नई दिल्ली :दिनांक 30 /11 /2016 को राष्ट्रीय संविधान सुरक्षा परिषद् की नई दिल्ली में कोर कमेटी की मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें देश क्र राजनितिक तथा आर्थिक हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए सभा की अध्यक्षता कर रहे रामकुमार अत्रि जी ने कहा की देश में संविधान और सद्भाव बचाने के लिए देश के सभी वर्गों के अधिकारों की रक्षा करने वाली संस्थाओं को सामूहिक तौर पर साथ लेकर चलना होगा और सभी को एकदूसरे की आस्थाओं का भी ध्यान रखना होगा ,देश में चल रहे आर्थिक संकट पर उन्होंने कहा यह राष्ट्रीय नही बल्कि अंतरराष्ट्रीय साज़िश का नतीजा है जिसपर गहन चिंतन की आवश्यकता है ।
परिषद् के अध्यक्ष अतीक साजिद कुरैशी ने कहा देश में संविधान की रक्षा से सम्बंधित काम करने वाली संस्थाओं और लोगों को जोड़कर आज सिर्फ संविधान के बचाने की कोशिश होनी चाहिए ,क्योंकि इसका पालन हर एक वर्ग और समुदाय के अधिकारों की रक्षा करने का काम करता है ,संविधान बचेगा देश बचेगा का नारा देते हुए कुरैशी ने कहा सेक्युलर संस्थाओं और योगों के समूह का आंदोलन की आवश्यकता है जो देश की आज़ादी को बचा सके ।
आल इंडिया मुस्लिम मशावरत के तहसीन अहमद ने अपनी बात रखते हुए UP चनाव के मद्दे नज़र सेक्युलर वोटर के बटवारे को रोकने की योजना बनाने पर ज़ोर दिया और कहाँ की आज की ज़रुरत UP को सांप्रदायिक ताक़तों से बचाने की है उन्होंने कहा संविधान बचाने के लिए सेक्युलर ताक़तों को मज़बूत करने या कम से कम सांप्रदायिक ताक़तों को सत्ता से दूर रखने के लिए योजना की ज़रुरत है ,और इसके लिए ज़रूरी है की UP में सेक्युलर पार्टियों का माह गठबंधन बने जिसके अनथक प्रयास हो ।
मज़दूर अधिकार संपर्क समिति के अध्यक्ष देवेंद्र भारती ने देश के आर्थिक संकट पर चिंता जताते हुए इसपर मज़बूर रणनीति बनाने पर ज़ोर दिया और कहा की देश में अम्न और विकास सहयोग के माध्यम से मुमकिन है तथा इसके लिए मज़दूद्रों के अधिकारों को सामने रखकर ही चलना होगा उन्होंने कहा आज मोदी सरकार जिन योजनाओं को लागू करना चाहती है उसके लिए खुद उनके पास नीतियां नहीं हैं और देश को चलाने के लिए किसी ख़ास विचार धारा से नहीं बल्कि सर्व सम्मति और जनता की भागीदारी से से आगे बढ़ना होगा ।
मीटिंग के अंत में संविधान सुरक्षा परिषद् के राष्ट्रीय मुख्य सचिव अली आदिल खान ने देश भर में छोटी छोटी मीटिंग्स करके जन आंदोलन चलाने की ओर क़दम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया और कहा की हमको अहिंसात्मक तरीके से संवैधानिक रूप से एक मूवमेंट चलाने की ज़रुरत है जिससे देश की आज़ादी और संविधान दोनों को बचाते हुए सभी वर्गों समुदायों , तथा नागरिकों के हितों की रक्षा की जा सके ।
अगली एकदिवसीय राष्ट्रीय विचार संगोष्ठी गाँधी पीस फाउंडेशन में आयोजित करने का प्रस्ताव पारित हुआ जिसके लिए सभी भाग लेने वाले कर्येकर्ताओं ने अगली मीटिंग को कामयाब बनाने और देश में अमन , सद्भाव और शांति के लिए काम करते रहने में अपनी वचन बद्धता के के लिए संकल्प लिया तथा संविधान की सुरक्षा के लिए काम करते रहने को अपनी ज़िम्मेदारी समझने तथा देश वासियों को भी इसके लिए प्रेरित करने की बात को दोहराया .और UP चुनाव में ईमानदारी और निष्ठां के साथ एक महा गठबंधन बनाने के लिए अपनी कोशिशों को अंतिम समय तक जारी रखने के संकल्प को भी दोहराया ।