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Kissan Aandolan2 :इसपर किसानों का Control नहीं है बल्कि….

Kissan Aandolan2 :इसपर किसानों का Control नहीं है बल्कि….

Ali Aadil Khan , Editor’s Desk

Kissan Aandolan2 : ……..से पहले भारत रत्न दिए जाने के उस रास्ते से गुज़रना चाहते हैं जिसको मोदी सरकार ने आगामी चुनावों के मद्देनज़र तैयार किया है !!

Kissan Aandolan2 : किसानों का शम्भू और सीकरी बॉर्डर पर होता उग्र प्रदर्शन सरकार के लिए चिंता का बड़ा विषय बन रहा है .हालाँकि आज शाम सर्कार और किसानों के बीच बात चीत शुरू हो गयी है वीडियो बनाये जाने तक मीटिंग का निष्कर्ष सामने नहीं आया है . इस बीच पंजाब में toll plaza को फ्री कर दिया है , पंजाब के राजपुरा रेलवे ट्रैक पर धरना चल रहा है . इसका ऐलान किसानों ने पहले ही कर दिया था .

सरकार के 2 नारों का ज़िक्र यहाँ ज़रूरी है आत्म निर्भर भारत और आपदा में अवसर . इस का एक नमूना एक बार फिर हरियाणा में डबल इंजन की सरकार में देखने को उस वक़्त मिला जब हरयाणा के गांवों के निवासी 100 रूपये लेकर दिल्ली आने वालों को रास्ता बता रहे थे शायद उनको थोड़ी देर के लिए ही सही मगर अपने आत्म निर्भर होने का एहसास हो रहा होगा .

.. या फिर इसको आपदा में अवसर के रूप में भी देखा जा रहा होगा उसकी वजह यह थी की इस वक़्त पूरे हरियाणा से दिल्ली आने वाले तमाम रास्ते बंद हैं , हरियाणा सर्कार ने किसानो को रोकने के लिए भयंकर नाकाबंदी , काँटा बंदी , कीलों का लगाया जाना और सीमेंट की दीवारें , गोलाबारी और बाक़ी सब इंतज़ाम किये हुए है . हरयाणा से दिल्ली का 3 घंटे का सफर 9 घंटे में पूरा हो रहा है था . और यह यह रास्ते सरकार ने बंद किये हुए हैं इसपर कोई किसानों का Control नहीं है .

इस पूरे मामले पर ग़ुस्साये चंडीगढ़ HC ने पूछा था किस्से पूछकर आपने रास्ते बंद किये हैं ? किसान आपके सूबे में प्रदर्शन नहीं कर रहे वो तो दिल्ली जा रहे हैं .HC ने कहा था की बल का प्रयोग सर्कार का आखिरी क़दम होना चाहिए .

मगर यहाँ तो लग ही नहीं रहा ये अपने देश के किसान अपनी मांगे लेकर सर्कार के द्वार आ रहे हैं ,,, सरकार की इन तैयारियों से लग रहा है जैसे कोई दुश्मन की फ़ौज भारत की राजधानी पर हमला करने आ रही है … ड्रोन से गोले , तमाम बॉर्डर्स पर सीमेंट की दीवारें , कीलें कांटे , उच्चतम चरण की बेरीगेटिंग , Para Military के हज़ारों जवानों की बॉर्डर्स पर तैनाती और action mode में जवान मानो हमले के आदेश का इंतज़ार ही कर रहे हों .

हम अपनी बातचीत को आगे बढ़ाने से पहले भारत रत्न दिए जाने के उस रास्ते से गुज़रना चाहते हैं जिसको मोदी सरकार ने आगामी चुनावों के मद्देनज़र तैयार किया है .और इसके ज़रिये वो सत्ता के सिहांसन तक का सफर आसान बनाना चाहते हैं …इसपर क्या कहना है जस्टिस मारकंडे का पहले ज़रा यह देख लेते हैं …

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हालांकि उनका लेख काफी बड़ा है और वीडियो को मुख़्तसर रखने के लिए हम उनकी मंशा आपके सामने रखना चाहते हैं उनका मानना है ” भारत रत्न, भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है जो भारत के राष्ट्रपति द्वारा “जन कल्याण के लिए किसी भी क्षेत्र में ग़ैर मामूली सेवा के लिए दिया जाता है।

उन्होंने कहा , इस बार 5 में से 4 विजेताओं की राजनैतिक जीवन का सफर भारत के स्वभाव के अनुरूप नहीं रहा बल्कि . ख़ास तौर से नरसिंहा राव के बारे में उन्होंने कहा की बाबरी मस्जिद विध्वंस और JMM के सांसदों को वोट हासिल करने के लिए रिश्वत दिए जाने के मामले में राव की आपराधिक भूमिका का ज़िक्र किया ..

इसी तरह लाल कृष्ण अडवाणी को राम मंदिर के लिए देश में सामाजिक और धार्मिक बंटवारे के लिए जस्टिस काटजू ने उनको ज़िम्मेदार बताया . उन्होंने चौधरी चरण सिंह और कर्पूरी ठाकुर के राजनितिक जीवन पर भी Criticise किया है . अलबत्ता पांचवें भारत रत्न विजेता स्वामी नाथन पर कोई टिपण्णी नहीं की है .

,,,,,मोदी सर्कार द्वारा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न का ऐलान किये जाने के बाद जयंत का दिल खुश हो गया था आपको बतादें NDA के साथ आने के बाद कहा जाने लगा की जयंत भी अपने पिता की तरह अपने दादा की विरासत को सँभालने में नाकाम रहे , जिस सर्कार पर 700 से ज़्यादा किसानों की मौत का इलज़ाम है , जिस सर्कार पर किसानों के मुक़ाबले साहूकारों को नवाज़ने का आरोप है .

जयंत का दिल अगर ऐसी सर्कार से खुश है तो यह उनके नैतिक और राजनितिक पतन का कारण बन सकता है , बशर्ते के जयंत के समाज के लोग अपने ज़मीर का सौदा न करें . अगर आज नहीं तो दुःख का एहसास कब और कैसे किया जाएगा जयंत ? क्या जयंत ने किसानों की राजनीती छोड़ दी है और YESS MAN RAGIMENT में भर्ती हो गए हैं ?

जयंत ने संसद में कहा था की मोदी में उनको अपने दादा की झलक नज़र आती है .क्या आपके दादा की यही तस्वीर थी ? जो आज मोदी की किसानो के सामने है ? जयंत का यह विचार चौधरी चरण सिंह का अपमान है ……. याद रहे किसी को सम्मानित करने का मतलब उसकी विचारधारा को खरीद लेने के लिए नहीं होता , लेकिन अगर कोई खुद ही अपनी विचारधारा को छोड़ दे तो इसमें सम्मानित करने वाले का कोई क़ुसूर नहीं …..

हमारा मतलब है जिन विचारों और आदर्शों के लिए चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिया गया है वो आज जयंत में नज़र नहीं आरहे ,,, और जल्द ही ऐसे लोगों को भुला दिया जाता है जो आदर्शों और विचारों को सत्ता या दौलत केलिए बेच देते हैं …

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इसके बरक्स स्वामी नाथन की बेटी मदुरा स्वामी नाथन ने कहा की किसानो को प्रदर्शन से रोकने के लिए जो किया जा रहा है निंदनीय है और ये तो हमारे अन्न निर्माता हैं अपराधी नहीं हैं .हम किसानो को अन्न निर्माता कहते हैं अन्न डाटा नहं क्योंकि अन्न डाटा तो एक ही है …

खैर ….मदुरा स्वामी ने कहा अगर हम स्वामी नाथन का सम्मान करते हैं तो हमें किसानो को अपने साथ लेकर चलना होगा …. याद रहे भारत रत्न दिए जाने की सूची में स्वामी नाथन का भी नाम शामिल है ,और यह भी ज्ञात रहे एक वर्ष में सिर्फ तीन लोगों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है मगर यह तो मोदी सरकार है इसमें वो होता है जो कहीं मुमकिन नहीं होता .

… आज किसानों के प्रदर्शन और मांगों को लेकर भी वो हो रहा है जो कभी नहीं हुआ आखिर तानाशाह हुकूमत है उसमें ही ऐसा हो भी सकता है लोकतंतंत्र शाही में तो ऐसा मुमकिन नहीं .

कुछ ही दिन पहले किसानों के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धियां संसद में गिनवा रहे थे उन्होंने सबसे पहले कहा किसानो के बारे में आंसू बहाने की आदत मैंने बहुत देखि है … और फिर उन्होंने जो घमंडी अंदाज़ में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिननी शुरू कीं .

…अगर वो वास्तव में आपकी उपलब्धियां हैं तो आज किसानों के रूबरू होकर गिना दें इसमें क्या हर्ज है हो सकता है किसान आपकी उपलब्धियों को समझ न पाए हों … वो आपके दरवाज़े आगये हैं बिठाकर समझा दें ….लेकिन इस बार किसानों के होंसले देखकर तो लगता है की सरकार को backfoot पर आना ही होगा इस बार आंसू sympathy या सहानुभूति के नहीं tear gas के गोलों के हैं .

इस बीच सरकार और किसानों के बीच तीसरे दौर की बात चीत बिना किसी निष्कर्ष के समाप्त हो गयी . हालाँकि कृषि मंत्री ने कहा कि जब तक कोई समाधान नहीं निकल जाए, हम बातचीत का दौर जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि तीसरी बार की बातचीत हुई है और किसानों की मांगों से संबंधित हमने सभी विषयों को सुना है और चर्चा की है, बातचीत अभी भी जारी है. किसी का अहित ना हो, उसको लेकर भी हम ध्यान रख रहे हैं.कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा रविवार को किसानों के साथ एक और बैठक होगी. हम उस बैठक में चीजों पर चर्चा करेंगे और समाधान निकालेंगे.

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