
देश विदेश के वैज्ञानिकों , DR’s , Research Scholars और विद्वानों तथा हकीमों ने इस भव्य समारोह में की शिरकत , कई डॉक्टर्स और यूनै से जुड़े Scholars को किया गया सम्मानित
ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के तत्वाधान में नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू भवन में विश्व यूनानी चिकित्सा विज्ञान दिवस का भव्य आयोजन ” यूनानी में सर्जरी विषय “से किया गया . समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रोफ़ेसर मुश्ताक़ अहमद ने कहा कि भारत सरकार द्वारा सर्जरी का अधिकार केवल आयुर्वेद को दिए जाने की घोषणा से समस्त आयुष जगत आश्चर्यचकित है क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री ने आयुष मंत्रालय स्थापित करके उसके माध्यम से देश में प्रचलित स्वदेशी चिकित्सा पद्धतियों जैसे आयुर्वेद , यूनानी , योगा ,सिद्धा , और होम्योपैथी को शामिल किया गया था .
लेकिन खेद का विषय है की आयुष विभाग भारत सरकार द्वारा मातृ आयुर्वेद को ही सर्जरी का हक दिया हम भारत सरकार से मांग करते हैं प्रधानमंत्री जी के द्वारा प्रदत यूनानी के अधिकार की रक्षा की जाए और पहले की भांति सीसीआईएम द्वारा यूनानी को दिया गया अधिकार बरकरार रखा जाए साथ ही यूनानी में सर्जरी का अधिकार देने की अति शीघ्र घोषणा की जाए .
… यूनानी तिब्बी कांग्रेस द्वारा आयोजित विशाल नेशनल समारोह में सर्वसम्मति से यह मांग भी की गई की स्वतंत्रता सेनानी महान दार्शनिक , हिंदू – मुस्लिम एकता के प्रतीक मसीह उल मुल्क हकीम अजमल खान के जन्मदिन को राष्ट्रीय यूनानी गौरव दिवस के रूप में स्वीकार किया जाए …. उस गरिमा को बरकरार रखने के लिए हकीम अजमल खान को भारत रत्न से सम्मानित भी किया जाए और उनके द्वारा स्थापित आयुर्वेद एंड युनानी तिब्बिया कॉलेज करोल बाग नई दिल्ली को विश्वविद्यालय का दर्जा देकर अपग्रेड किया जाए ….

समारोह की शुरुआत करते हुए ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस AIUTC के राष्ट्रीय महासचिव डॉ सैयद अहमद खान ने कीनोट ऐड्रेस में कहा कि हकीम अजमल खान द्वारा स्थापित आयुर्वेद एंड युनानी तिब्बिया कॉलेज करोल बाग नई दिल्ली के 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं .इस अज़ीम इदारे का रकबा 75 एकड़ जमीन में फैला हुआ है जिसकी मात्र 25 एकड़ जमीन ही इस्तेमाल में लाई जा रही है . ….अतः उसका विस्तार करते हुए सरकार , देश की पहली इंटीग्रेटेड यूनानी – आयुर्वेद यूनिवर्सिटी बनाए जाने का कदम उठाये यह क़दम देश और जनता के हित में उठाया गया बड़ा क़दम होगा ..हकीम अजमल खान तिब्बिया कॉलेज 100 साल से 200 बिस्तरों पर आधारित स्वास्थ्य सुविधा जनता को उपलब्ध करता आया है…
ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि हकीम अजमल खान को और उनकी क़ौमी यकजहती ,एकता और अखंडता वाली विचारधारा को बढ़ावा देते हुए उनकी अज़ीम क़ुरबानी की याद में करोल बाघ तिब्बिया कॉलेज को मेडिकल विश्वविद्यालय घोषित कर दिया जाए…ताकि देश में यूनानी के माध्यम से देश की सेवा के अवसर प्रदान किये जा सकें .

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हमदर्द विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर M A जाफरी ने कहा कि यूनानी पैथी सदियों से भारत में प्रचलित है और जनता के भरोसे की प्रतीक भी है इसलिए भारत सरकार और प्रांतीय सरकारों को चाहिए वह जनता की इस भरोसेमंद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा दें ताकि जनहित में इसका उपयोग और बढ़ सके . उन्होंने कहा , यूनानी में शिक्षण और शोध दोनों समान रूप से आगे बढे , इससे जनता में यूनानी के प्रति और विश्वास बढ़ेगा …
इसके अलावा दिल्ली सरकार Examining Body के चेयरमैन डॉ प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि यूनानी पैथी और आयुर्वेद भारत के लोगों के मिजाज के मुताबिक है और हकीम अजमल खान हमारे प्रथम अभिन्न व्यक्तित्व का नाम है और वह प्रथम ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने व्यवहारिक रूप से आयुर्वेद और यूनानी को परवान चढ़ाया . डॉ प्रदीप अग्रवाल ने भी हकीम अजमल खान को भारत रत्न और आयुर्वेद एंड युनानी तिब्बिया कॉलेज करोल बाग नई दिल्ली को विश्वविद्यालय बनाने की वकालत की .

अन्य वक्ताओं में प्रोफेसर मोहम्मद इदरीश , डॉक्टर वेणु गोपाल आचार्य , डॉक्टर एसजीवी सत्या, प्रोफ़ेसर सैयद शाकिर जमील प्रोफेसर मोहम्मद अख्तर सिद्दीकी प्रोफेसर एमएम एच सिद्दीकी डॉक्टर डीआर सिंह , डॉ सैयद फारूक , प्रोफेसर जुगल किशोर , मोहम्मद असलम , प्रोफ़ेसर पंकज रंजन ,डॉक्टर जियाउर रहमान शेख आदि ने यूनानी की ज़रूरतों और उपलब्धियों के बारे में अपने ख्यालात व्यक्त किये .
इस मौके पर देश से आये हुए तमाम यूनानी डॉक्टर्स, स्कॉलर्स और रिसर्चर ने भाग लिया साथ ही डॉ सुम्बुल रहमान अस्सिस्टेंट प्रोफेसर ए एम यू अलीगढ़ का पी पी टी सर्जरी का इतिहास को भी प्रस्तुत किया गया ।
समारोह में देश विदेश की ख़ास शख्सियत ने हिस्सा लिया जिनमे मुख्यतय:डॉ मुहम्मद फ़ारूक़ (हिमालय ड्रग्स ) ,डॉ खुर्शीद अहमद शफ़क़त , डॉ MMH सिद्दीकी ,मुहम्मद आरिफ इक़बाल , डॉ सलीम क़िदवई डॉ हबीबुल्लाह , डॉ सबहतुल्लाह अमरोहवी , डॉ सबत अहमद त्यागी , डॉ मुहम्मद नासिर ,डॉ DR सिंह डॉ मुजीबुर्रहमान , डॉ मुहम्मद सऊद डॉ मुहम्मद आतिफ , डॉ इफ्तखार यूनुस मुंशी , डॉ क़मरुद्दीन ,डॉ शेख सुहेब शबाब डॉ तौहीद अहमद क़ासमी , डॉ रुबीना शाहीन अंसारी डॉ तज़मीन नय्यर मुहम्मद ओवैस गोरखपुरी , Adv मुहम्मद फरहान , हकीम नौशाद सिद्दीकी नदीम आरिफ , मुहम्मद इमरान कन्नौजी इत्यादि शामिल रहे , समारोह का संचालन डॉ इशरत कफील और डॉ तैयब अंजुम ने किया , मेहमानों का डॉ इल्यास मज़हर हुसैन (अध्यक्ष आल इंडिया यूनानी टिब्बी कांग्रेस हिमाचल प्रदेश ) ने किया .और इस पूरे समरोह को सफलता दिलाने में हकीम अताउर्रहमान अजमली ने अहम् भूमिका निभाई .