रता और आध्यात्म पर आधारित होने की वजह से दूसरी पद्धतियों के मुक़ाबले अपना ज़्यादा सकारात्मक असर रखती है | आयुष मंत्रालय के तहत दीगर चिकित्सा पद्धतियों के साथ-साथ इसको भी शामिल किया गया है। इसके बावजूद यूनानी चिकित्सा पद्धति कहीं न कहीं आज सरकारी व प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है। इन्हीं मुद्दों को लेकर ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की ऑनलाइन बैठक संस्था के अध्यक्ष प्रोफेसर मुश्ताक अहमद की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

बैठक को संबोधित करते हुए प्रो. मुश्ताक अहमद ने कहा कि नवंबर 2014 में आयुष मंत्रालय के गठन से यूनानी पैथी के संपूर्ण विकास की उम्मीदें जगी थीं लेकिन जैसे-जैसे समय बीत रहा है, ऐसा लग रहा है कि यूनानी चिकित्सा पद्धति को आयुष मंत्रालय, भारत सरकार दरकिनार करता जा रहा है। यही कारण है कि आयुष विभाग, भारत सरकार में गत वर्षों से रिक्त 7 अधिकारियों के पद खाली पड़े हैं ।

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CGHS यूनानी औषधालयों की संख्या गत बीस वर्षों से जस की तस है और इसका कोई नया औषधालय नहीं खोला गया। जबकि 52 नए औषधालय आयुष विभाग के जरिए 2020 में खोले गए थे । इसके साथ ही केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद में 50 से अधिक शोधकर्ताओं के पद रिक्त हैं। उन्हें भी आजतक भरने में अनाकानी की जा रही है।

बैठक में इस बात का भी उल्लेख किया गया कि नवंबर 2020 में आयुष विभाग ने शल्य चिकित्सा (सर्जरी) के लिए केवल आयुर्वेद डॉक्टरों के लिए ही आधिसूचना जारी की जबकि यूनानी पद्धति का पाठ्यक्रम भी आयुर्वेद के ही समकक्ष है। ऐसे में यूनानी के डॉक्टरों के साथ सौतेला व्यवहार स्वास्थ्य भारत के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी कर देगा किया गया है। आयुष विभाग के इस निर्णय से यूनानी जगत आश्चर्यचकित है , और दुखी भी ।

प्रो. मुश्ताक अहमद ने कहा कि इन सब शिकायतों को लेकर ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का नारा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ है। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि यूनानी चिकित्सा पद्धति को भी इंसाफ मिलेगा।और भारत में यूनानी स्वास्थ्य केंद्रों के नए आयाम तैयार होंगे जो भारत को स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई आशा की किरण साबित हो सकता है . बैठक का संचालन डॉ. डीआर सिंह ने किया।ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के Sectry. General डॉ सईद खान के अलावा संस्था के तमाम ओहदेदारान ने online Conference में भाग लिया .TOP Bureau

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