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वरुण गांधी बढ़ा सकते हैं भाजपा की मुश्किलें ?

वरुण गांधी बढ़ा सकते हैं भाजपा की मुश्किलें ?

Lok Sabha Elections 2024: वरुण गांधी बढ़ा सकते हैं भाजपा की मुश्किलें ? चौंकाने वाले Reactions

लोकसभा की 543 सीट के लिए 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरण में चुनाव होना है। मतगणना चार जून को होगी

Lok Sabha Elections 2024: भारतीय लोकतंत्र का महा पर्व लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चूका है . सभी प्रत्याशी अपने सभी चालों को चलने केलिए तैयारी में मसरूफ हैं . लोकसभा की 543 सीट के लिए 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरण में चुनाव होना है। मतगणना 4 जून को होगी।

कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का एलान करना शुरू कर दिया है।दोनों पार्टियां अब तक उम्मीदवारों की छह सूची जारी कर चुकी हैं। इसमें दोनों ही तरफ से उत्तर प्रदेश के कई उम्मीदवारों का एलान किया गया है।

हेरात की बात यह है कि पार्टी ने पीलीभीत लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट काट दिया है। हालांकि, वरुण की माता श्री मेनका गांधी को सुल्तानपुर से चुनावी मैदान में उतारा गया है। बीते दो लोकसभा चुनाव से मेनका इसी सीट से सांसद हैं। पार्टी ने पीलीभीत से यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद पर डाव लगाया है।

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वरुण गांधी के बारे में सवाल किया गया कि क्या वो भाजपा की मुश्किलें बढ़ाएंगे ? इस पर लोगों ने सवाल के जवाब में 86 फीसदी पाठकों का मानना है कि हां, वरुण भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। इसके विपरीत 14 फीसदी लोगों का कहना है कि वरुण का टिकट काटने से पार्टी को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा ।

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में ही पीलीभीत में मतदान होना है। भाजपा समेत सपा-बसपा अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। सपा ने भगवत सरन गंगवार और बसपा ने अनीस अहमद खान उर्फ फूलबाबू को प्रत्याशी बनाया है।

भाजपा ने प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद को अपना प्रत्याशी बनाया है। सभी प्रत्याशी 27 मार्च (बुधवार) अपना नामांकन दाखिल करेंगे। 27 मार्च ही नामांकन की आखिरी तारीख है, लेकिन समाचार लिखे जाने तक वरुण का खेमा खामोश है। अब तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि वह नामांकन करेंगे या नहीं।

बता दें कि पीलीभीत लोकसभा सीट पिछले चार चुनावों से भाजपा के कब्जे में है। करीब तीन दशक से इस सीट पर गांधी परिवार का दबदबा रहा है। वरुण गांधी यहां से दो बार सांसद चुने गए हैं, जबकि उनकी माताश्री मेनका गांधी पीलीभीत से छह बार सांसद रह चुकी हैं।

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2009 के लोकसभा चुनाव में वरुण गांधी पहली बार पीलीभीत से सांसद बने। 2014 में भाजपा ने उन्हें सुल्तानपुर से चुनाव लड़ाया। इसमें उन्होंने जीत दर्ज की। 2019 में वह दोबारा पीलीभीत सीट से उतरे और फिर सांसद बने।

जैसा कि आपको ज्ञात है कि वरुण गांधी ने बीते कार्यकाल में कई बार अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते रहे .और अपने शीर्ष नेतृत्व को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं ।वरुण ,पार्टी के कई नेताओं पर भी हमलावर रहे।

हालांकि, कुछ समय पूर्व से उनके बयानों में नरमी आई थी, लेकिन तब तक उनके टिकट को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया। आखिरकार भाजपा ने उनका टिकट काटकर जितिन प्रसाद पर भरोसा जताया। जितिन पड़ोसी जनपद शाहजहांपुर के रहने वाले हैं।

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