कांग्रेस के संकट काल में, जो कांग्रेस को संकट से उभार कर उसके पुराने दौर में ले आए, इसके लिए जरूरत है एक मजबूत संगठन की, मजबूत नेताओं की, जिसका वर्तमान समय में युवक कांग्रेस और उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के संघर्ष के अलावा ज्यादा कुछ नजर नहीं आ रहा है !
लंबे समय से देशभर में, पूरी मजबूती के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवासन के नेतृत्व में युवक कांग्रेस , केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों को लेकर संघर्ष कर रही है , युवक कांग्रेस का यह संघर्ष देश में कांग्रेस की उपस्थिति को दर्ज करा रही है वरना ऐसा लगता था जैसे कांग्रेस है ही नहीं !
कॉन्ग्रेस के इस संकट की घड़ी में सत्ता पक्ष के खिलाफ यदि कॉन्ग्रेस की आवाज को मजबूती के साथ किसी ने बुलंद किया है तो वह उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू हैं जो लगातार उत्तर प्रदेश के अंदर संघर्ष कर कॉन्ग्रेस को मजबूत करने में जुटे हुए हैं !
इसकी क्रेडिट कांग्रेस की राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती प्रियंका गांधी को जाती है जिन्होंने एक साधारण व्यक्ति को उत्तर प्रदेश जैसे प्रभावशाली राज्य का अध्यक्ष बनाया, और स्वयं प्रियंका गांधी अजय कुमार लल्लू के साथ मजबूती से खड़ी होकर लल्लू और उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस के मनोबल और होंसले को बढ़ा रही हैं, जिसके सार्थक परिणाम भी नजर आ रहे हैं, उत्तर प्रदेश में दशकों से कॉन्ग्रेस नदारद नजर आ रही थी वह अब सत्ताधारी भाजपा के सामने एक चुनौती बनती हुई दिखाई दे रही है !
कॉन्ग्रेस के रणनीति कारों को देशभर में खासकर उन राज्यों में जहां कॉन्ग्रेस सत्ता से बाहर है वहां अजय कुमार लल्लू जैसे नेता तैयार करने होंगे और युवक कांग्रेस जैसे संघर्षशील और मजबूत कांग्रेस के अन्य संगठनों को भी करना होगा !
” वक्त है बदलाव का ” यह नारा केवल सत्ता बदलने के लिए अपने कार्यकर्ताओं में ताकत दिलाने और हौसला बढ़ाने के लिए ही नहीं है बल्कि यह नारा पार्टी को अपने अंदर भी आत्मसार पैदा करने के लिए के लिए हो !
यदि पार्टी मजबूत होगी तो सत्ता में बदलाव भी हो जाएगा !संकट की इस घड़ी में कांग्रेस में बदलाव की एक मिसाल उत्तर प्रदेश है जहां पांच सितारा संस्कृति वाले चलन को दूर कर जमीनी कार्यकर्ता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जिसके नतीजे काफी पुर उम्मीद हैं !
ऐसे ही प्रयोग कांग्रेस को अन्य उन प्रदेशों में भी करने होंगे, जिन प्रदेशों में कांग्रेस लंबे समय से सत्ता से बाहर है या सत्ता में है ही नहीं उन प्रदेशों में अजय कुमार जैसे जमीनी नेताओं को निकाल कर लाना होगा !
कॉन्ग्रेस के पास प्रवक्ताओं की एक मजबूत टीम है लेकिन उनमें भी गौरव बल्लभ ,सुप्रिया ,पवन खेड़ा जैसे मजबूत प्रवक्ता और तैयार करने होंगे, क्योंकि यह राजनीतिक दौर मीडिया और सोशल मीडिया पर ज्यादा टिका हुआ है, और मौजूदा कोरोना संकट काल में चुनाव के अंदर सोशल मीडिया और मुख्यधारा का मीडिया एक जरूरत बन गई है,! ऐसे में पार्टी के अंदर मजबूत प्रवक्ताओं की भी जरूरत है !