एक और कद्दावर नेता के कांग्रेस छोड़ने की अटकलें, भाजपा में हो सकते हैं शामिल
कांग्रेस नेता और पंजाब के आनंदपुर साहिब से लोकसभा सांसद मनीष तिवारी बीजेपी के ………
नई दिल्ली। बीजेपी का कांग्रेस मुक्त भारत का नारा भले फ़िलहाल पूरा नहीं हो पाया हो. लेकिन जिस तेज़ी से कांग्रेस के नेता बीजेपी में जा रहे हैं उससे इस बात की पुष्टि का अंदाजा तो हो रहा है . हालांकि बीजेपी के भी कई नेता कांग्रेस में आ गए हैं . तो नेताओं का दलबदली का कर्म लगातार जारी है . और इससे नेताओं के नैतिक पतन के साथ उनके स्वार्थी होने और विचारमुक्त होने का भी पता चल रहा है .
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कमलनाथ के बाद कांग्रेस के एक और पुराने नेता बीजेपी में जाने पर विचार कर रहे हैं। दावा किया गया है कि कांग्रेस नेता और पंजाब के आनंदपुर साहिब से लोकसभा सांसद मनीष तिवारी बीजेपी के संपर्क में हैं और पार्टी छोड़ सकते हैं। हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
मध्य प्रदेश के ज्योति रादित्य सिंधिया कमलनाथ के CM बनाये जाने के बाद नाराज़ और अंदरूनी सियासी रंजिश के चलते कांग्रेस छोड़ गए थे . जबकि कमलनाथ को कॉंग्रेस्स में बनाये रखना पार्टी की आर्थिक मजबूरी के तहत था .जबकि कई दुसरे नेता कमलनाथ से खुश नहीं थे .
यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की कमज़ोरी को झलकाता है , और आदर्शहीनता को भी . ऐसे में यह सवालपैदा होता है , जब ज्योति रादित्य सिंधिया के सियासी प्रतिद्वंदी बीजेपी में घुस रहे हैं तब इन दलबदलुओं का भविष्य क्या होगा बीजेपी के अंदर केसा माहौल होगा ? बीजेपी में जो नेता संघ की पृष्ठ भूमि से नहीं आये हैं उनको पार्टी में किस तरह ACCOMODATE किया जाता है इसको समझना ज़रूरी होगा .
दूसरी बात बीजेपी के कई सीनियर नेता भी ऐसे हैं जो संघ विचारधारा से नहीं आते हैं लेकिन पार्टी के लिए काम करते हैं . तो यह अलग शोध का विषय है .
ऐसे में विपक्षी गठबंधन इंडिया और दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों के कई ख़ास नेताओं के साथ बीजेपी के रणनीतिकार संपर्क साध रहे हैं . बीजेपी की सांप्रदायिक और बंटवारे की नीति के क़तए नज़र (ध्यान दिए बग़ैर ) लोग उनके स्वाभाव से प्रभवित हो जाते हैं .
विपक्षी गठबंधन इंडिया टूटने की आशंका के बीच कांग्रेस के अंदर ही बड़ी टूट की संभावना जताई जा रही है। कमलनाथ के बाद कई दुसरे बड़े नेता के पाला बदलने की बातें सामने आ रही है। जिसकी दो वजहें भी कही जा रही हैं , एक तो यह है कि अधिकतर नेता किसी न किसी स्कैम या भ्रष्टाचार से जुड़े हैं और उनको सजा का खतरा है दुसरे कई लालची और स्वार्थी नेता बीजेपी में रहकर अपनी सत्ता की प्यास बुझाने के लिए बीजेपी में जाना चाहेंगे .
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि कांग्रेस नेता और पंजाब के आनंदपुर साहिब से लोकसभा सांसद मनीष तिवारी बीजेपी के संपर्क में हैं और पार्टी छोड़ सकते हैं। हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
मनीष तिवारी के भाजपा में जाने की अटकलें
अगर अफवाहें कायम रहती हैं और तिवारी कांग्रेस से सारे रिश्ते तोड़ कर भगवाधारी बन सकते हैं। यह कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका होगा, जब एक और पुराने नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ के भी भाजपा में शामिल होने की अटकलें हैं।
हालांकि, मनीष तिवारी के एक करीबी सूत्र ने कहा कि कांग्रेस के पुराने नेता को भाजपा से जोड़ने की अटकलें ‘बकवास’ है, क्योंकि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए काम करने में व्यस्त हैं। कांग्रेस सूत्र ने कहा कि वो अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए काम कर रहे हैं और उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें झूठी और निराधार हैं।
कमलनाथ के भी भाजपा में शामिल होने की चर्चा
कांग्रेस के दिग्गज नेता नकुलनाथ अपने लोकसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा का दौरा बीच में छोड़कर शनिवार को दिल्ली पहुंचे कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुलनाथ के भाजपा में शामिल होने की सुगबुगाहट अब खबर में तब्दील हो गयी है।
इससे पहले, पूर्व कांग्रेस नेता और वर्तमान भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा की एक पोस्ट ने कमलनाथ के भाजपा में आने की बातों को और हवा देने का काम किया था। सलूजा ने शनिवार को कमलनाथ के बेटे नकुल और ‘जय श्री राम’ के साथ एक तस्वीर पोस्ट की थी ।
नकुलनाथ के CV से हटा कांग्रेस शब्द
कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया कि छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ ने सभी सोशल मीडिया हैंडल पर अपने बायो से ‘कांग्रेस’ शब्द हटा दिया है। हालांकि, उनके ऐसा करने की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।
जबकि यह दावा भी किया गया था कि उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल पर अपने बायो में कभी भी कांग्रेस का उल्लेख नहीं किया।
कई नेता पहले ही दे चुके कांग्रेस को झटका
इसके अलावा लोकसभा चुनाव से पहले अगर ये नेता कांग्रेस छोड़ते हैं तो ये पार्टी के लिए बड़ा नुकसान होगा। वहीं, पहले ही महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण, मिलिंद देवड़ा और बाबा सिद्दीकी सहित कई पुराने और अनुभवी नेताओं ने पिछले महीने पार्टी छोड़ चुके हैं। जबकि कई कोंग्रेसी विश्लेषकों का मानना यह भी है जो लोग कांग्रेस छोड़कर जा रहे हैं उनसे पार्टी को नुकसान हो रहा था और अब नई नस्ल को कोंग्रेसी विचारधारा को परवान चढाने का मौक़ा मिलेगा . हालाँकि इस सच्चाई को परखने के लिए अभी इंतज़ार किया जाना ही उचित होगा .मगर बीजेपी कांग्रेस मुक्त भारत की तरफ खुद को बढ़ता देखने में कैसा महसूस कर रही है यह उनके नेताओं से पता करना होगा .