प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए दुनियाभर से निवेश आकर्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय ढांचागत पाइपलाइन परियोजनाओं के अंतर्गत सौ लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर मास्टर प्लान पर भी काम किया जा रहा है।
श्री मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंस के जरिए उत्तर प्रदेश के आगरा में मेट्रो परियोजना के निर्माण कार्य का उद्घाटन करने के बाद कहा कि आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि से बनने वाली इस मेट्रो परियोजना से आगरा में उच्च श्रेणी की सुविधाएं प्रदान करने से संबंधित मिशन को बल मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के बुनियादी ढांचे की एक बड़ी समस्या यह है कि नई परियोजनाओं की घोषणा तो कर दी जाती है, लेकिन इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया कि पैसा कहां से आएगा। श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने नई परियोजनाओं के लिए आवश्यक धनराशि सुनिश्चित की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान छोटे शहरों को आत्मनिर्भर भारत का आधार बनाने पर है और आगरा में मेट्रो परियोजना इसका एक उदाहरण है।
पर्यटन क्षेत्र के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने ई-वीजा योजना के तहत लाए गए देशों की संख्या में वृद्धि की है और होटल के कमरे का किराया काफी कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन और प्रसाद जैसी योजनाओं से पर्यटकों को आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। मेट्रो सेवाओं के आर्थिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि मेट्रो से प्राचीन शहर के पर्यटन क्षेत्र को भी मदद मिलेगी। श्री मोदी ने कहा कि सरकार के प्रयासों से भारत अब यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक में 34वें स्थान पर है जबकि 2013 में भारत इस सूचकांक में 65वें स्थान पर था। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कोरोना की स्थिति में सुधार हो रहा है इसलिए जल्द ही पर्यटन क्षेत्र का आकर्षण भी लौट आएगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 के बाद 450 किलोमीटर मेट्रो लाइन का परिचालन किया गया, जबकि इससे पहले यह मात्र 225 किलोमीटर थी। उन्होंने यह भी बताया कि एक हजार किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइनों पर काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश के 27 शहरों में इस पर काम जारी है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली से मेरठ तक पहली रैपिड रेल प्रणाली निर्माणाधीन है और राज्य के पश्चिमी भाग में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे सहित कई अन्य विकास कार्य प्रगति पर हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में रूक- रूक कर होने वाले कार्य अब शानदार तरीके से किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहरों के विकास के लिए चार स्तरों पर काम किया गया है- दीर्घकालिक समस्याओं का समाधान, आसान जीवन यापन, अधिकतम निवेश और आधुनिक तकनीक का अधिक से अधिक इस्तेमाल।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पहले, भवन निर्माताओं और घर खरीदारों के बीच कम विश्वास था। उन्होंने कहा कि कुछ गलत इरादे वाले लोग मध्यम वर्ग को परेशान करते हुए पूरे समूचे संपदा क्षेत्र को बदनाम करते हैं। उन्होंने कहा कि इस समस्या को दूर करने के लिए भू-संपदा (विनियमन और विकास) अधिनियम- आर ई आर ए कानून लाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि इस कानून के बाद, मध्यम वर्ग के लोगों को घर जल्दी ही मिलने लगे हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक सार्वजनिक परिवहन से हुए सर्वांगीण विकास के कारण शहरों में जीवन यापन आसान हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्घाटन आगरा से किया गया था और इस योजना के तहत शहरी गरीबों के लिए एक करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी दी गई है। शहर के मध्यम वर्ग के लिए पहली बार घर खरीदने के लिए सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक 12 लाख से अधिक शहरी मध्यम वर्गीय परिवारों को घर खरीदने के लिए लगभग 28 हजार करोड़ रुपये की मदद दी गई है। उन्होंने कहा, अमृत मिशन के तहत कई शहरों में पानी और सीवर जैसी बुनियादी सुविधाओं का उन्नयन किया जा रहा है और शहरों में सार्वजनिक शौचालयों को बेहतर बनाने और अपशिष्ट प्रबंधन की एक आधुनिक प्रणाली को लागू करने के लिए स्थानीय निकायों को मदद दी जा रही है। उन्होंने कहा कि देश के शहरी मध्यम वर्ग को घर, स्वास्थ्य कार्ड, ऋण और अन्य आर्थिक मदद पर सब्सिडी के मामले में सरकार से कई सुविधाएं मिल रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर कोई कोरोना वैक्सीन की प्रतीक्षा कर रहा है लेकिन इसका ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि लोगों को उचित सामाजिक दूरी के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए जब तक यह वैक्सीन नहीं आ जाती।
केंद्रीय आवासन और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर मौजूद थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आगरा मेट्रो रेल परियोजना से राज्य के बुनियादी ढांचे को गति मिलेगी और आम जनता के लिए बेहतर परिवहन उपलब्ध होगा।
आगरा मेट्रो परियोजना 29 दशमलव चार किलोमीटर लंबी है और इसमें दो गलियारे हैं जो ताजमहल, आगरा किला तथा सिकंदरा जैसे प्रमुख पर्यटक आकर्षण रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों से जुडेंगे। इस परियोजना से शहर की 26 लाख आबादी को लाभ पहुंचेगा और हर साल आगरा आने वाले 60 लाख से अधिक पर्यटकों से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत आठ हजार तीन सौ उन्यासी करोड़ रूपए है और यह पांच वर्षों में पूरी होगी।