
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि मौजूदा खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के दौरान सरकार खरीफ 2020-21 की फसलों की किसानों से खरीद का काम मौजूदा एमएसपी योजना के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कर रही है।
खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद का काम पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में सहजता से किया जा रहा है। 20 नवम्बर 2020 तक 295.23 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 250.55 लाख मीट्रिक टन की खरीद की गई थी। इस बार की खरीद पिछले साल से 17.83 प्रतिशत अधिक है। 295.23 लाख मीट्रिक टन की कुल खरीद में से अकेले पंजाब ने 201.36 लाख मीट्रिक टन का योगदान किया है, जो कि कुल खरीद का 68.20 प्रतिशत है।

खरीफ विपणन सीजन में एमएसपी योजना के तहत 55740.88 करोड़ रुपये की खरीद की गई है जिससे करीब 25.83 लाख किसानों को फायदा हुआ है।

इसके अलावा राज्यों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर खरीफ विपणन सीजन 2020 के दौरान तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 45.10 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को मंजूरी दी गई। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरे की खरीद की भी मंजूरी दी गई थी। अन्य राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से भी पीएसएस के तहत दलहनों, तिलहनों और खोपरे की खरीद के प्रस्ताव मिलने के बाद उन्हें भी मंजूरी दे दी जाएगी। ताकि 2020-21 के लिए सीधे पंजीकृत किसानों से अधिसूचित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एफएक्यू श्रेणी की इन फसलों की खरीद की जा सके। यह इसलिए भी जरूरी है ताकि यदि संबद्ध राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में अधिसूचित फसल अवधि के दौरान राज्यों द्वारा नामित खरीद एजेंसियों के जरिए केन्द्रीय नोडल एजेंसियों की ओर से बाजार मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे चला जाए तब भी किसानों से सीधे खरीद की जा सके।
20 नवंबर 2020 तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के जरिए तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान से 362.39 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 67040.30 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, मूंगफली की फली और सोयाबीन की खरीद की है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 57285.78 मीट्रिक टन की खरीद की गई थी और इस तरह दलहन और तिलहन की खरीद में 17.02 प्रतिशत अधिक है और इस खरीद से 38,880 किसानों को लाभ हुआ है।
इसी तरह, उसने कर्नाटक और तमिलनाडु से 20 नवम्बर 2020 तक 52.40 करोड़ रुपये के समर्थन मूल्य पर 5089 मीट्रिक टन खोपरे (बारहमासी फसल) की खरीद की है, इस खरीद से 3961 किसानों को लाभ हुआ। पिछले साल इसी अवधि में 293.34 मीट्रिक टन खोपरे की खरीद की गई थी। खोपरा और उड़द के मामले में ज्यादातर प्रमुख उत्पादक राज्यों में मूल्य एमएसपी से ज्यादा है। संबद्ध राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारें मंडियों में खरीफ, दलहनों और तिलहनों के आने के बारे में तय तिथियों पर खरीद शुरू करने के लिए जरूरी व्यवस्थाएं कर रही हैं।

पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और ओडिशा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास की खरीद का काम सहजता से जारी है। 20 नवम्बर 2020 तक 2022869 कपास की गाठों की 6190.96 करोड़ रुपये की कीमत से खरीद की जा चुकी है जिससे 402576 किसान लाभान्वित हुए हैं।
