अठावले ने महराष्ट्र सरकार गठन के लिए दिया नया फार्मूला ,संजय राउत ने कहा शुक्रिया मगर …….
नई दिल्ली: महाराष्ट्र सरकार का गठन सियासी पंडितों के लिए भी टेढ़ी खीर बना हुआ है , हर रोज़ नए सियासी समीकरण से सुबह होती है और शाम होते होते टायें टायें फिश ।इस सियासी सस्पेंस का अंत कब होगा कहा नहीं जा सकता , हालांकि संजय राउत ने भरोसा जताया कि शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार जल्द ही सत्ता में आएगी।
महाराष्ट्र सरकार गठन के सम्बन्ध में कोशिशें लगातार जारी है। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भी अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए महाराष्ट्र में सरकार गठन का नया फॉर्मूला देने चाहते हैं । रामदास अठावले ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा था कि उन्होंने बीजेपी और शिवसेना में समझौते के लिए संजय राउत को मैंने एक नया फॉर्मूला सुझाया है। जिसके तहत 3 साल मुख्यमंत्री बीजेपी का रहे और 2 साल शिवसेना का ।
रामदास अठावले के इस सुझाव पर संजय राउत (Sanjay Raut) का Reaction आया उन्होंने कहा कि आपका शुक्रिया, लेकिन हमें इसकी जरूरत नहीं है। रामदास जी को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।संजय राउत ने भरोसा जताया कि शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार जल्द ही सत्ता में आएगी।
बता दें इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने सोमवार देर शाम NCP प्रमुख शरद पवार से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की थी। जबकि शरद पवार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इसी सम्बन्ध में मुलाकात कर चुके थे पवार ने बताया कि सोनिया गांधी के साथ राज्य के राजनीतिक हालात को लेकर बात हुई।
उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के साथ मुलाकात में महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक गतिरोध पर चर्चा हुई । शरद पवार से मुलाकात के बाद न्यूज एजेंसी से शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि मुझे भरोसा है कि जल्द ही सरकार बन जाएगी।
शिवसेना (Shiv Sena) नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि सरकार बनाने की जिम्मेदारी हमारी नहीं थी। जिन लोगों की यह जिम्मेदारी थी, वे भाग गए, राउत का इशारा सीधे सीधे बीजेपी की तरफ था उन्होंने एक बार फिर अपना ब्यान दोहराते हुए कहा मुझे विश्वास है कि जल्द ही सरकार बन जाएगी।
आपको यहाँ यह बताना भी ज़रूरी है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों का ऐलान 24 अक्टूबर को ही हो गया था। जिसको आज 26 दिन का वक़्त गुज़र चूका है , यादरहे महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में बीजेपी 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ा दल बनकर सामने आई थी, वहीं शिवसेना 54 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी । नतीजों के बाद BJP और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद हो गया जो आज तक जारी है । अब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने की नई गुंजाइश को देख रही है जिस पर फिलहाल बातचीत का दौर जारी है।