
Editor’s Desk
1992 में बाबरी मस्जिद शहीद किये जाने के 1 साल के बाद नरसिम्हा राव के दौर में सरकार ने 1993 में हज सब्सिडी का शोशा लगाया था , जबकि यह सब्सिडी हाजियों को नहीं बल्कि Air India को मिलती थी , दर असल २०१२ में सुप्रीम कोर्ट ने हज सब्सिडी ख़त्म करने का आदेश देते हुए कहा था की वो इसको २०२२ तक ख़त्म कर दे .
हालिया नोटिफिकेशन के मुताबिक़ हज यात्रा पर जाने वालों को अब अपनी आमदनी का जरिया बताना होगा। ऐसा नहीं करने पर न्यूनतम एक हजार और अधिकतम दस हजार रुपए का जुर्माना देना पड़ेगा।
जानकार सूत्रों का कहना है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हज कमेटी ऑफ इंडिया (मुंबई) को पत्र भेजकर कहा है कि दो लाख से अधिक खर्च की धार्मिक यात्रा पर इनकम टैक्स रिटर्न भरना जरूरी है।

आपको बतादें , 2018 में सब्सिड ख़त्म की गयी थी और कहा गया था की यह रक़म बच्चियों की तालीम पर खर्च किया जाएगा . Minority Affairs Minister मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था , “हम तुष्टिकरण के बिना सशक्तिकरण में विश्वास करते हैं।
अब यह मुस्लिम महिला सशक्तिकरण का Plan तो अच्छा था किन्तु रक़म ग़लत चुनी गयी , यानी हज पर tax लगाकर होगा मुस्लिम महिलाओं का सशक्तिकरण …….वाह मंत्री जी वाह …काश आपकी ज़बान और क़लम में ये जान होती की आप कह पाते की नहीं हज पर टैक्स नहीं लगेगा क्योंकि हज पर जाने वाले 50 % हाजी ऐसे होते हैं जिनकी ज़िंदगी का एक सपना और लक्ष्य होता है हज पर जाना और उसके लिए वो अपनी रोटी कम करता है कपड़ा कम करता है , दुसरे ज़रूरी खर्च में से पैसा बचाकर बीसियों बरस में इतना पैसा बच पाता है की वो हज पर जा सके .

अब आप इस ग़रीब के हज करने के सपनो पर भी tax लगाएंगे कल को इसके पानी और हवा पर भी टैक्स लगाने का Plan बनाया जा सकता है, यह सब संविधान और मानवता के खिलाफ Planning है इस PLan को किसी इंसान ने नहीं बल्कि पूंजीवादी सोच के दलाल ने गढ़ा है जो एकदम अस्वीकारीय है .
अलबत्ता यह ज़रूर है जो लोग वहां से सोना , या और कारोबारी सामान लाते या ले जाते हैं , उनपर सरकार ज़्यादा से ज़्यादा duties लगाएं उनको punishment दे तो यह एक अच्छा और सराहनीय क़दम होगा .
” यहाँ सवाल सरकार से बनता है कि वो रक़म जो केंद्र सरकार सब्सिडी से बचा रही है जो 700 करोड़ रुपये होती है , जो 4 वर्षों में 28000 करोड़ होती है कहाँ खर्च की गयी है , कितनी मुस्लिम महिलाओं की Universities , Colleges या Medical Colleges ,रिहैबिलिटेशन सेंटर्स या कोई और फलाही इदारे खोले गए हैं .28000 करोड़ का अब आप हिसाब दें श्रीमान अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री जी .