वो हुआ अमेरिका की सड़कों पर जिसको देख दुनिया हैरान , मीडिया ख़ामोश
दोस्तों दुनिया की super power अमेरिका की सड़कों पर हालिया दिनों में एक तारीखी वाक़िया पेश आया लेकिन इसके बारे में चंद लोग ही जान पाए और वो इसलिए की यह वाक़िया दुनिया की बड़ी ताक़तों और हुकूमतों के ज़ालिमाना नीतियों की ख़िलाफ़ एक बड़ी बग़ावत है और वो भी फ़ौजी बग़ावत .
इसके बारे में आपको तफ़्सीली video दिखाऊंगा जो कहीं दस्तयाब नहीं है , लेकिन उससे पहले हम आपको बता दें दोस्तों ,,,,जब मुल्कों की हुक्मरान नाइंसाफ़ , ज़ालिम और कमीने बन जाते हैं ,इसके बाद हैवानियत का राज होता , जिसके नतीजे में धरती पर रब का क़हर नाज़िल होता है , जबकि हैवानो का राज इंसानो पर किसी सूरत सही नहीं होता ,और न होना चाहिए .
लेकिन जब हुक्मरान इंसाफ़ पसंद और रेहम दिल होते हैं तो इंसानियत ज़िंदा होती है , मानवता फलती और फूलती है और धरती अमन और शांति का चमन बन जाती है .हर तरफ सुकून होता है . दोतो यूँ तो दुनिया में ज़ुल्म और इंसानी क़त्ल ए आम की तारिख पुरानी है लेकिन तरक़्क़ी और सभ्यता के इस दौर में इराक़ , अफ़ग़ानिस्तान , सीरिया और फ़लस्तीन के ताज़ा हालात ने न सिर्फ़ इंसानियत को शर्मसार किया है बल्कि दिल को दहलाने वाले वाक़ियात सामने आते रहे हैं . और इसके लिए खुद अमेरिकन आर्मी के नौजवानो ने इंसानियत सोज़ कार्रवाई केलिए अमेरिकन गोवर्नमेंट और NATO Countries तथा UNO को ज़िम्मेदार ठहराया .
और अमेरिका में आयोजित एक बड़ी तक़रीब में अमेरिकन Army , UNO Peace keeping Foce तथा NATO Forces के अधिकारीयों ने इराक , अफ़ग़ानिस्तान में की गयी कार्रवाइयों के लिए पश्चाताप किया , जो इराक़ी और अफगानी मासूमों के क़त्ल इ आम पर बहादुरी के Medals उनको दिए गए थे उनको कूड़े दान या सड़कों पर फ़ेंक दिए इसके बाद दुनिया की मोहज़्ज़ब तरीन या Most Reputed समझी जाने वाली Forces के आला हुक्मरान और अफ़ग़ानिस्तान तथा इराक के मामलात पर Policy Makers की जो बेइज़्ज़ती और ज़लालत हुई इसका सिर्फ़ आप अंदाज़ा ही लगा सकते हैं . यह दुनिया में ऐसी घटना हुई है जिसको मीडिया में खुलकर बयां किया जाना चाहिए था किन्तु ऐसा नहीं हुआ .
दरअसल अमेरिका में जो हुआ वो दुनिया की तमाम ताक़तवर और मग़रूर हुकूमतों के लिए एक इबरत और अलार्म भी है , जिस रोज़ ज़ालिम क़ौमों के सिपाहियों और फ़ौजियों का ज़मीर जागेगा उस दिन उनकी हुकूमतों को इसी तरह ज़लील होना पड़ेगा .दरअसल अमेरिका में International Diaspora ने इराक और अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकन Forces के ज़ुल्म के ख़िलाफ़ एक सभा का आयोजन किया था , जिसमे अमेरिकन Armrd Forces के Retired अफसरों को निमंतरण दिया गया जिनको UNO और NATO Admin ने पुरस्कार दिए थे .
सभा में मौजूद लोगों ने झूठे आतंकवाद का पर्दा फाश किया और कहा दुनिया को झूठ बोलकर बहकाया जा रहा है और असल में वहां ऐसा कुछ नहीं जिसकी वजह से दोनों देशों को तबाह कर दिया गया और इस्लामिक आतंकवाद के नाम पर लगभग 2 करोड़ इंसानो का क़त्ल करा दिया .देशों की अर्थववस्था ख़त्म कैदी , करोड़ों लोगों को बेघर होना पड़ा . Armed Forces के Retired अफसरों के बयान हमने इस Article के लास्ट में डाले हैं , वो आप ज़रूर पढ़लें .
हम आपको बता दें इस Article के वायरल होने और ज़ालिम हुकूमतों का पर्दा फाश होने के बाद ज़ालिम हुक्मरान हो सकता है बोखला जाएँ ,और हमारे ख़िलाफ़ भी कोई Enquiry बिठा दी जाए , लेकिन …..
हम देखेंगे
लाज़िम है कि हम भी देखेंगे
वो दिन कि जिसका वादा है
हम महक़ूमों के पाँव तले
ये धरती धड़-धड़ धड़केगी
और अहल-ए-हक़म के सर ऊपर
जब बिजली कड़-कड़ कड़केगी
सब ताज उछाले जाएँगे
सब तख़्त गिराए जाएँगे
हम देखेंगे
लाज़िम है कि हम भी देखेंगे
वो दिन के जिसका वादा है
हम देखेंगे
अब दुनिया की मज़लूम और मग़लूब अवाम को इसी बात का इंतज़ार है की कब इन झूठे , ज़ालिम , नाइंसाफ़ , अय्याश और मक्कार हुक्मरान के ताज उछाले जाएंगे ,और कब उनके कुर्ते फाड़े जाएंगे …वैसे इस बात की शुरआत हो गयी है .
दुनिया में दर्जनों ऐसे वाक़्यात होरहे हैं जहाँ अवाम हुक्मरान के ज़ुल्म के ख़िलाफ़ सड़कों पर आगई है , और अवाम तख़्ता पलट कर रही है , जबकि इस बात की पूरी आशंका जताई जा रही है की अरब देशों के हुक्मरान अब बहुत दिन तक बादशाहत क़ायम नहीं रख पाएंगे और अवाम उनका भी जल्द ही तख्ता पलट सकती है. सऊदी शाह को चाहिए की वो बादशाहत की जगह खिलाफत के उसूलों पर आजायें वरना हश्र दोनों जहाँ का बुरा होना है . रब मुआफ़ फ़रमाये .
*NATO , UNO Armed Forces और American Armed Forces के इराक और अफ़ग़ानिस्तान में तैनात फौजी अफसरों ने अमेरिका में एक बड़े समारोह का आयोजन किया जिसमें उन्होंने इस बात को साफ़ किया की आतंकवाद के बहाने इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान को तबाह होते हमने आँखों से देखा है , वहां की बहनो और बच्चों को बिलकते देखा है , वहां निहत्थी और मासून जनता पर ज़ुल्म के पहाड़ हमने टूटते देखे हैं और हम उसमें शामिल रहे हैं , हम उसके लिए शर्मिंदा हैं और हमको बेहद अफ़सोस और मलाल है इस गुनाह का , अब उसके पश्चाताप के लिए हम यहाँ अफगानी और इराकी बहनो और मज़लूमों की एकजुटता के लिए हम यहाँ उपस्थित हुए हैं , और उन Medals को कूड़े दान में फेकने आये हैं जो हमको ज़ुल्म ढाने के लिए दिए गए थे .
और आतंकवाद सिर्फ झूठ है और दुनिया को क़ब्ज़ा करने का एक रास्ता है , बदनाम करने का रास्ता है . यहाँ हम आपको कुछ फ़ौजी अफ़सरों के बयानात लिख रहे हैं और इनको आप नीचे दी गयी वीडियो में सुन भी सकते हैं .
1 :मैंने इराक में दो दौरे किए, कोई भी पदक, रिबन या झंडे इन युद्धों के कारण मानव पीड़ा की मात्रा को कवर नहीं कर सकते। हमें यह कचरा नहीं चाहिए, हम अपने मानवाधिकार चाहते हैं! हम चाहते हैं कि हमारा अधिकार हमें वापस मिल जाए
2 : मैं यहाँ इराक और अफगानिस्तान के लोगों के साथ एकजुटता में आतंकवाद के ख़िलाफ़ वैश्विक युद्ध पर सेवा पदक को वापस करने के लिए आया हूं, दुनिया भर के बोहोत से देशों ख़ास तौर से इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान में हमने जो विनाश किया है, उसके लिए मुझे गहरा खेद है। मुझे अपने साथी दिग्गजों और अपनी अफगान बहनों के साथ इस मंच पर खड़े होने पर गर्व है। ये झुटा विश्व युद्ध है आतंकवाद के ख़िलाफ़ और मैं यह वापस दे रहा हूँ !
3 : मैं इराक में एक जैविक रासायनिक परमाणु विशेषज्ञ की हैसियत से मिशन में शरीक हुई थी उसके पास सामूहिक विनाश के कोई हथियार नहीं थे। ये सब झूट था, और हमने इराक़ को वीरान कर दिया ! मैं उन 4०,००० लोगों में से एक हूं जिन्होंने इराक Mission को छोड़ दिया और फ़ौज को भी क्योंकि यह एक झूठ है , और दुनिया में सब झूठ चल रहा है !
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