[]
Home » SELECT LANGUAGE » HINDI » कांग्रेस बोली हरियाणा के नतीजे स्वीकार नहीं
कांग्रेस बोली हरियाणा के नतीजे स्वीकार नहीं

कांग्रेस बोली हरियाणा के नतीजे स्वीकार नहीं

कांग्रेस बोली हरियाणा के नतीजे स्वीकार नहीं , पार्टी इलेक्शन कमिशन को देगी चुनौती

14 से 16 सीटों पर गड़बड़ी…4 जिलों में EVM बदले जाने का इमकान : कांग्रेस

Haryana Assembly Election Result 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं। बीजेपी 48 सीटें जीतकर प्रदेश में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की तैयारी में है। जबकि कांग्रेस ने 37 सीटें जीती हैं। इस बीच कांग्रेस ने नतीजों को अस्वीकारीय बताया है और चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं

जाटों के भरपूर साथ के बावजूद हरियाणा में कांग्रेस के फेल होजाने के कारणों पर चिंतन शुरू हो गया है। कांग्रेस से कहां चूक हो गई? इसपर चर्चाएं शुरू हो गई हैं ।

इस बीच कांग्रेस ने हार स्वीकार करने से इंकार कर दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हरियाणा से लगातार शिकायतें आ रही हैं कि मशीनों में गड़बड़ हुई है।

जिन मशीनों में बैट्री 99 प्रतिशत थी, उसमें हमारी हार हुई यानी उनको बदल दिया गया था और जहां मशीन स्वाभाविक तौर पर सत्तर प्रतिशत थी वहां हमारी जीत हुई। हम गड़बड़ी से जुड़ी रिपोर्ट मंगवा रहे हैं। हिसार , महेंद्रगढ़ और पानीपत से लगातार शिकायतें आ रही हैं।

पवन खेड़ा ने यह भी बताया की मशीनों की battery 99 % होने की रिपोर्ट हमारे एजेंटों ने उस वक़्त दे दी थी जब शुरूआती रुझान कांग्रेस को 71 सीटों पर आगे दिखा रहा था। ऐसे में यह कहना की जहाँ जीत वहां सब ठीक जहाँ हार वहां ख़ामोशी ऐसा हरगिज़ नहीं है।

हरियाणा चुनाव के नतीजे खुद BJP के लिए आश्चर्यजनक हैं। उनके सारे बड़े नेता 2 दिन पहले ही हार मानकर चुनाव से बाहर हो गए थे। यह रिपोर्ट भी सबके सामने हैं। जयराम रमेश ने कहा हम इन नतीजों को स्वीकार नहीं कर सकते। यह तंत्र की जीत है और लोकतंत्र की हार है ।

READ ALSO  इन राज्यों में 2988 करोड़ रुपए लागत की 165 रेलवे परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है

जयराम रमेश ने कहा कि कई सीटें ऐसी हैं, जहां हम हार नहीं सकते, लेकिन हमको वहां हराया गया , नतीजे जनता की भावनाओं के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा की नतीजे मीडिया की जमीनी हकीकत के भी विपरीत हैं।

ऐसे में इन नतीजों को स्वीकार करना संभव नहीं है। जयराम ने कहा कि बीजेपी की यह जीत लोगों की इच्छा और प्रतिक्रियाओं के खिलाफ जीत है। रमेश ने कहा कि हम चुनाव आयोग के पास जाएंगे और ईवीएम की कार्यप्रणाली को लेकर अपनी शिकायत चुनाव आयोग को सौंपेंगे।

View TOP ” लेकीन सवाल यह पैदा होता है कि आज चुनाव आयोग भी उसी तंत्र का हिस्सा है जिस तंत्र की जीत दिखाई जा रही है तो वो आपकी क्यों सुनेगा , अगर वाक़ई इस तंत्र और तानाशाही को ख़त्म करना है तो हर राज्य में संवैधानिक और शांतिपूर्ण विशाल आंदोलन करने होंगे , अन्यथा memorandum , विज्ञापन , Press Conference और Seminars से कुछ होने वाला नहीं है ??”

क्या कांग्रेस के जाट वोटों का बंटवारा हो गया। या यूं कहे बीजेपी को नाॅन जाट वोट मिले? वजह चाहे जो कुछ भी रही हो परसेप्शन और मुद्दों की लड़ाई में पिछड़ रही बीजेपी को कैसे जीत मिली?

लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी 10 में से 5 सीटों पर सिमटी तो कांग्रेस को लगा कि इस बार किसान, पहलवान और जवान का मुद्दा काम कर जाएगा। माहौल भी कुछ ऐसा ही बन गया था।

बीजेपी के आला नेता हरियाणा की ओर से ध्यान हटाकर महाराष्ट्र में अपना ध्यान केंद्रित करने लगे थे। जबकि दूसरी ओर कांग्रेस अग्निवीर, किसान आंदोलन, जाटों की नाराजगी को भुनाकर 10 साल बाद सत्ता में वापसी के सपने देखने लगी थ।

READ ALSO  सुकेश चंद्रशेखर मामले में ईडी ने जैकलीन को बनाया आरोपी.

हरियाणा का 35 प्रतिशत ओबीसी वोटर्स कर गए खेला
बीजेपी इस चुनाव में शुरुआत से ही यह मानकर चल रही थी कि उसे जाट समुदाय के वोट नहीं मिलने वाले हैं। ऐसे में पार्टी का फोकस नाॅन जाट वोटर्स पर रहा था ।

पार्टी हरियाणा में दलित, ओबीसी वोट बैंक को साधने में काफी हद तक कामयाब रही। बीजेपी ने चुनाव में 16 जाट प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। जबकि कांग्रेस ने 28 उम्मीदवारों को मौका दिया था। हरियाणा में ओबीसी वोट बैंक 35 फीसदी है। इसके अलावा किसी हद तक दलित आबादी को साधने नेम भी बीजेपी बज़ाहिर कामयाब दिखी ।

उधर हरियाणा में Indian National Lokdal (इनेलो ) और जजपा ने भी कांग्रेस के वोट में सेंधमारी का काम किया। हालाँकि विश्लेषक इसके विपरीत अपना मत रख रहे थे। INL और JJP के खिसकते वोट को कांग्रेस का बताया जा रहा था ।

याद रहे इनेलो ने सभी 90 सीटों पर तो वहीं जजपा ने जाट बाहुल 30 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। ऐसे में जाट वोट तो कांग्रेस, इनेलो और जजपा में बंट गए। वहीं बचे वोट बीजेपी के पक्ष में गए। जबकि दलित और ओबीसी वोटर्स भी पार्टी के पक्ष में लामबंद हो गए।

इसका फायदा भी बीजेपी को मिला।और इस सबके अलावा ताज़ा press कांफ्रेंस के बाद जिस प्रकार कांग्रेस ने मशीनों में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं उसके सारे समीकरण तब्दील होते दिखाई दिए।

Please follow and like us:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

8 + three =

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Scroll To Top
error

Enjoy our portal? Please spread the word :)