
नई दिल्ली: सिंघाड़ा या Water Chestnut , सर्दियों में खूब मिलता है , खाने में सोंदा होने के साथ आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद जलिये फल है सिंघाड़ा . इसे कच्चा, उबाल कर या फिर हलवा बनाकर भी खाया जाता है.
इसके सिर पर सींगों की तरह दो काँटे होते हैं। चीनी खाने का यह एक अभिन्न अंग है। इसको छील कर इसके गूदे को सुखाकर और फिर पीसकर जो आटा बनाया जाता है उस आटे से बनी खाद्य वस्तुओं का भारत में लोग व्रत उपवास में सेवन करते हैं क्योंकि इसे एक अनाज नहीं वरण एक फल माना जाता है। अंग्रेजी भाषा में यह Water caltrop, Water Chestnut आदि नामों से भी जाना जाता है।
Medicinal value

वैद्यक System में सिंघाड़ा शीतल, भारी कसैला , वीर्यवर्द्घक (Ejaculatory), मलरोधक, वातकारक (Eclipse) तथा रुधिरविकार (Blood Disorder) और त्रिदोष को दूर करनेवाला कहा गया है।
सिंघाड़ा गुणों का भण्डार है. इसमें कई पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं, जो आपकी कई बीमारियों से रक्षा करते हैं. खासकर दिल की बीमारियों के लिए यह रामबाण औषधि है. गले में खराश, थकावट, जिस्म के किसी हिस्से में सूजन और ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद है. आइए जानते हैं इसके अन्य फायदे (benefits of chestnut).

अस्थमा (asthma) के मरीजों के लिए सिंघाड़ा बहुत फायदेमंद है. सिंघाड़े को नियमित रूप से खाने से सांस संबधी समस्याओं से भी आराम मिलता है.
सिंघाड़ा मरदाना ताक़त के लिए भी लाभप्रद बताया गया है .
सिंघाड़ा बवासीर जैसी मुश्किल समस्याओं से भी निजात दिलाने में कारगर साबित होता है.
इसके सेवन से फटी एड़ियां (crack heels) भी ठीक हो जाती हैं. इसके अलावा शरीर में किसी भी स्थान पर दर्द या सूजन होने पर इसका लेप करने से बहुत फायदा होता है.
इसमें कैल्शियम (calcium) भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसे खाने से हड्डियां और दांत दोनों ही मजबूत रहते हैं. साथ ही यह आंखों के लिए भी फायदेमंद है.
प्रेग्नेंसी में सिंघाड़ा खाने से मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं. इससे गर्भपात का खतरा भी कम होता है. इसके अलावा सिंघाड़ा खाने से पीरियड्स की समस्याएं भी ठीक होती हैं.
सिंघाड़ा शरीर को ऊर्जा देता है, इसलिए इसे व्रत के खाने में शामिल किया जाता है. इसमें आयोडीन भी पाया जाता है, जो गले संबंधी रोगों से रक्षा करता है और थायरॉइड ग्रंथि को सुचारू रूप से काम करने के लिए प्रेरित करता है.
यदि आप हृदय या रक्तचाप जैसी समस्याओं से बचना चाहते हैं तो सिंघाड़ा जरूर खाएं. सिंघाड़े का आटा रक्तचाप कम करता है. इसमें पोटैशियम होने के कारण यह दिल की धड़कन को सामान्य करने में मदद करता है.
पेशाब के रोगियों के लिए भी सिंघाड़े के छिलकों या पत्तों का काढ़ा बहुत फायदा देता है।