देवेंद्र यादव कोटा राजस्थान
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का कहना है कि कांग्रेस के भीतर दो प्रकार के घोड़े हैं जिनकी वजह से कांग्रेस को नुकसान होता है एक शादी वाले घोड़े दूसरे रेस वाले घोड़े और अब जिक्र तीसरे लंगड़े घोड़े का भी होने लगा है.
लेकिन राहुल गांधी चौथे घोड़े का जिक्र अभी तक नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण कांग्रेस को बार-बार और कई बार बड़ा नुकसान हुआ है और वह चौथा घोड़ा है बेलगाम घोड़ा.
और यही घोड़ा कांग्रेस के भीतर सबसे ताकतवर और मजबूत है, जिसे राहुल गांधी ना तो ठीक से पहचान पा रहे हैं और ना ही उसे अपने अस्तबल से बाहर करने की हिम्मत जुटा रहे.
क्योंकि इन घोड़े को राहुल गांधी ने ही एक समय अपने अस्तबल में शामिल किया था, राहुल गांधी के अस्तबल में शामिल होकर यह घोड़े अपने आप को इतना पावरफुल और ताकतवर महसूस करने लगे की, वह राहुल गांधी और स्वयं मैं कोई फर्क ही महसूस नहीं करते हैं.
उनका रुतबा भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और विभिन्न राज्यों के नेताओं के सामने राहुल गांधी से कम नहीं होता है ! कांग्रेस के बेलगाम घोडो में दिमाग इतना है कि वह राहुल गांधी को ज्ञान बांटते हैं, और राहुल गांधी भी उनके झांसे में आकर अपने ट्रैक से उतर जाते हैं.
क्योंकि बेलगाम घोड़े राहुल गांधी को उलझा कर रखते हैं, कांग्रेस को शादी वाले रेस वाले और लंगड़े घोड़े से इतना नुकसान नहीं हो रहा है जितना नुकसान कांग्रेस को बेलगाम घोड़े के कारण हो रहा है.
इन घोड़े के ज्ञान के कारण ही कांग्रेस राज्य दर राज्य विधानसभा के चुनाव हार रही है ! राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र और हरियाणा पंजाब दिल्ली का जिक्र करना अब फिजूल है क्योंकि इन राज्यों में कांग्रेस ने जीती हुई बाजी को हारा था.
मगर क्या बिहार में कांग्रेस वही इतिहास दोहराने जा रही है जो उसके साथ अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव में हुआ जहां कांग्रेस बुरी तरह से हारी, क्या ऐसा ही बिहार में भी कांग्रेस के साथ होगा क्योंकि बिहार में राहुल गांधी के अस्तबल से निकलकर घोड़े बिहार पहुंच चुके हैं.
जिनकी गरदन एकदम सीधी है दाएं बाएं क्या हो रहा है उन्हें यह नजर नहीं आ रहा है, ना ही उन्हें कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता नजर आ रहे हैं बल्कि वह बिहार में अपने जैसे घोड़े की खोज करने में जुटे हुए हैं !
बिहार में दिल्ली से पहुंचे नेता अभी तक यह नहीं देख पाए की बिहार में कांग्रेस कैसे मजबूत हो और मजबूती के साथ विधानसभा का चुनाव लड़े और जीते, बल्कि अब तो चर्चा यह होने लगी है कि कांग्रेस की नजर 2029 के लोकसभा चुनाव पर है.
इस चुनाव से पहले कांग्रेस बिहार में मजबूत होना चाहती है ! कांग्रेस के बेलगाम घोड़े को देखकर कांग्रेस का आम कार्यकर्ता और वर्षों से कांग्रेस की सेवा कर रहे नेता यह गीत गुनगुना रहे हैं, गैरों पर करम अपनों पर सितम, ए जाने वफा यह ज़ुल्म न कर रहने दे अभी थोड़ा सा भरम !
क्योंकि राहुल गांधी कहते हैं कि कांग्रेस के भीतर भाजपा के स्लीपर सेल मौजूद है जिन्हें कांग्रेस से बाहर किया जाएगा, राहुल गांधी के इस बयान से लोग कांग्रेस के पीढ़ी दर पीढ़ी कांग्रेस को मजबूत करने वाले नेताओं पर भी शक करने लगे हैं .
जो कांग्रेसी संस्कृति की ABCD तक नहीं जानते हैं वह राहुल गांधी के अस्तबल में शामिल हैं और यहीं वह बेलगाम घोड़े हैं यदि कांग्रेस को मजबूत करना है तो इन घोडो की पहचान करके कांग्रेस से बाहर करना होगा!
कांग्रेस नेताओं के कारण कमजोर नहीं है कमजोर है राहुल गांधी को ज्ञान बांटने वाले बेलगाम घोड़ा के कारण !
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