जेरुसलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने और अमेरिकी दूतावास को तेलअबीब से येरुशलम शिफ्ट करने के फैसले पर मुस्लिम दुनिया मुख्यतया और पूरी में आम तौर पर इस ऐलान के विरुद्ध प्रदर्शन जारी हैं . मुस्लिम वर्ल्ड ने अमेरिका को साफ़ शब्दों में बताया दिया कि इस फैसले के बुरे परिणाम अमेरिका जल्द ही भुगतेगा.
इसी बीच तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को सीधे संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका आग से खेल रहा है और हम उसे अब उठकार भट्टी में डाल देंगे . गुरुवार को ग्रीस की यात्रा पर रवाना होने से पहले राजधानी अनक़रा में हवाई अड्डे पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा आख़िर क्या करना चाहते हैं ट्रम्प?उनका ये कदम हद पार करने जैसा है. उन्होंने कहा, “मिस्टर ट्रंप! येरूशलम मुस्लिमों के लिए लाल रेखा की तरह है.”
ध्यान रहे एर्दोगान ने मलेशियाई, ट्यूनीशिया, ईरान, कतर, सऊदी अरब, पाकिस्तान और इंडोनेशिया सहित सभी इस्लामिक देशों के प्रमुखों से बात कर इस मुद्दें पर तत्काल इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सदस्य देशों के नेताओं की इस्तांबुल में बैठक बुलाई है.
इसी के साथ उन्होंने तुर्की और इजरायल के बीच राजनयिक सबंध समाप्त करने का भी फैसला किया है. उन्होंने कहा, बैतुल मुक़द्दस का मामला हमारे लिए बहुत ही संवेदनशील है और अगर बैतुल मुक़द्दस को अमेरिका की ओर से ज़ायोनी शासन की राजधानी के रूप में औपचारिकता प्रदान की गई तो इस्तांबुल इसके ख़िलाफ़ इस्लामी सहयोग संगठन की आपातकालीन बैठक बुलाएगा.और अमेरिका को इसके लिए बुरे नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहना होगा .
एर्दोगान ने अपने बयान में कहा कि इज़राइल की राजधानी के रूप में यरूशलेम की पहचान केवल आतंकवादी संगठनों के लिए ही होगी. उन्होने कहा, मध्य पूर्व में कोई स्थायी शांति नहीं होगी, जब तक कि 1967 की सीमाओं के तहत पूर्व यरूशलेम की राजधानी के रूप में एक स्वतंत्र और सार्वभौमिक फिलिस्तीनी राज्य का गठन नहीं किया जाता.और इसके लिए पूरा मुस्लिम वर्ल्ड एक है ऐसा उनका यक़ीन है ,
तय्यब एर्दोगान ने ट्रम्प को धमकाया , कहा अमेरिका आग से खेल रहा, हम उठाकर उसे भट्टी में डाल देंगे
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