Ticker news is only displayed on the front page.
[]
Home » News » National News » वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम: 8 पायदान और लुढ़का भारत, अब 150वें स्थान पर, सोमालिया और श्रीलंका से भी बुरी हालत
वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम: 8 पायदान और लुढ़का भारत, अब 150वें स्थान पर, सोमालिया और श्रीलंका से भी बुरी हालत

वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम: 8 पायदान और लुढ़का भारत, अब 150वें स्थान पर, सोमालिया और श्रीलंका से भी बुरी हालत

वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत 8 पायदान और लुढ़क गया है। इसके साथ ही भारत की रैंक अब 150 है। इससे पहले भारत 142वें स्थान पर था। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि नेपाल को छोड़कर भारत के अन्य पड़ोसी देशों में भी गिरावट आई है। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान का 157वां, श्रीलंका का 146वां, बांग्लादेश का 162वां और म्यांमार का 176वां स्थान है।

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स 2022 वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स के मुताबिक, नेपाल वैश्विक रैंकिंग में 76वें स्थान पर पहुंच गया है जबकि पिछले साल उसे 106 स्थान पर रखा गया था। पिछले साल पाकिस्तान को 145वें, श्रीलंका को 127वें, बांग्लादेश को 152वें और म्यांमार को 140वें स्थान पर रखा गया था। इस साल नॉर्वे पहले, डेनमार्क दूसरे, स्वीडन तीसरे, एस्टोनिया चौथे और फिनलैंड पांचवें स्थान पर है जबकि उत्तर कोरिया 180 देशों की सूची में सबसे नीचे हैंइस इंडेक्स में रूस को 155वें स्थान पर रखा गया है जो कि पिछले साल 15वें स्थान पर था। जबकि चीन दो पायदान ऊपर चढ़ते हुए 175वें स्थान पर आ गया। पिछले साल चीन को 177वें स्थान पर रखा गया था। हैरान करने वाली बात यह है कि श्रीलंका जो आर्थिक संकट से गुजर रहा है और सोमालिया जो लगातार गृहयुद्ध से जूझता रहा है, आरएसएफ ने भारत को सोमालिया और श्रीलंका से भी पीछे रखा है।

READ ALSO  यूनानी धमाका : घर घर यूनानी हर घर यूनानी

अंतर्राष्ट्रीय गैर लाभकारी संगठन ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे पर रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स और नौ अन्य मानवाधिकार संगठन बारतीय अधिकारियों से पत्रकारों और ऑनलाइन आलोचकों को उनके काम के लिए निशाना बनाना बंद करने का आग्रह करते हैं।

बयान में आगे कहा गया है कि विशेष रूप से आतंकवाद और देशद्रोह के कानूनों के तहत उनपर मुकदमा चलाना बंद कर देना चाहिए। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने कहा कि भारतीय अधिकारियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करना चाहिए और आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के लिए राजनीति से प्रेरित आरोपों में हिरासत में लिए गए सभी पत्रकारों को रिहा कर देना चाहिए और उन्हें निशाना बनाना तथा मीडिया का गला घोंटना बंद कर देना चाहिए।

READ ALSO  संविधान के ख़िलाफ़ तख्तापलट आरम्भ : अरुंधति रॉय

अधिकारियों द्वारा पत्रकारों को निशाना बनाने के साथ-साथ असमहति पर व्यापक कार्रवाई ने हिंदू राष्ट्रवादियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरह से भारत सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों को धमकाने, परेशान करने और दुर्व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित किया है।वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स सामने आने बाद भारत के तीन पत्रकार संगठनों प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, प्रेस एसोसिएशन और इंडियन वुमेंस प्रेस क्लब ने एक संयुक्त बयान में कहा कि नौकरी की असुरक्षा बढ़ी है, वहीं प्रेस की स्वतंत्रता पर हमलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। भारत ने इस संबंध में रैंकिंग में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है।

इन संगठनों ने कहा कि पत्रकारों को को मामूली कारणों से कठोर कानूनों के तहत कैद किया गया है औक कुछ मौकों पर सोशल मीडिया मंच पर मौजूद कानून के स्वयंभू संरक्षकों से उन्हें जान के खतरे का सामना करना पड़ा है।

Please follow and like us:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

eight − 4 =

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Scroll To Top
error

Enjoy our portal? Please spread the word :)