……..पाकिस्तान पर हम तब अटैक करेंगे जब आसमान पर बादल छाए होंगे ताकि रडार हमारे प्लेन को पकड़ ना पाए
अभी 2 दिन पूर्व यानी 20 अप्रैल को कोटा में देश के गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा का आयोजन भारतीय जनता पार्टी द्वारा कोटा बूंदी लोकसभा सीट के प्रत्याशी ओम बिरला के समर्थन में किया गया!
अमित शाह ने भी बहुत जोशो खरोश से ओम बिरला के समर्थन में अपने फेफड़ों की हवा निकाली । और जनता से ओम बिरला के लिए समर्थन कम मांगा, मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए ज्यादा जोर दिया।
बार-बार एक ही बात को कहते रहे , नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है कि नहीं, नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है कि नहीं, ?? अरे भाई जबआप ही को विश्वास नहीं है तो जनता के बीच में जाकर मोदी जी का मनोबल क्यों गिरा रहे हो।
जनता उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने में हिचक नहीं रही है वे एक ऊर्जावान प्रधानमंत्री है हार्ड वर्कर है 18-18 घंटे काम करते हैं विश्व में नाम फैला रखा है ऐसे ऐसे आविष्कार कर रखे हैं की दुनिया दांतों तले उंगली दबा रही है।इतिहास ,समाज शास्त्र , अर्थ शास्त्र , भौतिक विज्ञानं , परमाणु विज्ञानं और धर्म शास्त के बड़े विद्वान् हैं … उनके अविष्कारों की दुनिया तारीफ कर रही है ..
जैसे पाकिस्तान पर हम तब अटैक करेंगे जब आसमान पर बादल छाए होंगे ताकि रडार हमारे प्लेन को पकड़ ना पाए। ऐसी मशीन बनाऊंगा इधर से आलू डालो उधर से सोना निकलेगा। संत कबीर रहीम नानक रविदास एक साथ बैठकर धर्म पर चर्चा करते थे।1980 में आडवाणी जी की मीटिंग में उन्होंने डिजिटल कैमरे से तस्वीर ली थी और वह कलर तस्वीर नेट के जरिए दिल्ली भेजी थी दिल्ली के अखवारों में दूसरे दिन वो कलर पेज पर छपी थी।
ऐसे ऐसे आविष्कार करने वाले व्यक्ति को देश दोबारा क्यों नहीं चुनना चाहेगा .जो खुद चुन चुन के धुलाई कर रहा हो . मगर उनके साथ चलने वाला भी तो उतना ही धुला हुआ साफ़ सुथरा उतनी ही गुनी शक्ति और व्यक्तित्व का होना चाहिए।
ईमानदारी से बताइए या चलें बेईमानी से ही बता दीजिये ,प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी जी को कुल कितनी सीटों की जरूरत है। जिससे वह प्रधानमंत्री बन सकते हैं। 220 से 250 बस , बाक़ी तो तो वो और आप मिलकर सरकार बना ही लेंगे . इसी लिए गुजराती रंगा बिल्ला की जोड़ी को भारतीय झूठ पार्टी ने जोड़कर रखा है .
वरना आपकी ज़रुरत राजस्थान, UP , बिहार और MP , दिल्ली गोवा के भाजपाइयों को क्या पडी थी . अब बिल्ला जहाँ हों वहां बिरला खुद आ ही जाएंगे . सरकार आप किसी भी तरह बना ही लेते हो , फिर क्यों 400 सीटों का हा हुल्ला कर रहे हो।
बाकी सीटे हारने भी पड़ रही है तो क्या हुआ, प्रधानमंत्री तो मोदी जी बन ही रहे हैं ना? या नहीं ? कांग्रेस मुक्त भारत करना चाह रहे थे आप वह आप कर नहीं पाए। 400 सीटों वाले गुब्बारे की हवा भी धीरे-धीरे निकलती जा रही है . इसलिए जो मिल रहा है उस पर संतोष करो .
आगे देश को सही दिशा में ले जाने का प्रयास करो , देश को देश समझो गडरिये की भेद नहीं कि बाल उतारो और छोड़ दो चरने केलिए वीराने में . फिर आप तो गारंटी वाले लोग हो सब मैनेज कर ही लोगे . अब सरकार की गारंटी कहना शुरू करो, यह मोदी की गारंटी कहना बंद करो , लोग इस जुमले से Irritate होने लगे हैं , ऊब गए हैं .
एक तरफ आप कहते हो मोदी की गारंटी है दूसरी तरफ कहते हो हम तो फकीर है झोला उठाकर चले जाएंगे । अरे आप तो निकल लोगे उसके बाद आरबीआई, सहकारी बैंक, फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन देश की सारी Agencies तब किसे रोयेंगी ।
मोदी जी नहीं रहेंगे तो किसकी गारंटी की पूंछ को पकड़ने जायेगी जनता ??? देश में कई प्रधानमंत्री आए कई गए मगर गारंटियां सरकार ने दी प्रधानमंत्री ने नहीं, सरकारें भारत की बनीं मोदी की नहीं ,सेना जनता की रही मोदी की नहीं . क्योंकि देश और देश की सरकार स्थाई है प्रधानमंत्री का पद अस्थाई है। मोदी सरकार , मोदी की सेना , मोदी की गारंटी ये सब देश के साथ छल और छलावा लगता है जिसको जनता समझ रही है .. और अगर अब भी न समझी तो फिर मुश्किल है