प्रेस विज्ञप्ति
डाबड़ी क़ब्रिस्तान मुक़दमें में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अवैध कब्जाधारियों की अर्जी ख़ारिज कर दी
कोर्ट ने क़ब्रिस्तान कर्बला की ज़मीन पर अवैध कब्ज़ाधारियों की अर्ज़ी ख़ारिज करते हुए वक़्फ़ क़ब्रिस्तान क़रार दिया: एडवोकेट रईस अहमद
दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के द्वारका कोर्ट में चल रहे डाबड़ी क़ब्रिस्तान के मुक़दमे में वक़्फ़ क़ब्रिस्तान कर्बला कमिटी को राहत देते हुए प्रतिवादी अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ मुक़दमें में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अवैध कब्जाधारियों की अर्जी ख़ारिज कर दी।
गौरतलब है कि कर्बला क़ब्रिस्तान कमिटी के द्वारा दायर मुक़दमे में कोर्ट द्वारा अवैध कब्ज़ा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ इस ऐतिहासिक फैसले से बेचैनी पैदा हो गई है और अवैध पार्किंग व नशाखोरी का धंधा चलाने वालों के ख़िलाफ़ अब सख़्त करवाई की जाएगी।
काबिले गौर बात ये हैं कि कोर्ट ने अपने फैसले में जहां वक़्फ़ बोर्ड को वादी न बनाये जाने को ग़ैर ज़रूरी बताया वहीं कोर्ट ने अपने फैसले में वक़्फ़ क़ब्रिस्तान के सम्बंध में कहा कि डीडीए का भी वक़्फ़ क़ब्रिस्तान की ज़मीन पर कोई अधिकार नहीं हो सकता।
इसके साथ ही बड़े क़ब्रिस्तान में दफ़न की इजाज़त के लिए वक़्फ़ क़ब्रिस्तान कमिटी की तरफ से एडवोकेट रईस अहमद द्वारा मुकदमा भी दायर किया गया था जिसमे भी पिछले साल ऐसा ही फैसला कोर्ट द्वारा दिया गया था। जिसके ख़िलाफ़ मुक़दमा ख़ारिज करने के लिए अवैध कमिटी ने अर्ज़ी दी थी जिसे कोर्ट ने ख़ारिज करते हुए वक़्फ़ क़ब्रिस्तान कमिटी के हक़ में फैसला सुनाया था .
कोर्ट ने अपने आदेश में इस क़ब्रिस्तान को मज़बूत सुबूतों की बुनियाद पर 100 साल पुराने वक़्फ़ कब्रिस्तान की संपत्ति क़रार दिया। और निजी क़ब्रस्तान बताने वाले पक्ष के सुबूतों को खारिज करते हुए निरस्त कर दिया . कोर्ट के इस न्यायपूर्ण फ़ैसले के आने के बाद डाबड़ी क़ब्रिस्तान वक़्फ़ कमिटी ने इस मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता रईस अहमद को सम्मानित किया और उनकी लीगल टीम के सभी सहयोगी वकीलों शिव कुमार चौहान, असलम अहमद, तारिक़ फ़ारूक़ी व अन्य का भी आभार व्यक्त किया।
आपको बता दें अधिवक्ता राईस अहमद और उनकी पूरी टीम अक्सर धार्मिक और समाज के कमज़ोर वर्गों के मुक़द्दमों को बिना किसी फीस के पूरी कर्मठता और लगन के साथ अदालतों में लड़ते हैं . उनकी कोशिश होती है की वो इस प्रकार के सिर्फ ऐसे ही मुक़द्दमों को लें जो सच्चाई पर आधारित हों . और मज़े की बात यह है की अदालतों में इनको लगातार कामयाबी भी मिलती है . लिहाज़ा ऐसे किसी भी ग्रुप या संस्था का सम्मान होना ही चाहिए जो पूरे आध्यात्म और निष्ठां के साथ अपनी सेवाएं देते हैं .
सम्मान समारोह के इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद इक़बाल, उपाध्यक्ष अहमद अली, महासचिव अजीजुर्रहमान व मोहम्मद सुल्तान, अनवर, ज़हीर खान, रफीक, डॉ इक़रार व अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।