दिल्ली में 2015 से अब तक कुल 30 फ्लाईओवर व् अंडरपास बने : सीएम
दिल्ली वालों के लिए एक और Flyover मिला , 2015 से अब तक कुल 30 फ्लाईओवर व् अंडरपास बने : सीएम
दिल्ली के सराय काले खां की तरफ से गुजरने वाले ध्यान दें , नया FLyower खुल गया है, आश्रम पर लंबा जाम अब नहीं लगेगा
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Dilli Ashram Flyover Ready to open for traffic
नई दिल्ली: नई दिल्ली के कई व्यस्त चौराहोने में से एक आश्रम पर लंबे जाम से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद बढ़ गयी . सराय काले खां फ्लाईओवर रविवार से चालू कर दिया गया है। इससे लोगों को सेंट्रल, ईस्ट और साउथ-ईस्ट दिल्ली के बीच बेहतर कनेक्टिविटी मिल सकेगी ।
रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 630 मीटर लंबे तीन लेन वाले इस फ्लाईओवर का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे 66 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाना था, लेकिन हमने इसे 50 करोड़ में ही बना कर 16 करोड़ बचा लिए।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आगे कहा हमारी सरकार में बने 30 फ्लाईओवर के निर्माण में 557 करोड़ रुपये हमने बचा लिए हैं। उन्होंर कहा कहा कि फ्लाईओवर बनने से अब टी-जंक्शन पर जाम की समस्या खत्म हो गई है। इस फ्लाईओवर के चालू होने से आईटीओ से आश्रम की तरफ आने वाले लोगों को सहूलत मिलेगी।
जैसा की आपको ज्ञात है आश्रम पर आधे-आधे घंटे का जाम लगता था। आश्रम अंडरपास, डीएनडी एक्सटेंशन और अब इस फ्लाईओवर के बनने से ट्रैफिक को पांच मिनट भी नहीं रुकना पड़ेगा। अब चंदगीराम से लेकर आश्रम, मूलचंद, धौलाकुआं तक कोई रेड लाइट नहीं है।
दिल्ली में पूरे रिंग रोड के ऊपर अब कोई रेड लाइट नहीं है। इसके अलावा, दिल्ली को जाम मुक्त बनाने के लिए जिन इलाकों में ज्यादा ट्रैफिक होता है, उन पॉइंट्स की पहचान कर स्टडी की जा रही है, ताकि जरूरत के अनुसार वहां पर यू-टर्न, फ्लाईओवर, अंडरपास बनाया जा सके।
आश्रम flyower की कुछ ख़ास बातें
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अब चंदगीराम से लेकर आश्रम, मूलचंद, धौलाकुआं तक कोई रेड लाइट नहीं
सराय काले खां फ्लाईओवर: एक साल में बनकर हुआ तैयार
तीन लेन के इस फ्लाईओवर पर रोड वर्क फुटपाथ, ड्रेनेज सिस्टम, लैंडस्केपिंग, रेलिंग, रोड मार्क, स्ट्रीट लाइट समेत बाकी काम कराए गए।
इसके निर्माण में 50 करोड़ रुपये की लागत आई है। जबकि इसे 66 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाना था
यह फ्लाईओवर बसों और स्थानीय ट्रैफिक के लिए खाली जगह देगा .
आईएसबीटी, सराय काले खां और टी-जंक्शन पर भी ट्रैफिक का बोझ कम करेगा, जहां रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) और हाई-स्पीड रेल समेत कई बाकी प्रोजेक्ट हैं।
सराय काले खां टी-जंक्शन पर बना यह Flyower तीन लेन है
आईएसबीटी सराय काले खां की ओर मौजूदा सर्विस रोड/स्लिप रोड को चौड़ा किया गया है
यमुना किनारे मौजूदा सर्विस रोड/स्लिप रोड पर सुधार किया गया है
आईटीओ/डीएमई की ओर से आश्रम की ओर यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को इससे काफी सहूलियत होगी.
गाड़ियों से हवा में प्रदूषण कम होगा। साथ वायु और ध्वनि प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी
सेंट्रल, ईस्ट और साउथ-ईस्ट दिल्ली के बीच बेहतर कनेक्टिविटी होगी
बड़ी बचत का सरकार का दावा
सराय काले खां फ्लाईओवर : 50 करोड़ रुपये में बना, 16 करोड़ की बचत
मयूर विहार फेज-1 फ्लाइओवर : 45 करोड़ रुपये में बना, 15 करोड़ की बचत
विकासपुरी से मीराबाग एलिवेटेड कॉरिडोर : 560 करोड़ में बनना था, 115 करोड़ रुपये बचे
मंगोलपुरी से मधुबन चौक एलिवेटेड रोड : 423 करोड़ में बननी थी, 103 करोड़ रुपये बचे
मधुबन चौक से मुकरबा चौक फ्लाईओवर : 422 करोड़ में बनना था, 122 करोड़ बचे
भलस्वा में फ्लाईओवर : 63 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट, 15 करोड़ रुपये बचे
2015 से अब तक 30 फ्लाईओवर-अंडरपास बने: सीएम
2015 से अब तक 30 फ्लाईओवर-अंडरपास बने: सीएम
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि 1947-2015 तक दिल्ली में 72 फ्लाईओवर-अंडरपास बनाए गए, जबकि दिल्ली सरकार ने 2015 से अब तक 30 फ्लाईओवर-अंडरपास बनाए हैं। इसके अलावा 9 फ्लाईओवर पर काम चल रहा है और 16 मंजूरी की प्रक्रिया में हैं।
पीडब्ल्यूडी का मतलब भ्रष्टाचार?
केजरीवाल ने कहा अगले कुछ साल में दिल्ली में करीब 125 फ्लाईओवर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में पीडब्ल्यूडी का मतलब भ्रष्टाचार माना जाता है, लेकिन दिल्ली पूरे देश में अकेला शहर है, जहां पीडब्ल्यूडी का मतलब ईमानदारी है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने कहा कि जब इतनी महत्वपूर्ण सड़क सिग्नल फ्री होती है, तो आम आदमी का कीमती समय बचता है। वह परिवार के साथ समय बिता पाता है। पेट्रोल-डीजल में पैसों की बचत होती है। आतिशी ने कहा इस फ्लाईओवर की मदद से एक शोध के मुताबिक़ सालभर में लोगों के तकरीबन 19 करोड़ रुपये की बचत होगी। ट्रैफिक जाम ना होने से हर रोज 5 टन कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन कम होगा और प्रदूषण में कमी आएगी।
“”दिल्ली के ट्रैफिक समस्या के सम्बन्ध में कई विशेषज्ञों का मानना है की इसके लिए दिल्ली में बढ़ती निजी कारों का बोझ भी एक बड़ा कारण है . इसके लिए Finance कंपनियों द्वारा कारों पर दिया जाने वाला आसान Loan भी इसका ज़िम्मेदार बताया जाता है .जबकि Ola और Ober जैसी कंपनियों ने भी सहूलत के नाम पर Traffic को कई तरह से irregular और Risky बनाया है .
जबकि सर्कार द्वारा 10 और 15 वर्ष पुराने Vehicles पर लगाई गयी पाबन्दी एक अच्छा विकल्प हो सकता था किन्तु Exchange जैसे Offers से कोई खातिर खुअह लाभ नहीं हुआ . Automobiles और Finance कंपनियों के आपसी तालमेल से लोगों का कार रखने का सपना तो पूरा हुआ साथ ही दिल्ली और देश की सड़कों पर निजी ट्रांसपोर्ट का लोड Unbearable हद तक बढ़ गया . अब इन finance और कार कंपनियों से सरकार का क्या लाभ होता है यह तो नहीं मालूम किन्तु Car Financers की चांदी है इतना साफ़ है .” TOP Views