पाकिस्तान के खैबर पख्तून खां में आतंकी हमला 35 लोगों की मौत ,200 घायल :जमीयत उलेमा इस्लाम की रैली में ब्लास्ट
पाकिस्तान के खैबर पख्तून खां राज्य के बाजौर में आज Sunday को एक पॉलिटिकल रैली में ब्लास्ट हुआ। पुलिस ने इसे आतंकी हमला बताया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 35 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 लोग घायल हैं। ‘जियो न्यूज़ ’ के अनुसार घटना बाजौर की खार तहसील की है। यहां सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल जमीयत उलेमा इस्लाम फजल (JUI-F) की रैली चल रही थी। पार्टी ने 35 कार्यकर्ताओं के मारे जाने की खबर दी है .
इस रैली को JUI-F यानी जमीयत उलेमा इस्लाम फज़ल के सीनियर लीडर हाफ़िज़ हमदुल्लाह संबोधित करने वाले थे, लेकिन वो किसी वजह से यहां पहुंच नहीं सके। बाद में मीडिया से बातचीत में हमदुल्लाह ने बताया , हमारे करीब 35 कार्यकर्ता इस दहशतगर्द हमले में मारे गए हैं। मैं इस घटना की निंदा करता हूं। और हमारे हौसले इस तरह के हमलों से पस्त नहीं होंगे।
हमदुल्लाह ने आगे कहा- इस तरह के हमले पहले भी होते रहे हैं। इनकी गहराई से जांच होनी चाहिए। हमें तो किसी तरह की सिक्योरिटी भी मुहैया नहीं कराई जाती। अब हम इस मसले को संसद में उठाएंगे।
कौन है इस हमले के पीछे ?
पुलिस के मुताबिक ब्लास्ट शाम करीब 4.30 बजे हुआ। इस वक्त रैली में काफी लोग मौजूद थे। माना जा रहा है कि हमलावर पार्टी समर्थकों के बीच ही मौजूद था। इसलिए इसे फिदायीन हमला माना जा रहा है।
JUI-F के चीफ मौलाना फजल ने घटना के बाद प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से बातचीत की और उन्हें इस हमले मुम्किना जानकारी दे दी है । सरकार ने आनन् फानन घटना की जांच का हुक्म दे दिया है । घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है , और मज़ीद Casualties का अंदेशा जताया जा रहा है .
पाकिस्तान पीपुुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी के मुताबिक यह हमला मुल्क को कमजोर करने की साज़िश बताया गया है। उन्होंने कहा सरकार आतंकियों से निपटने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
JUI-F इस्लामी संगठन के अफगान तालिबान से करीबी रिश्ते बताये जाते हैं और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से भी क़रीबी सम्बन्ध हैं । इस बाबत इस इलाके में तालिबान द्वारा हमले आशंका न के बराबर बताई जा रही है ।
खैबर पख्तून खां (KP) के कार्यवाहक सूचना मंत्री फ़िरोज़ शाह जमाल ने मृतकों और घायलों की संख्या की पुष्टि करते हुए कहा कि बाजौर और आसपास के इलाकों के अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
Media से बात करते हुए उन्होंने कहा, अभी हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता घायलों को चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराना है.घटना स्थल की घेराबंदी कर दी गई है. जमाल ने कहा, पाकिस्तानी सेना और अन्य संस्थान ऑपरेशन में हमारी पूरी मदद कर रहे हैं.
लेकिन सवाल यह पैदा होता है कि अगर तालिबान ने हमला नहीं किया तो फिर इसके पीछे कौन है। पाकिस्तान सरकार और तालिबान के बीच बातचीत कराने में जमीयत चीफ़ मौलाना फ़ज़्लुर्रहमान का अहम रोल था। हालांकि बाद में इस बातचीत का कोई लाभ न हो सका और नाकाम रही थी।
फ़िलहाल सरकार और पार्टी की प्राथमिकता घायलों के इलाज और हमले की जांच पर टिकी है . Agency