दिल्ली में बुधवार को हुई अपोजिशन की अहम बैठक में राष्ट्रपति चुनाव के लिए दो नाम प्रपोज किए गए हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ये बैठक बुलाई थी। करीब 2 घंटे की बैठक के बाद उन्होंने गोपाल गांधी और फारुक अब्दुल्ला का नाम प्रपोज कियाएक तरफ ममता बनर्जी ने जहां 16 विपक्षी दलों के साथ दिल्ली में बैठक की।
वहीं इस मीटिंग के चंद घंटे बाद ही सत्ता पक्ष की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी एक्टिव हो गए।
इससे पहले दिल्ली में ममता बनर्जी के नेतृत्व में विपक्षी दलों की मीटिंग करीब दो घंटे तक चली।
बैठक में ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर गांधी जी के पोते गोपाल गांधी और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला का नाम प्रपोज किया। इसके बाद शरद पवार ने भी कहा कि हम नाम पर रायशुमारी कर रहे हैं।बैठक में शिवसेना और कांग्रेस समेत 16 दल शामिल थे। आम राय यह बनी कि पूरे विपक्ष का एक ही कैंडिडेट होगा।
इस बैठक में आम आदमी पार्टी ने हिस्सा नहीं लिया। उधर, न्योता न मिलने पर असदुद्दीन ओवैसी भी नाराज हो गए। इससे पहले मंगलवार को शरद पवार ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।बैठक में कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआईएमएल, आरएसपी, शिवसेना, एनसीपी, राजद, एसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, जद (एस), डीएमके, आरएलडी, आईयूएमएल और झामुमो के लीडर्स शामिल हुए।
इधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात की है।ममता ने विपक्ष के 8 सीएम सहित 22 नेताओं को चिट्ठी लिखकर बैठक में शामिल होने का अनुरोध किया था। खास बात यह है कि इस बैठक में कांग्रेस भी शामिल हुई।
कांग्रेस की ओर से इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए। देश में 18 जुलाई को राष्ट्रपति का चुनाव होना है जिसको लेकर विपक्ष भाजपा के खिलाफ लामबंद हो रहा है।ममता बनर्जी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के सीएम पिनराई विजयन, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, पंजाब के सीएम भगवंत मान और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी समेत 22 नेताओं को पत्र लिखा है।18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी है, वहीं 21 जुलाई को नतीजे आएंगे।
संविधान के नियमों के अनुसार देश में मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने से पहले अगले राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है