अमेरिकी रक्षा प्रतिष्ठान Pentagon ने भारत को लेकर बड़ा दावा किया है। पेंटागन के एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने अमेरिकी सांसदों को बताया है कि भारत रूस से खरीदी गई S-400 मिसाइल सुरक्षा प्रणाली को जून 2022 यानी अगले माह तक तैनात करना चाहता है, ताकि वह पाकिस्तान व चीन के किसी भी खतरे का सामना कर सके.
मिसाइल एस-400 की खासियत:
S-400 मॉर्डन वारफेयर का सबसे उन्नत हथियारों में से हैं।
यह एक प्रकार का एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है, जो दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसमान में ही गिरा सकता है।
ये मिसाइल लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता रखती है।
S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है।
S-400 मिसाइल दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और AWACS विमानों को 400 किमी, 250 किमी, मध्यम दूरी की 120 किमी और कम दूरी की 40 किमी पर मार सकती है।
ये मिसाइल जमीन से 100 फीट ऊपर उड़ रहे खतरे की पहचान कर सकता है।
पेंटागन के खुफिया प्रमुख ने यह भी कहा कि भारत अपनी हाइपरसोनिक, बैलिस्टिक, क्रूज और वायु रक्षा मिसाइल क्षमताओं का तेजी से विकास कर रहा है। 2021 में भारत ने कई परीक्षण किए थे। भारत की कक्षा में उपग्रहों की संख्या बढ़ रही है। वह अंतरिक्ष संपदा के अपने लिए इस्तेमाल की क्षमताओं का तेजी से विस्तार कर रहा है। बेरियर ने कहा कि भारतीय सेना ने अपने देश की सीमाओं की रक्षा मजबूत करने और अपनी आक्रामक और रक्षात्मक साइबर क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए उन्नत रक्षा व निगरानी प्रणाली खरीदने की मांग की थी। इसके बाद दिसंबर 2021 में भारत को रूसी एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की प्रारंभिक डिलीवरी मिली।
भारत पाकिस्तानी और चीन के खतरों से बचाव के लिए जून 2022 तक एस-400 को तैनात करने की मंशा रखता है।