प्रेस विज्ञप्ति
गुस्ताख़े रसूल के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज करना काफी नहीं है कड़ी सज़ा ज़रूरी : मौलाना अरशद मदनी
हमें उम्मीद है इंतहाई हस्सास मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान लेगा और इस बदबख़्त मलऊन के ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई करने का आदेश जारी करेगा
नई दिल्ली: 5 अक्टूबर 2024
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि यति नरसिंहानंद ने पवित्र पैगंबर (PBUH) के खिलाफ असहनीय और शर्मनाक अपमान किया है और वीडियो में जो बातें कही हैं, वे पूरी दुनिया के मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं के प्रति असहनीय हैं जिससे दुनियाभर के मुसलमानो गंभीर ठेस पहुंची है।
मौलाना मदनी ने इसे राष्ट्रीय अखंडता के लिए खतरा बताया और तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग की। मौलाना मदनी ने यह भी कहा की देश के विभिन्न तबके के लोगो की खामोशी और गिरफ्तारी ना होना वो कारण है जिससे पूरी दुनिया में देश की छवि खराब हो रही है।
सरकार और एजेंसियों की चुप्पी यही बता रही है उग्रवादियों को राजनीतिक समर्थन प्राप्त है और कार्रवाई की कमी से दुष्ट तत्वों को यह विश्वास हो गया है कि कानून के हाथ उनकी गर्दन तक नहीं पहुंच सकते क्योंकि उनके संरक्षक सत्ता में हैं।
मौलाना मदनी ने कहा कि हम एक बार फिर सरकार से पूछते हैं कि पवित्र पैगंबर साहब का अपमान करने वाले दुष्ट व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और कानून के अनुसार सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई दोबारा ऐसा साहस ना कर सके और पूरी दुनिया के मुसलमानों को संतुष्टि प्रदान की जा सके।
उन्होंने अंत में कहा कि यति नरसिंहानंद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें सख्त प्रावधानों के तहत गिरफ्तार करना जरूरी है। हमें उम्मीद है कि सरकार इस बेहद दुखद मामले को समझेगी और उस बदबख़्त को कानून के मुताबिक सख्त से सख्त सजा देकर जेल भेजेगी ताकि पूरी दुनिया के लोग भारत के लोकतंत्र की सराहना कर सकें।
ज्ञात हो की जमीयत उलमा हिंद 4 जनवरी, 2022 को घृणास्पद भाषण संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट गई है। हमें उम्मीद है की महत्वपूर्ण मामले पर सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान लेगा और इस बदबख़्त व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आदेश जारी करेगा।
फजलुर रहमान कासमी
प्रेस सचिव
जमीयत उलमा-ए-हिंद
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