परिणामस्वरूप हमें समाचार वेबसाइट पत्रिका के रिपोर्ट में यह तस्वीर मिली। यह रिपोर्ट 25 सितम्बर, 2016 की है। इस रिपोर्ट के अनुसार “जम्मू-कश्मीर के अखनूर में भारत-पाक सीमा पार करते हुए लश्कर ए तय्यब का आतंकी अब्दुल कयूम को बीएसएफ के जवानों ने पकड़ लिया। कयूम ने बीएसएफ को बताया कि वह पाकिस्तान के सियालकोट का रहने वाला है और उसकी ट्रेंनिंग पाकिस्तान के शेखुपुरा जिले के मुकरिदे में हुई है। पूछताछ में कयूम ने बताया कि वह लश्कर के लिए फंड जुटा रहा था।” इस खबर को न्यूज़ स्टेट नामक जम्मू स्तिथ स्थानीय वेबसाइट सहित कई प्रमुख मीडिया चेनलों ने जैसे इंडिया टीवी, न्यूज़ X, इंडिया टुडे, न्यूज़ 18 और क्विंट ने भी उस वक़्त रिपोर्ट किया था। इनमें से किसी भी रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया है कि आतंकी को हथियार और पैसा RSS या कांग्रेस मुहैया कराती थी। चूँकि इन दावों का कोई सबूत नहीं है इसलिए इन्हें निराधार माना जा सकता है।
हमने पहले भी देखा है कि किस तरह एक ही जैसे कुछ तस्वीरों को दो अलग और झूठे दावे के साथ कर्नाटक के भाजपा और कांग्रेस नेताओं का बताकर फैलाया गया था। इस तरह एक पुरानी तस्वीर का गलत इस्तेमाल दोनों भाजपा और कांग्रेस के समर्थकों ने एक दूसरे पर आरोप लगाने के लिए किया है जिसमें नुकसान सिर्फ सोशल मीडिया यूजर्स का होता है जो गलत जानकारी के शिकार बन बैठेते हैं।