फिल्म ‘काली’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. हिंदू संगठनों ने फिल्म के विवादित पोस्टर के खिलाफ विरोध जताया है. फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई के खिलाफ कई शहरों में मामले दर्ज कराये गये हैं.
विदेश मंत्रालय ने भी कनाडा सरकार के सामने इस मुद्दे को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. फिल्म निर्माता के खिलाफ देश में दर्ज होने वाली एफआइआर को आतंरिक मुद्दा बताया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कनाडा की राजधानी ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने इस बारे में बयान दिया है. आयोजकों ने भी इस बारे में बयान जारी कर माफी मांगी है और हमें भरोसा है कि अब यह फिल्म वहां स्क्रीन नहीं होगी. बागची ने कहा कि एफआईआर का मसला हमारा आंतरिक है और यह विदेश नीति का हिस्सा नहीं है.
विरोध प्रदर्शन और हिंदू आस्थाओं को चोट पहुंचाने के बाद भी फिल्म मेकर लीना मणिमेकलाई अपनी हरकतों से बाज नहीं आईं. उन्होंने इसके बाद एक विवादित ट्वीट किया, जिसमें शिवशंकर और पार्वती के रूप में दो कलाकारों का विवादित चित्रण किया गया है. उनके इस ट्वीट का भी जमकर विरोध हो रहा है. हालांकि अब लीना ने अपने बचाव में कहा है कि वह इस विवाद के बाद असुरक्षित महसूस कर रही हैं.
मणिमेकलाई ने कहा कि पिछले हफ्ते विवाद शुरू होने के बाद से उन्हें, उनके परिवार और सहयोगियों को दो लाख से ज्यादा ऑनलाइन अकाउंट से धमकियां मिली हैं. टोरंटो में रहने वालीं निर्देशक ने ऑनलाइन धमकियों को लिंचिंग की घटनाओं की तरह बताया है. उन्होंने कहा, ‘जिस राज्य तमिलनाडु से मेरा ताल्लुक है, उसमें काली को अलग तरह की देवी के तौर पर माना जाता है. वह बकरी के खून में पका हुआ मांस खाती है, अरक पीती है, बीड़ी पीती है और जंगली नृत्य करती है. यही वह काली है, जिसके स्वरूप को मैंने फिल्म के लिए अपनाया है.’ मणिमेकलाई ने कहा ने विवादित पोस्टर का बचाव करते हुए कहा कि मुझे अपनी संस्कृति, परंपराओं और ग्रंथों को कट्टरपंथी तत्वों से वापस लेने का पूरा अधिकार है.