महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को शिवसेना के बागी विधायकों पर निशाना साधा और कहा कि विधानसभा चुनावों में उन्हें हमने जीत दिलाई, लेकिन बदले में उन्होंने हमारे साथ धोखा किया. उन्होंने कहा, “कांग्रेस और एनसीपी आज हमारा समर्थन कर रहे हैं.
शरद पवार और सोनिया गांधी ने हमारा समर्थन किया है. लेकिन हमारे ही लोगों ने हमारी पीठ में छुरा घोंपा है. हमने ऐसे लोगों को टिकट दिया जो जीत नहीं सकते थे और हमने उन्हें विजयी बनाया. उन लोगों ने आज हमारी पीठ में छुरा घोंपा है.”उद्धव ठाकरे ने कहा, “मेरा अपमान कीजिये, लेकिन परिवार का नहीं. मैं सत्ता का लालची नहीं हूं.” उन्होंने आगे कहा, “जो हमारे साथ खड़े हैं, वे तारीफ के हकदार. शिवसेना के कार्यकर्ता हमारे साथ हैं. हमें भाजपा ने धोखा दिया. मैं शिवसैनिक हूं. मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने को तैयार हूं. बगावत के पीछे मेरा हाथ नहीं, मेरे खिलाफ अफवाह फैलाई जा रही है.”महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार पर मंडराते राजनीतिक संकट से लड़ने के प्रति दृढ़ संकल्प व्यक्त किया और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि विद्रोही नेता का बेटा लोकसभा सांसद है, तो क्या उनके बेटे आदित्य ठाकरे को राजनीतिक रूप से आगे नहीं बढ़ना चाहिए. ठाकरे ने कहा कि शिंदे को शहरी विकास का प्रमुख विभाग दिया गया था, जो आमतौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री के पास रहता है. उन्होंने शिवसेना में विद्रोह के लिए सार्वजनिक रूप से विपक्षी दल भाजपा को दोषी ठहराया, “जिसने उनकी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार की स्थिरता को खतरा पैदा कर दिया है”. इस गठबंधन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस भी शामिल हैं.
ठाकरे ने कहा कि शिंदे ने उन्हें कुछ समय पहले कहा था कि शिवसेना के विधायकों को लगता है कि पार्टी को पूर्व सहयोगी भाजपा के साथ वापस जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “आप किस तरह के शिवसैनिक हैं? क्या आप भाजपा की ‘उपयोग करो और फेंक दो’ की नीति और मातोश्री (उपनगरीय बांद्रा में ठाकरे के निजी आवास) के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने से आहत महसूस नहीं करते हैं.” उद्धव ने सवालिया लहजे में कहा कि आपका बेटा (श्रीकांत शिंदे) सांसद हो सकता है, लेकिन क्या आदित्य को राजनीतिक रूप से विकसित नहीं होना चाहिए. श्रीकांत शिंदे कल्याण से लोकसभा सांसद हैं, जबकि मुख्यमंत्री के बेटे आदित्य ठाकरे राज्य के कैबिनेट मंत्री हैं, जिनके पास पर्यावरण और पर्यटन विभाग है.
ठाकरे ने कहा, “बालासाहेब ठाकरे के निधन के बाद उन्हें दो बार मंत्री बनाया गया था. आपको ठाकरे का नाम अपनी राजनीति से बाहर रखना चाहिए. आप को देखना चाहिए कि क्या आप अपना अस्तित्व बचा सकते हैं. कोई भी ठाकरे को शिवसेना से अलग नहीं कर सकता है.” उद्धव ने कहा कि पार्टी को कई बार चुनावी हार का सामना करना पड़ा है, लेकिन जीत या हार किसी की मनःस्थिति पर निर्भर करती है. उन्होंने कहा कि मान लें कि हमारे साथ कोई नहीं है, तो उनको एक नई शिवसेना बनानी है.