पार्षद ताहिर हुसैन, इशरत जहाँ के खिलाफ FIR दर्ज , कपिल मिश्रा शांति मार्च की बढ़ा रहे रौनक
अब कहाँ ढूंढ़ने जाओगे हमारे क़ातिल
आप तो क़त्ल का इलज़ाम हमीं पर रख दो
कांग्रेस की पूर्व निगम पार्षद इशरत जहां को दिल्ली पुलिस ने दंगा भड़काने के आरोप में किया गिरफ्तार, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

नई दिल्ली: AAP पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ हत्या, आगजनी और हिंसा फैलाने का मामला दर्ज होने के बाद अब उनपर पार्टी ने भी कार्रवाई की है. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता कपिल मिश्रा सहित कई लोगों ने शनिवार को जंतर-मंतर पर इकट्ठा होकर शांति मार्च में भाग लिया. पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई हिंसा के खिलाफ जंतर-मंतर में ‘दिल्ली पीस फोरम’ ने मार्च का आयोजन किया था. याद रहे यह वही कपिल मिश्रा हैं जिन्होंने दिल्ली असेंबली चुनाव के दौरान और अब दिल्ली दंगों से चंद घंटों पहले हेट स्पीच दी थी जिसके फ़ौरन बाद दिल्ली जल उठी थी .
जंतर-मंतर में सैकड़ों की तादात में तिरंगा झंडा लेकर लोग इकट्ठा हुए और ‘जय श्री राम’ व ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए. कपिल मिश्रा इस दौरान यहां मौजूद रहे मगर वो अमन के मंच पर नहीं चढ़े और वहां करते भी क्या , क्योंकि उनकी पहचान नफरत और दंगों के लिए हुई है .
अगर यहाँ एक बात जोड़ दी जाए तो क्या सही न होगा ,जो नारे आज दिल्ली पीस फोरम द्वारा शांति मार्च के समय जंतर मंत्र पर लगे दिल्ली हिंसा के दौरान दंगाइयों को यही नारे ” जय श्री राम” और “भारत माता की जय ” के नारे लगाते भी आपने देखा होगा , जो आज यहाँ जंतर मन्त्र पर शांति मार्च के दौरान भी दिख रहे हैं. इन दोनों को जोड़कर आप क्या महसूस करते हैं मुझे नहीं पता .
उजालों की हिमायत कर रहा है
अँधेरा फिर सियासत कर रहा है
ताहिर हुसैन पर FIR दर्ज होने के बाद बॉलीवुड डायरेक्टर ओनिर (Onir) ने ट्वीट कर पार्षद ताहिर हुसैन पर मामला दर्ज होने के बाद कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा के खिलाफ लिये जाने वाले एक्शन के बारे में भी पूछा है. Onir ने अपने ट्ववीट में ताहिर हुसैन पर FIR दर्ज होने की बात पर रिएक्शन देते हुए लिखा, “कपिल मिश्रा , अनुराग ठाकुर , परवेश वर्मा का क्या हुआ? दिल्ली पुलिस चयनात्मक हो गई है.
थोड़ी सी बात इन्साफ की भी कर लें , जस्टिस मुरलीधर द्वारा कपिल मिश्रा और दीगर तीनो बीजेपी नेताओं पर hate speech देने पर उनके खिलाफ तुरंत एक्शन लेने का आदेश दिया और पुलिस की खामोशी और दंगाइयों की मदद करते दिखाई देने को शर्मनाक बताते हुए दिल्ली हिंसा के लिए जस्टिस एस मुरलीधर ने दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी और उन्होंने कहा था कि हम देश में दोबारा 1984 जैसी घटना नहीं होने दे सकते हैं.
इन्साफ और इंसानियत की बात करने वाले जस्टिस मुरलीधरन को 26 फरवरी की रात को ही तबादला हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट के जज के रूप में कर दिया गया . उनके लिए शायद इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा होगा वो जहाँ रहेंगे अपना काम करेंगे किन्तु दिल्ली दंगों से सम्बंधित उन तमाम पीड़ितों के परिवार वालों को ज़रूर मायूसी हुए जिनको इन्साफ की उम्मीद नज़र आ रही थी .कहा जाता है उनके ट्रांसफर की फाइल पहले से ही move कर रही थी अगर यह मान भी लिया जाए तो भी उनके transfer को रोका जाना कोई बड़ी बात नहीं थी .उनके Transfer से इन्साफ के गलियारों में जस्टिस लाया की चर्चा दोबारा शुरू हो गयी है .
ताहिर हुसैन की बात करें तो ‘आप’ पार्षद पर ने अपने बयानों में इस बात को सिद्ध करने की कोशिश की है है की वो बे क़ुसूर हैं , बल्कि वो दिल्ली पुलिस को बार बार काल किये जाने के प्रमाण देते दिखाई दिए हैं जिसमें वो कह रहे हैं की मेरे घर पर अचानक सैकड़ों दंगाइयों के आने से में परेशां था और पुलिस से मदद मांगने के लिए बार बार काल कर रहा था . अंकित शर्मा के पिता की शिकायत पर ताहिर हुसैन के खिलाफ अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
जबकि कुछ ना मालूम लोगों ने बताया की पुलिस और कई बीजेपी नेताओ के साथ अंकित शर्मा के पिता को ख़ुफ़िया बात करते देखा गया , अब यह बात या डील क्या हुई इसकी पुष्टि नहीं कर सकते , किन्तु फसाने और बचने के खेल को तो हर व्यक्ति जानता ही है , इसी के बाद से मीडिया में दंगों के आरोपी कपिल मिश्रा से निगाह को हटा देना बड़ा खेल था , Narative देखते ही देखते कैसे बदल जाता है यह भी कुछ पेनी नज़रों ने देखा .
धयान रहे , दिल्ली हिंसा में पुलिस के कॉल लॉग से उसकी भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. हिंसा के दौरान तीन दिनों में पुलिस को 3500 कॉल्स की गईं लेकिन उसपर एक्शन लिए जाने वाला कॉलम खाली था . दरअसल हिंसा प्रभावित इलाकों से लोगों ने पुलिस को दंगे के बारे में बताने और बुलाने की बार बार कोशिशें कीं, लेकिन पुलिस समय रहते वहां नहीं पहुंची , शायद उसकी एहि मंशा थी जिसका नतीजा आज दिल्ली देख रही है .