[]
Home » Events » यूनानी तिब्बी कांग्रेस ने सर्जरी में पोस्ट ग्रेजुएशन की प्रधानमंत्री से मांगा रखी
यूनानी तिब्बी कांग्रेस ने सर्जरी में पोस्ट ग्रेजुएशन की प्रधानमंत्री से मांगा रखी

यूनानी तिब्बी कांग्रेस ने सर्जरी में पोस्ट ग्रेजुएशन की प्रधानमंत्री से मांगा रखी

जर्राह करते थे अचूक सर्जरी साज़िश के हुए शिकार


नई दिल्ली. Times of pedia Special Correspondent/ यूनानी का इतिहास बताता है की इस विधि के द्वारा Surgery की जाती थी ,आयुर्वेद और यूनानी तरीक़ा ए इलाज मर्ज़ को जड़ से खत्म करने में यकीन रखता है . यूनानी जो ज़ाहिर है पुरातन चिकित्सा पद्धति है इससे ताल्लुक़ रखने वाले चिकित्सक सरकार के सौतेले रवैये से काफी नाराज हैं।

यूनानी चिकित्सकों की राष्ट्रीय संस्था आल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार ने आयुर्वेद को सर्जरी, नेत्र और कान, नाक, गला रोगों में स्नात्तकोत्तर कोर्स की मंजूरी दे दी लेकिन आयुर्वेद की सगी बहन यूनानी चिकित्सा पद्धति को दरकिनार कर दिया है। इतना ही नहीं सरकार आयुर्वेद और होम्योपैथी में मेडिकल आफिसर भर्ती कर रही है, लेकिन यूनानी और सिद्धा को जिंदा रखने के लिए नई भर्तियों की ओर उसका कोई ध्यान नहीं है।

यूनानी में माहिर सर्जन थे जर्राह

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर मुश्ताक अहमद ने पत्र में दावा किया है कि सदियों से सर्जरी करते आ रहे यूनानी के जर्राह इतिहास में दफन कर दिए गए हैं जबकि उन्होंने उस जमाने के नासूर तक की कामयाब सर्जरी करके इस पुराण चिकित्सा पद्धति का लोहा मनवाया था । वे जर्राह असल में यूनानी के सर्जन थे और आधुनिक युग में भी जर्राह (यूनानी सर्जन) अचूक सर्जरी करते हैं।लेकिन पश्चिम की गुलामी के चलते आयुर्वेद और यूनानी के साथ न इंसाफ़ी हुई है , और इसको एक साज़िश के तहत ख़त्म किया गया है जिसमें जाने अनजाने हमारी सरकारें शामिल रही हैं .

READ ALSO  Drone technology is essential for defence and agriculture: Anurag Thakur

AMU और बैंगलूरू में होता है पोस्ट ग्रेजुएशन

यूनानी तिब्बी कांग्रेस के महासचिव और सफदरजंग हॉस्पिटल में यूनानी सेंटर के HOD डा. सैयद अहमद ने बताया , सरकार ने 20 नवम्बर 2020 को आयुर्वेद में सर्जरी, आप्थॉलमॉलाजी और ENT में पोस्ट ग्रे​जुएशन की मंजूरी दी है लेकिन यूनानी को इन तीनों कोर्स से दरकिनार कर दिया गया है। जबकि यूनानी जर्राह (सर्जन) अचूक सर्जरी करते रहे हैं और इतिहास इस बात का गवाह है। यहां तक की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एवं नेशनल इंस्टीट्यूट आफ यूनानी मेडिसिन बैंगलूरू में जर्राह का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स सफलता पूर्वक चलाया जा रहा है।और वहां के फ़ारिग़ डॉक्टर्स मरीज़ों का इलाज कर देश की सेवा में मसरूफ हैं .

READ ALSO  Turkey PM: Attempted coup leaves 265 people dead

नेशनल कमीशन में यूनानी सलाहकार क्यों नहीं

डा. सैयद अहमद ने यह भी बताया की हमने माननीय प्रधानमंत्री से पात्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि वे अलीगढ़ और बैंगलूरू के यूजी , पीजी कोर्स का अध्ययन कर यूनानी पीजी रेगूलेशन में संशोधन करके सर्जरी कोर्स शुरू कराएं ताकि इस पद्धति का लाभ देश के के हर तबके को मिल सके और ख़ास तौर से गरीबों को मिल सके। पत्र में प्रधानमंत्री को उनके द्वारा दिए गए स्लोगन सबका साथ स​बका विकास याद दिलाते हुए कहा गया है कि अभी नेशनल कमीशन आफ इंडियन मेडिसिन सिस्टम में आयुर्वेद सलाहकार हैं लेकिन यूनानी और सिद्ध का सलाहकार रखा गया है । जो सरासर यूनानी और सिद्ध की अनदेखी है इससे खुले तौर पर सस्ते ितरीक़ा ए इलाज को जान बूझकर ग़रीबों से दूर रखा जा रहा है .

सरकार खुले दिल से इस पद्धति को आगे बढ़ाने के प्रयास करेगी तो देश के लाखों गरीबों को बेहद कम लागत पर वह इलाज मिल सकेगा जो एक जमाने में बादशाह और राजा महाराजाओं को मिलता था।साथ ही हमारे हर्बल production Bussiness को काफी प्रोत्साहन मिलेगा .

Please follow and like us:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

3 + eleven =

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Scroll To Top
error

Enjoy our portal? Please spread the word :)