बंगाल सरकार ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को यूनिवर्सिटीज की चांसलर बनाने के बिल को विधानसभा में पारित कर दिया है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा ने उस विधेयक को मंजूरी दे दी है जिसके तहत अब राज्यपाल नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य संचालित यूनिवर्सिटी की चांसलर होंगी. बीजेपी के विधायकों ने इस बिल का विरोध किया. विधानसभा में बिल पेश करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री बृत्य बसु (Bratya Basu) ने कहा, “मुख्यमंत्री के चांसलर पद संभालने में कुछ भी गलत नहीं है.”
बिल के पक्ष में 182 वोट और विरोध में 40 वोट पड़े. जिसके बाद विधानसभा में बिल को पारित किया गया. इस दौरान विधानसभा में विपक्ष और पक्ष के बीच तीखी बहस भी हुई. इससे पहले विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और छह अन्य भाजपा नेताओं, जिन्हें अनुशासनात्मक आधार पर विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने से रोक दिया गया था, ने विधेयक और उन पर प्रतिबंध के खिलाफ सदन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. सुवेंदु अधिकारी ने कहा हम देखेंगे कि सरकार विधेयक को कैसे पारित करती है. हम बाहर बैठे हैं लेकिन बीजेपी के अन्य विधायक बहस के दौरान इसकी वैधता को चुनौती देंगे. यहां तक कि अगर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अपनी ताकत के कारण इसे पारित करने का प्रबंधन करती है, तो राज्यपाल निश्चित रूप से केंद्र को बिल भेजेंगे क्योंकि शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है.