नई दिल्ली: भारत और फ्रांस के बीच रफ़ाल सौदे पर आखिरी मुहर लग गई है। इस नए समझौते के तहत भारत 780 करोड़ यूरो में 36 रफ़ाल युद्दक वीमान फ्रांस से खरीदेगा। इस समझौते के कागज़ात पर तीन हफ़्तों में दस्तख़त होंगे और भारत ने विमानों का पहला जत्था मिलने में कम से कम 18 महीनों का वक्त लगेगा।क्या यह सौदा सस्ता है या मंहगा रहेगा , फ्रांस इस सौदे को और टाल सकता है हालांकि उसक प्रोडक्शन में इन्वेस्टमेंट तो होगा किन्तु यह एडवांस किसी और bussiness में भी लगाया जा सकता है वैसे भी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में यह एडवांस मनी काफी एहमियत रखती है ।
फ्रांस ने शुरुआत में पूरी हथियार प्रणाली से लैस 36 लड़ाकू विमानों के लिए 11 अरब यूरो की मांग की थी। कीमतों को लेकर ही यह सौदा अटका हुआ था, जो कि अब साफ हो गया है।सूत्रों के मुताबिक, इस समझौते के मुताबिक कम से कम 50 फीसदी एडवांस में देना होगा और फिर 15 फीसदी का भुगतान जल्द करना होगा। जब फ्रांस के साथ 25 जनवरी को इसको लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ तो राफेल की तरफ से कहा गया कि हम इस कदम से बहुत खुश हैं और हम अगले चार हफ्तों में इस डील को फाइनल करने में फ्रांस की सरकार की मदद करेंगे।
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के पास लड़ाकू विमानों की कमी है और अगर जल्द ही इस कमी को पूरा नहीं किया तो उसके लिए ऑपरेशनल जिम्मेदारी निभाना मुशिकल हो जाएगा।top bureau with other agencies inputs