[]
Home » Editorial & Articles » क्या हिन्दू शब्द आतंकवाद का पर्याय हो गया है?

क्या हिन्दू शब्द आतंकवाद का पर्याय हो गया है?

पं. किशन गोलछा जैन, ज्योतिष, वास्तु और तंत्र-मंत्र-यन्त्र विशेषज्ञ

कल भक्तों के पापा और ताऊ दोनों बरस रहे थे कि हिन्दू आंतकवादी नहीं होते … ब्लां ब्लां ! वे दुसरों को इतना मुर्ख समझते हैं कि उनकी कही बात पर दूसरे आसानी से यकीं कर लेंगे. यहां मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं आंतकवाद का समर्थन नहीं करता, चाहे वो मुस्लिम आंतकवाद हो या भगवा आंतकवाद !

आखिरकार हिन्दू या भगवा शब्द को आंतकवाद से क्यों जोड़ा जाता है ?
असल में संपूर्ण हिन्दुओं को भगवा आंतक से नहीं जोड़ा जाता बल्कि कट्टरवादी हिन्दुत्ववादियों को भगवा या हिन्दू आंतक कहा जाता है. क्योंकि आपने देखा होगा कि हमेशा आईएसआई से संबंधों में और आंतकी गतिविधियों में भाजपाई और उनके सहयोगी दलों के लोग ही होते हैं.
जब हम कहते थे कि ‘आंतकवाद का धर्म नहीं होता’ तो ये भगवे आंतकी कहते थे कि ‘फिर हरेक आंतकी मुस्लिम ही क्यों होता है ?’

और अब हम कहते हैं कि पकड़ा जाने वाला देशद्रोही या आंतकी भाजपा या इसके सहयोगी दलों का समर्थक या कार्यकर्त्ता ही क्यों होता है ? तो उनको भूतझोलकिया मिर्च लग जाती है कि धर्म को और उसके रंग को आतंक से कैसे जोड़ा जा सकता है ? अब ये लोग चुनावी मंचों पर अपने धर्म के अपमान और आंतकवादी कहलाये जाने के गुस्से से भरे हुये दिख रहे हैं लेकिन ये ही लोग बरसों से ‘इस्लामिक आतंकवाद’ शब्द का प्रयोग कर रहे थे.

इस्लाम को आतंक का पर्याय मान रहे थे, जब उन पर खुद पर पड़ी तो अब सफाई देते फिर रहे है कि आतंक का रंग और धर्म नहीं होता जबकि इस देश में मुस्लिम आज भी विभाजन की तोहमत लेकर जीता है ! जिन लोगों ने विभाजन के बाद भारत को अपना वतन चुना और राष्ट्र की सेवा की, यही पले, बढे और मरे, पीढ़ियों की पीढियां इस माटी में खप गयी, फिर भी उन्हे आतंकवादी कौम बताया जाता है.

‘भगवा आंतकवाद’ के नाम से जो गुस्सा और अपमान आज हिन्दू महसूस कर रहे हैं वही गुस्सा और अपमान इस देश के वतनपरस्त मुस्लिम भी महसूस करते हैं, जब ‘इस्लामिक आतंकवाद’ या ‘मुस्लिम आंतकवाद’ कह कर उनकी पूरी कौम को बदनाम कर उन्हे आतंकवादी ठहराया जाता है.

1984 के समय पंजाब में आंतकी पार्टी और खालिस्तान के समर्थक अकाली दल और कश्मीर में आंतकवाद की पोषक पार्टियों के साथ गठबंधन करने के बाद भी आपको कैसे देशभक्त समझे ? हम ये मानते हैं कि आतंक का कोई रंग या धर्म नहीं होता.

आतंकवादी विकृत मानसिकता का व्यक्ति होता है जिसके दिमाग को तरह-तरह के अतिवाद से शून्य कर दिया जाता है. लेकिन अगर आप आंतकवाद को दुसरों के साथ जोड़ेंगे तो यकीन मानिये हम आपके आंतकवादी होने के इतने सबूत लेकर बैठे हैं कि आप उन सबूतों की गिनती करते-करते मर जाओगे लेकिन वो ख़त्म नहीं होंगी.

फिलहाल तो ये कुछ नाम है जो आरएसएस/बीजेपी और उसके सहयोगी दलों जैसे विहिप, बजरंगदल, एचएसएस इत्यादि के कई उग्रवादी हिन्दू संगठनों के साथ जुड़े रहे और भारत के साथ गद्दारी की, देशद्रोह किया और आंतकवाद फैलाया.

इस लिस्ट को हम शुरू से यानि गोडसे से नहीं ले रहे क्योंकि इससे तो लिस्ट इतनी लम्बी हो जायेगी कि उसे कई दिन तक लगातार लेख लिखना पड़ेगा या सीरीज लिखनी पड़ेगी. वैसे भी पुराने हिन्दू आंतकियो को तो सब जानते ही हैं इसलिये ये कुछ नये भगवा आंतकियों के नाम ही बता रहा हूं, यथा –

नाम : माधुरी गुप्ता
काम : पाकिस्तान में भारतीय दूतावास के लिए काम करना.
आरोप : विश्व की खतरनाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए अपने ही देश की जासूसी की.

नाम : रविंदर सिंह
काम : रॉ का अधिकारी
आरोप : अमरीकी खुफिया एजेसी सीआईए के लिये देश की जासूसी की लेकिन भारत की पकड़ में आने से पहले ही लापता.

नाम : सुखजिंदर सिंह
काम : नौसेना अधिकारी
आरोप : एक रूसी महिला के साथ कथित सम्बन्ध की जांच जारी …

नाम : मनमोहन शर्मा
काम : चीन में भारतीय दूतावास में वरिष्ठ अधिकारी
आरोप : एक चीनी महिला के साथ सम्बन्ध के बाद भारत वापस बुला लिया गया. चीनी महिला पर मुखबिर होने का शक.

नाम : रवि नायर
काम : 1975 बैच के रॉ अधिकारी
आरोप : 2007 में एक लड़की के साथ दोस्ती के बाद वापस बुलाया गया. लड़की चीनी जासूसी एजेंसी की मुखबिर.

नाम : अताशे
काम : भारतीय नौसेना में कार्यरत
आरोप : पाकिस्तान में विदेशी खुफिया एजेंसियों से कथित तालमेल का आरोप

नाम : यशोदानंद सिंह
काम : रिटायर्ड सीआरपीएफ का सब इंस्पेक्टर
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचने वाले गिरोह का सरगना.

नाम : विनोद पासवान
काम : हवलदार सीआरपीएफ
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचे.

नाम : दिनेश सिंह
काम : हवलदार सीआरपीएफ
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचे

नाम : बंशलाल
काम : उत्तर प्रदेश पुलिस
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचे.

नाम : अखिलेश पाण्डेय
काम : उत्तर प्रदेश पुलिस
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचे.

नाम : राम किरपाल सिंह
काम : उत्तर प्रदेश पुलिस
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचे.

नाम : नत्थी राम
काम : मुरादाबाद पुलिस अकादमी
आरोप : नक्सलियों को हथियार बेचे.

सुनील जोशी : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता. 90 के दशक से लेकर 2003 तक मध्य प्रदेश के महु और देवास में सक्रिय. समझौता एक्सप्रेस कांड और अजमेर शरीफ की दरगाह पर हुए धमाकों के आरोपियों की फेहरिस्त में नाम शामिल.

संदीप डांगे : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक हैं और 90 के दशक से 2006 तक महु, इंदौर, उत्तरकाशी और साझापुर में सक्रिय रहे हैं. इन पर समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद और अजमेर धमाकों की साजिश में शामिल होने का आरोप है. फिलहाल फरार.

लोकेश शर्मा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर कार्यवाहक. देवगढ़ में घर. समझौता एक्सप्रेस कांड और मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया.

स्वामी असीमानंद : 90 के दशक से 2007 तक गुजरात के डांग स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा वनवासी कल्याण परिषद से जुड़ाव. समझौता एक्स्प्रेस, मक्का मस्जिद और अजमेर धमाकों में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया जा चुका है.

राजेंद्र (उर्फ समुंदर) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वर्ग विस्तारक रहे. समझौता एक्सप्रेस और मक्का मस्जिद धमाके के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.

मुकेश वासानी : गोधरा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता रहे. अजमेर ब्लास्ट में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया गया है.

देवेन्द्र गुप्ता : महु और इंदौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे. अजमेर ब्लास्ट के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है.

चंद्रशेखर लेवे : 2007 में शाहजहांपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे. मक्का मस्जिद ब्लास्ट में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया जा चुका है.

कमल चौहान : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक. समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद और अजमेर धमाकों की साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है.

रामजी कालसंगरा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोगी. समझौता एक्सप्रेस कांड और मक्का मस्जिद ब्लास्ट में शामिल होने का आरोप है. फिलहाल फरार.

इसके अलावा साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय जैसे कितने ही आंतकियों को सरकारी दबाव देकर क्लीन चिट दिलवाई गयी और जेल से छुड़वाया गया. इनमें से बहुत से ऐसे लोग भी थे जिन्होंने ISI द्वारा पोषित आतंकी संगठनों से प्रशिक्षण भी लिया था, यथा – सोमवीर सिंह, त्रिलोक सिंह, कुश पंडित, मनीष, माधुरी गुप्ता, मोहित अग्रवाल, ध्रुव सक्सेना, संदीप, बलराम सिंह, रितेश सिंह, जीतेन्द्र ठाकुर, अच्युतानंद मिश्रा, निशांत अग्रवाल, नंदलाल महाराज (35 किलो आरडीएक्स भारत में विस्फोट के लिए उपलब्ध कराया), सुधा गुप्ता (रक्षा मंत्रालय से), रोहित रस्तोगी, शिवेंद्र मिश्रा, हर्षिल गुप्ता, विशाल कक्कड़, राहुल सिंह, ऋषि बोरा, श्याम बाबू, उत्तम शुक्ला, विशाल वर्मा, बलराम सिंह, कुश पंडित, जितेंद्र ठाकुर (भाजपा पार्षद पति का भाई), रितेश खुल्लर, त्रिलोक भदोरिया, मनीष गांधी, मोहित अग्रवाल, ध्रुव सक्सेना, मोहन भारती, संदीप गुप्ता.

ये तो सिर्फ कुछ एक ही नाम हैं. असल में तो हिन्दू आंतकियों की लिस्ट में 4 लाख से भी ज्यादा नाम हैं, जिसमें ISI से वेतन लेने वाले से लेकर दंगे करने वाले तक के नाम हैं, जबकि भाषणों में धर्म और देश के कुछ ठेकेदार जो बकवास करते हैं, वो आपने कल सुनी ही होगी सो उसका जिक्र नहीं करूंगा. ये याद रखिये अगर आप दुसरों के धर्म को आंतकवाद से जोड़ेंगे तो खुद भी भगवा आंतकी या हिन्दू आंतकी सुनने के लिये तैयार रहे.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण)
इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति टाइम्स ऑफ़ पीडिया उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार टाइम्स ऑफ़ पीडिया के नहीं हैं, तथा टाइम्स ऑफ़ पीडिया उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।
Please follow and like us:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

1 × 2 =

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Scroll To Top
error

Enjoy our portal? Please spread the word :)