The hearing on the petition of Jamiat Ulama-i-Hind regarding the Protection of Places of Worship 1991 Act could not take place in the Supreme Court today
New Delhi: 5 December 2024 :In the backdrop of the Sambhal tragedy and the Hindu claim over the Ajmer Dargah, the petition filed by Jamiat Ulama-i-Hind on the instruction of its President Maulana Arshad Madani regarding the Protection of Places of Worship 1991 Act could not be heard in the Supreme Court of India today due to lack of time.
Upon the request of Jamiat Ulama-i-Hind, Chief Justice of India Sanjiv Khanna had agreed to hear this important case, and today he issued an order for the case to be heard before a bench of three judges. However, due to lack of time, the hearing could not take place.
The Chief Justice ordered the hearing of this case next week. Today, Senior Advocate Raju Ramachandran, Advocate Vrinda Grover, Advocate on Record Ijaz Maqbool, Advocate Shahid Ndeem, Advocate Saif Zia, Advocate Mujahid Ahmed and others were present in the court on behalf of Jamiat Ulama-i-Hind.
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Fazlur Rahman Qasmi
Press Secretary
Jamiat Ulama-i-Hind
09891961134
उपासना स्थल अधिनियम 1991 को लेकर जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी ,मुख्य न्यायाधीश ने अगले सप्ताह सुनवाई के आदेश दिए
नई दिल्ली: 5 दिसंबर 2024: संभल त्रासदी और अजमेर दरगाह पर हिंदू दावे के ख़िलाफ़ जमीयत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के निर्देश पर प्लेसेज़ ऑफ़ वर्शिप एक्ट यानि उपासना स्थल अधिनियम1991 के संबंध में दायर याचिका पर आज समय की कमी के कारण भारत के सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई नहीं हो सकी।
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अनुरोध पर भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई के लिए सहमति दे दी थी और आज उन्होंने मामले की सुनवाई तीन जजों की पीठ के समक्ष करने का आदेश जारी किया था ।लेकिन समय की कमी के कारण सुनवाई नहीं हो सकी।
मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह करने का आदेश दिया. आज जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से वरिष्ठ एडवोकेट राजू रामचंद्रन, एडवोकेट वृंदा ग्रोवर, एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एजाज़ मकबूल, एडवोकेट शाहिद नदीम, एडवोकेट सैफ़ ज़िया , एडवोकेट मुजाहिद अहमद और अन्य लोग अदालत में उपस्थित थे।
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फज़लुर्रहमान क़ासमी
प्रेस सचिव
जमीयत उलमा-ए-हिंद