चीन में फेल रहे HMPV ने क्या लोगों में बेचैनी पैदा कर दी है ? क्या Covid 19 के दौर के हालात से निमटने के लिए दुनिया तैयार है ?
क्या फिर से दुनिया में एक नई महामारी फैल सकती है? हालांकि माहरीन का कहना है के ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के बारे में यह कहना जल्दबाजी है। जबकि यह भी एक दुसरे के साथ मिलने से संक्रमित हो जाती है .
यह सच है कि इंटरनेट और सोशल मीडिया पर इस बारे में खूब चर्चा हो रही है कि चीन में एक नई महामारी आ गई है। कुछ लोग तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि चीन असल स्थिति को छुपा रहा है।और वहां मरीज़ों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल पा रहे हैं . हालाँकि इसको फ़िलहाल अफ़वाह ही माना जा रहा है .
क्योंकि इस वायरस का अभी तक कोई ऐसा वैरिएंट देखने को नहीं मिला है, जो कोरोना की तरह विस्फोटक अंदाज में फैलता हो ।
एक्सपर्ट: दिल्ली के डॉ. अंकित बंसल, कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन एंड इन्फेक्शियस डिजीज, के मुताबिक़ HMPV वायरस अगर चीन में फैल रहा है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए मुश्किल भी पैदा कर रहा है।
इसके बावजूद स्थितियां इतनी खराब नहीं हुई हैं कि चीनी सरकार या विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बारे में कोई अलर्ट जारी करे। इसलिए हमें हड़बड़ाने की बजाय किसी ऑफिशियल स्टेटमेंट का इंतजार करना चाहिए।
मगर यहाँ हमारा एक सवाल है की अगर अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संसथान अब कोई महामारी का ऐलान करदें तो क्या हमको उनके CIRCULARS को मानकर फिर पुरानी ग़लतियाँ करनी चाहियें जिनके परिणाम ने सरकारों को सोचने पर मजबूर किया था . और आज जिस परिणाम को देश भुगत रहा है .बीमारियों और महामारियों की अफ़वाहों का लाभ मुनाफ़ाख़ोरों और सत्ता के लालचियों को ही होता है .
आप जानते हैं किसान की गाय या भैंस मरने से सबसे ज़्यादा ख़ुशी और फ़ायदा किसका होता है ? गिद्ध का , जिसको आप Silchar भी कहते हैं . वो इंतज़ार में रहते हैं कब मुर्दा आये और हम उसको नोचना शुरू करें . आज अस्पतालों में यही हाल है कि कब मरीज़ आये और उसके पैसों खींचा जाए .
लेकिन एक वक़्त ऐसा आया कि गिद्ध भी मर गए गिद्धों की प्रजातियां अब दिखाई नहीं देती उसकी वजह यह है कि गाये और भैंस को जल्दी दूध देने के लिए तैयार करने और दूध में बढ़ोतरी के लिए इनको Brufen का इंजेक्शन लगाया जाने लगा .
मुर्दा गाय भैंसों के शरीर में दवा के इस असर ने गिद्धों को मारना शुरू कर दिया नतीजे में अब Silchar भी दिखने बंद हो गए . कुछ इसी तरह इंसानों को नोचने वाले गिद्ध भी जल्द ख़त्म हो जाएंगे . इसका इंतज़ार करना होगा …
दरअसल नए नए Becterias और नई नई बीमारियों के वेरिएंट्स पैदा करने वाली फ़ार्मा कम्पनियाँ भी कुछ ऐसा ही करती हैं.अपनी सारी तरक़्क़ी और Advancement के बावजूद आज Medical Industry सबसे ज़्यादा मानव दुश्मन व् मुनाफ़ाख़ोर हो गयी है .अब मेडिकल पेशा सेवा नहीं बल्कि धन कमाने का साधन बन गया है , यह पूरी दुनिया जानती है .
आइये Virus के खेल को इस तरह समझते है .
जैसा कि हम कंप्यूटर वायरस के बारे में जानते हैं कि कई एंटी वायरस कम्पनियाँ खुद इसी के अंदर वायरस पैदा करती हैं ताकि एंटी वायरस ज़्यादा से ज़्यादा खरीदा जाए और व्यापार बढ़े . लेकिन अब यह बात यूज़र भी समझ गया और उसने एंटी वायरस ही लेना बंद कर दिया .
परिणामस्वरूप आज फार्मासूटिकल कम्पनियाँ बीमारियां फैलने से रोकने के लिए कोई कोशिश नहीं करती , और करनी भी क्यों है क्योंकि बीमारियां ही तो उनके Bussines का Source हैं . बल्कि हानिकारक Virus फैलाये जाते हैं फिर उसकी अफ़वाह फैलाई जाती हैं.और लोगों में Penic फैलाया जाता है और फिर वायरस को मारने के नाम पर जमकर दवाएं बेचीं जाती हैं अस्पतालों को सजाया जाता है , व्यापार किया जाता है .
आप कभी इस सच्चाई पर ध्यान दें कि मिटटी और गंदगी में रहने वाले लोग और बच्चे बीमार नहीं होते और उनमें मौतों का अनुपात अमीरों के मुक़ाबले काफी काम होता है . वो आम तौर से कोई दवा नहीं खाते , इसलिए उनकी Immunity इतनी strong होती है कि बीमारी के Becteria खुद ही मर जाते हैं .
अब इसका मतलब यह नहीं है की दवा न ली जाये ,ज़रूर ली जाए मगर वो दवा हमारी इम्युनिटी को ख़तम करने वाली न हो . अगर ऐसा है तो साथ में हमको इम्युनिटी बूस्टर लेते रहना चाहिए .
डॉ. अंकित बंसल, कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन एंड इन्फेक्शियस डिजीज से सवाल किया गया ,क्या HMPV कोरोना वायरस की तरह है? जवाब मिला HMPV वायरस (Paramyxoviridae Family) और कोरोना वायरस (Coronaviridae Family), दोनों अलग फैमिली का हिस्सा हैं। इसके बावजूद इनमें कई चीजें मेल खाती हैं।
रेस्पिरेटरी इलनेस यानी दोनों वायरस मुख्य रूप से सांस में दिक़्क़त पैदा करते हैं।और दोनों ही वायरस सांस और दूषित सतह के संपर्क से फैलते हैं।
लक्षण की बात करें तो दोनों वायरस के लक्षण एक जैसे हैं। इनमें बुखार, खांसी, गले में खराश, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण पाए जाते हैं ।
वलनरेबल ग्रुप: दोनों वायरस से सबसे अधिक खतरा बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को होता है। जबकि इसमें इम्युनिटी बूस्टर कोई भी दवा या खाद्दयान सबसे ज़्यादा असरदायक होता है
एहतियात : दोनों वायरस में बचाव के लिए हमेशा हाथ साफ रखना, मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग महत्वपूर्ण उपाय हैं।Vitamin C और इम्युनिटी Booster लेते रहना है
सवाल किया गया क्या यह वायरस कोरोना की तरह पूरी दुनिया में फैल सकता है? जवाब मिला यह कोई नया वायरस नहीं है। पिछले साल भी चीन में इसके फैलने की खबर आई थी। साल 2023 में नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में भी इस वायरस का पता चला था।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, सबसे पहले नीदरलैंड में साल 2001 में इसका पता लगा था। हालांकि इसे कम-से-कम 50 साल पुराना वायरस माना जाता है।लेकिन उस वक़्त चिकित्सा के मैदान में व्यवसायीकरण इतना हावी नहीं था .आज यह मानवता की सारी हदों को पार कर चुका है .
ध्यान देने योग्य बातें :
अब जिस तरह Pharmacetical Industry अपना व्यापार करने के लिए प्लान करती है तो लोगों को भी अपनी Immunity यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाये रखने की तरफ ध्यान देना होगा .और सरकारें स्वस्थ्य भारत बनाने के लिए अपने नागरिकों की सेहत का ज़्यादा ध्यान रखें .
इसके लिए देश में खाद्यान पदार्थों की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए कड़े क़दम उठाने होंगे . मार्किट में बिकने वाले हर एक पदार्थ की ध्यानपूर्वक जांच के लिए बहुत ईमानदार होना पड़ेगा .
आप जानते हैं मंडी में जितना बड़ा लाभ उतना ही ज़्यादा Corruption के अवसर होते हैं . लिहाज़ा अगर सरकारें गंभीर होजायें तो भ्रष्टाचार मुक्त देश हो सकता है . मगर राजनितिक मदारियों का ध्यान , मुक्ति किसी और से ही दिलाने की तरफ़ है .और दुनिया की सरकारें अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर मुनाफ़ाख़ोरों की फैलाई बीमारियों और महामारियों को बढ़ावा देने में रूचि रखती हैं .
अब यह फ़ैसला जानत को ही करना होगा कि उसको जानलेवा वायरस , बढ़ती मंहगाई ,घटता नैतिक स्तर , भ्रष्टाचार , और मिलावटी खाद्यान के ज़हर से बचना है या CAA , NRC , वक़्फ़ बोर्ड और मंदिर मस्जिद जैसे मुद्दों में उलझे रहकर नफ़रत और विनाश की भट्टी सुलगानी है या मोहब्बत और विकास के चमन उगाने हैं .
नफरत करने वालों की सियासत को हमेशा से ज़रुरत है
आओ हम भी मिलकर अब ,मोहब्बत की क़सम खालें !!