
Ali Aadil Khan
Editor’s Desk
चीन का भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश , लद्दाख और कश्मीर में लगातार बढ़ता अतिक्रमण देश के लिए चिंता का विषय है . वर्तमान मोदी सरकार के कार्यकाल में चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी का भारतीय ज़मीन पर लगतार बढ़ता क़ब्ज़ा हमारी चिंताओं का केंद्र बिंदु होना ही चाहिए . जिसके लिए विपक्ष सदन में सरकार के साथ बातचीत करना चाहता है और देश को ताज़ा हालात से अवगत भी कराना चाहता है .
भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी Line OF Actual Control LAC ( पश्चिम में काराकोरम दर्रे से लेकर पूर्व में म्यांमार तक फैली हुई है) .चीन लगातार LAC की शर्तों को तोड़कर भारत की ज़मीन पर लगातार क़ब्ज़ा करता आ रहा है .
लेकिन लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून 2020 को चीन के ज़रिये भारतीय फ़ौज पर 1962 के बाद से इस प्रकार का यह पहला हमला था जिसमें भारतीय सैन्य टुकड़ी के हताहत होने की बड़ी घटना सामने आई थी .
चीन के सैनिकों द्वारा गलवान घाटी में तंबू गाड़ दिए गए थे . लेकिन उसके बाद भारतीय रक्षा मंत्रालय से एक विज्ञप्ति जारी की गयी जिसमें बताया गया था…… हमारी फ़ौज ने चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी को पीछे हटने पर मजबूर किया है .
दोस्तों ,,,, यहाँ हम आपको भारतीय सीमाओं में चीन द्वारा लगातार क़ब्ज़े की घटनाओं पर विस्तार से जानकारी नहीं दे पाएंगे .देश की सम्प्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र कुछ वास्तविक घटनाओं को भी पेश नहीं कर पाएंगे . साथ ही फ़ौज का मनो बल बढ़ाने के लिए ख़बर के स्वरुप को बदलना हमारी पेशेवर ज़िम्मेदारी भी है .
बहरहाल भारत चीन के मामलात को लेकर LAC पर जो भी हुआ है या जो वहां की वास्तविकता है , संसद में इसको लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के द्वारा एक दुसरे पर लगाए गए आरोपों को हम देश के वफादार नागरिक की हैसियत से देखें . निष्पक्ष होकर सुनें , किसी पार्टी या शख्सियत की भक्ति में इतना आगे न निकल जाएँ जिससे देश की सम्प्रभुता , एकता और अखंडता ख़तरे में पड़ जाए …जो आजकल देश में हो रहा है ….
ऐसे में आपसे गुज़ारिश है कि ,सत्ता के दावों और विपक्ष के आरोपों की पड़ताल आप खुद भी करना सीखें .क्योंकि देश आपका भी उतना ही है जितना किसी सत्तापक्ष या विपक्ष के नेताओं का .आप बराये करम अपनी आइंदा नस्लों के भविष्य के लिए TV या अख़बार की ख़बरों पर आँख बंद करके भरोसा न करें . इसी तरह नेताओं के भाषणों को जज़्बाती तौर पर न सुना करें .
आप जिस तरह नई गाड़ी या नया मकान लेने से पहले अच्छी तरह पड़ताल करते हैं ….इसी तरह कोई भी नई सरकार लाने से पहले अच्छी तरह पड़ताल कर लेना यह आपका दायित्व है , आपकी नागरिक ज़िम्मेदारी है .अब अगर आप सच्चे देश प्रेमी हैं तो आपको यह भी पता लगाना चाहिए कि …….PM Care फण्ड में चीन की कौन कोनसी कंपनियों ने चंदा दिया है ?
अमेरिका , EU और World Bank द्वारा Ban की गयी Dong Fank नामी चीनी कंपनी को जम्मू & कश्मीर में स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका दिया गया है ? विपक्ष का आरोप है smart meter के ज़रिये J&K के सभी नागरिकों की details ,और Data , चीनी सरकार को दे दिया जायेगा , क्योंकि smart meters आधार से लिंक होंगे ? वर्तमान सरकार , आरएसएस और चीनी Communist Party का आपस में क्या Link है ?
Congress प्रवक्ता पवन खेड़ा द्वारा दी गयी रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि NDA 1 में 59 Apps पर मोदी सरकार ने पाबंदी लगाई थी. अब आपको सच्चे देशभक्त का सुबूत देने के लिए यह भी पता लगाना होगा , कि वो कौन कौनसी कंपनियां हैं जिनको यह कहकर Ban किया गया था कि ये भारतियों का डाटा चुराकर चीन भेजती हैं .
इसके बाद क्या बीजेपी ने 2019 के आम चुनाव में उन companies की सहयता ली थी ?? क्या मोदी सरकार द्वारा गुजरात के धोलेरा में 43 हज़ार करोड़ के MOU’s चीन की company के साथ Sign किये गए हैं ?
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इन सब गंभीर मुद्दों पर तफ्सीली बात की है . इस वीडियो का लिंक आपको Description में दे दिया जाएगा वहां आप खुद भी देख सकते हैं . और आप भी इसकी पड़ताल अपने स्तर पर ज़रूर करें , अब व्यक्तिगत भक्ति को छोड़कर राष्ट्र प्रेम में इतना तो करना पड़ेगा ……
कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इन सब गंभीर मुद्दों पर तफ्सीली बात की
अब कांग्रेस के द्वारा जो भी आरोप लगाए गए हैं इनका जवाब देना बीजेपी की ज़िम्मेदारी है . मगर नए रूप में उभरी कांग्रेस को सीमा पार दुश्मनों के साथ साथ आंतरिक दुश्मन शक्तियों के बारे में भी आवाज़ उठानी होगी . और वो तमाम संस्थाएं जो देश के Social Febric यानि सामाजिक ताने बाने को तार तार कर रही हैं , सांप्रदायिक उन्माद को बढ़ावा दे रही हैं . भारतीय समाज को धर्मों और जातियों के बीच बाँट रही हैं उनके ख़िलाफ़ संसद में तमाम विपक्षी पार्टियों को साथ लेकर आवाज़ उठानी होगी .
और देश को सांप्रदायिक दंगा मुक्त , धार्मिक तथा जातीय नफ़रत मुक्त भारत पर क़ानून बनाकर , जिला अधिकारीयों को इसके लिए उत्तरदायी बनाना होगा . अब हद यह हो गयी हैं की स्कूलों में Teachers और पुलिस वर्दी में कर्मचारी और अधिकारी , संवैधानिक पदों पर बैठे लोग धर्म और जातिसूचक फ़िक़रे कस्ते सुनाई देने लगे हैं जो इंतहाई चिंता का विषय हैं .
इस तरह के मामलों पर तुरंत संज्ञान न लिया गया तो भले बाहरी शक्तियां हमारी सीमाओं को न उलाँघ पाएं मगर देश सीमाओं के अंदर इतना टूट जायेगा फिर दुश्मन को कुछ करने की ज़रुरत न होगी .
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