आप भी ज़ीरे का इस्तेमाल करते हैं तो बहुत ख़ास है यह ख़बर
क्या Cancer वाला ज़ीरा खा रहे दिल्ली वाले ? 9700 kg ज़हरीला ज़ीरा बरामद, , 5 सेकंड में ऐसे चलेगा नक़ली असली का पता
बचाव के लिए खबर के लास्ट में FSSAI के अधिकारीयों के no. भी उपलब्ध कराये गए हैं
New Delhi :ज़िंदगी केलिए शुद्ध खाना और शुद्ध पानी ज़रूरी है . लेकिन जब हम शुद्ध की बात करते हैं तो आज आपको कुछ भी Pure नहीं मिलता है . खाने पीने की चीज़ों को छोड़ दें आज आपको दवा भी शुद्ध नहीं मिल रही है .
ऐसे में क्या किया जाए और देशवासियों को शद्ध खाद्द्य पदार्थ मोहय्या कराना किसकी ज़िम्मेदारी है ? ज़ाहिर है यह सरकारों की ही ज़िम्मेदारी है . लेकिन जब बाजार में भ्रष्टाचार का बोलबाला होजाये तो औ आप धनिये में घोड़े की लीड , मिर्चों पीसी हुई ईंट.
काली मिर्च में पापीती के बीज , प्लास्टिक के अंडे और ना जाने किस किस में क्या क्या मिला हुआ होता है . मार्किट में नक़ली दूध की वीडियो आप देखते ही रहते हैं .
सरकारों की जड़ों में बैठा जो भ्रष्टाचार आपके बाजार के अंदर खाद्द्य पदार्थों में ज़हरीली मिलावट से देश की जनता की रक्षा नहीं कर सकता वो आतंकी बारूद और नारकोटिक्स से कैसे सुरक्षा कर सकता है ??
लेकिन क्या अप जानते हैं कि आपके किचन में मौजूद जीरा सहित अन्य मसालों को भी केमिकल के जरिए नकली तरीके से बनाया जाता है।
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने नकली जीरा बनाने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है। बवाना इलाके में इस कारखाने से नक़ली ज़ीरे के 485 बोरे बरामद हुए हैं ।
हर बोरे में 20 किलो मिलावटी जीरा था। ये लोग पत्थर का चूरा, सूजी और घास के पेस्ट से नकली ज़ीरा बनाते थे। और यह नक़ली ज़ीरा खारी बावली और राजस्थान, यूपी के थोक बाजारों में बेचा जाता था। स्थानीय लोगों की सूचना पर FSSAI और पुलिस ने मिलकर छापा मारा।
खान पान की कोई भी वास्तु नुकसान के अलावा फायदा तो पहुंचा ही नहीं सकती . बताया जा रहा है कि नकली ज़ीरे के सेवन से कैंसर जैसी भयानक बीमारी हो सकती है . किडनी और लीवर की पथरी जैसी खतरनाक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, नकली जीरे में इस्तेमाल होने वाले रसायन और रंग कैंसर पैदा कर सकते हैं। वे अच्छा जीरा, पत्थर का चूरा (स्टोन डस्ट), सूजी (सेमोलिना) और घास का पेस्ट मिलाकर नकली जीरा तैयार करते थे।
यह देखने में बिल्कुल असली जीरे जैसा लगता था। मिट्टी और सीमेंट की परत किडनी स्टोन और यूरिनरी ट्रैक्ट की बीमारियों का कारण बन सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस नकली जीरे के सेवन के खतरों के बारे में चेतावनी दी है। उनके अनुसार, नकली जीरे में मिलाए जाने वाले केमिकल और रंग (डाइज़) कैंसर (कार्सिनोजेनिक) का कारण बन सकते हैं। नकली जीरे में रंगने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन और रंग कैंसर पैदा कर सकते हैं।और ज़ाहिर है हर नक़ली खाद्द्य पदार्थ बीमारी ही पैदा करेगा .
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का मामला सामने आया है। 2018 में, गुजरात फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FSSAI) ने उंझा के पास उनावा के एक व्यापारी को सौंफ (फेनेल सीड्स) पर सफेद और भूरे रंग का पत्थर का पाउडर लगाकर नकली जीरा बनाते हुए पकड़ा था।
कैसे करें नक़ली और असली ज़ीरे की पहचान
ज़ीरे की जांच के लिए FSSAI ने एक आसान तरीका बताया है।अपनी हथेली पर थोड़ा जीरा रखें ज़ीरे को अच्छी तरह रगड़ें अगर हथेली का रंग काला हुआ तो समझें इसमें मिलावट की गई है.
खाद्द्य पदार्थों में मिलावट के लिए कहाँ Complaint करें …
नीचे दिए toll free no . या Email पर इसकी सूचना दे सकते हैं .
1800 112 100. email FSSAI at helpdesk-foscos@fssai.gov.in for general inquiries.
या नीचे दिए लिंक पर जाकर आप FSSAI के अधिकारीयों से भी बात कर सकते हैं , आपकी जागरूकता और एक फ़ोन देश को स्वस्थ बना सकती है .