भारतीय जिम्नास्ट अरुणा बुड्डा रेड्डी एक सनसनीखेज खुलासा किया है। जिम्नास्टिक विश्व कप में व्यक्तिगत पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट ने गुरुवार को आरोप लगाया कि भारतीय खेल प्राधिकरण के कोचों में से एक ने उनकी सहमति के बिना उनकी वीडियोग्राफी की थी। यह तब की बात है जब इस साल मार्च के महीने में आईजीआई स्टेडियम में फिटनेस टेस्ट हो रहा था।अरुणा ने 2018 में मेलबर्न वर्ल्ड्स में कांस्य जीता था। उन्होंने कोच के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी है, क्योंकि जिम्नास्टिक फेडरेशन ऑफ इंडिया ने बताया है कि इसने किसी व्यक्ति को वीडियो बनाने का आदेश नहीं दिया था।अरुणा के अनुसार, कमेटी में शामिल डॉक्टर मनोज पाटिल ने उनके टेस्ट किए जो घायल घुटने पर परफॉर्म करने के दौरान हुए थे। लेकिन इस टेस्ट को उनकी सहमति के बिना ही साई कोच जायसवाल के किसी एक ट्रेनी ने मोबाइल पर शूट किया था। टेस्ट करीब 10 मिनट तक चला।
लेकिन अरुणा को बाद में पता चला कि वह वीडियो अवैध तरीके से शूट किया गया था। इस वीडियो को शूट करने के लिए जिम्नास्टिक फेडरेशन से कोई आदेश नहीं दिए गए थे।हैरान अरुणा ने बाद में फेडरेशन को मेल लिखा: “सर … मैं आपके ध्यान में लाती हूं कि फिटनेस टेस्ट का वीडियो रोहित जायसवाल के छात्र द्वारा लिया गया था और मेरे पास अपनी बात साबित करने के लिए सबूत हैं। और इसलिए, मैं अनुरोध करती हूं वह वीडियो उस छात्र से हासिल किया जाए।”
उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो वह कानून के अनुसार आवश्यक कदम उठाने के लिए मजबूर होंगी। क्योंकि अगर वीडियो फेडरेशन की अनुमति के बिना लिया गया है, तो यह एक गंभीर अपराध है। इसके अलावा, एक महिला खिलाड़ी की सहमति के बिना वीडियो लेना भी गंभीर मामला है।”
अरुणा ने इस दौरान यह भी बताया है कि वे डॉक्टर के लिए इस वीडियो को मांग रही हैं क्योंकि वीडियो में उनका टेस्ट देखकर डॉक्टर मामले की सटीकता से जांच कर पाएंगे और उसी हिसाब से सही इलाज प्लान होगा।