मोदी ने आखिर इस कांग्रेसी नेता को गले क्यों लगाया
आज जब 17 दिसंबर 2018 को अशोक गेहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री और सचिन पायलट ने उप मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की सत्ता की बागडोर संभाल रहे थे , तो इस मौके पर 15 दिसंबर 2013 वसुंधरा के मुख्यमंत्री शपथ की कई यादें सामने आरही थीं .
राजस्थान में आज से 5 साल पहले हुए शपथ ग्रहण समारोह की बात करें तो उस वक्त भी नजारा कुछ ऐसा ही था। बस अंतर था तो वो ये कि उस समेय गहलोत अपनी कुर्सी छोड़ रहे थे और वसुंधरा राजे राजस्थान की कमान अपने हाथों में ले रही थी।
वसुंधरा राजे की शपथ ग्रहण समारोह के दौरान एक ऐसा वाक्या गुज़रा जिसको आज कई मीडिया हाउसेस दोहराते नज़र आये , जिसका याद करना में समझता हूँ ज़रूरी था , इससे पहले यह बताना ज़रूरी है की जिन परिस्थितियों में गेहलोत राजस्थान के मुक्खमंत्री बनाये जारहे हैं उसमें कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सचिन और अशोक की की यह जोड़ी CM हाउस में एक म्यान में 2 तलवार की तरह साबित होसकती है , हालांकि इस तरह की आशंका न तो कांग्रेस के हक़ में होसकती है और न ही फिलहाल देश के ही हित में किन्तु एक आशंका है तो है . .
दरअसल 15 दिसंबर 2013 को जयपुर में वसुंधरा की शपथ समारोह में जो वाक़्या पेश आया वो वाक़ई बड़ा अद्भुत था .उस दिन शपथ ग्रहण समारोह में देश के मौजूदा प्रधानमंत्री और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह भी शामिल हुए थे और उस दौरान अशोक गहलोत राजस्थान के सीएम पद से विदा हो रहे थे और सभी वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे थे।
उस समारोह में राहु गाँधी और खुद अशोक गेहलोत भी वसुंधरा से काफी गर्मजोशी से मिले थे ,
इसी समय नरेंद्र मोदी का भी नंबर आया तो मोदी जी ने अशोक गेहलोत को गले से ज़ोर से चिपटाया जैसे इस समय का वो इंतज़ार ही कररहे हों .लेकिन गहलोत ने अपने ऊपर संयम रखते हुए हाथ तक नीचे ही लटकाये रखे यानी उनको गले लगने से इंकार का इशारा किया हो ।
आपको याद होगा उस दिन मोदी ने गहलोत से हाथ मिलाया और उन्हें गले लगा लिया था और उस वक्त गहलोत कुछ समझ नहीं पाए और उनके हाथ भी नीचे ही रहे थे लेकिन मोदी ने उन्हें जिस भावुकता से गले लगाया था वो वास्तव में देखते ही बनता था , जिसे काफी पॉजिटिव बताया गया था।
बता दे कि गहलोत ने एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में बताया था कि ‘मेरे हाथ नीचे ही रह गए थे। सोचा ये एकदम से क्या हो गया और लोग क्या सोचेंगे, लेकिन मैं इससे आहत नहीं हुआ क्योंकि मैंने सोचा कि मोदी जी ने आत्मीयता जताने के लिए ऐसा किया है। ज्ञात रहे कि गहलोत ही कांग्रेस के इकलौते ऐसे नेता हैं, जिन्हें मोदी ने इस तरह से गले लगाया है इसके पहले और इसके बाद मोदी ने किसी को भी ऐसा गले नहीं लगाया। बल्कि हमारे पाठकों को याद होगा पिछले संसदीय सत्र के दौरान जब राहुल अपनी कुर्सी से उठकर मोदी जी से हाथ मिलकर गले मिलना चाहते थे तो मोदी अपनी कुर्सी तक से नहीं उठे थे , शायद मोदी जी को गेहलोत का ignore करना याद आगया हो .