यूनानी जगत में नए जोश और ख़ुशी की लहर
ज़िंदगी में सुकून की राह हासिल करने के लिए सेहत का अच्छा होना निहायत ज़रूरी होता है , उसके बाद भोजन और शिक्षा की बात आती है .
460 -377 ईसा पूर्व में यूनानी चिकित्सा विधि ही प्रचलित थी । अल बुकरात (अंग्रेजी में हिप्पोक्रेट) नामक दार्शनिक को यूनानी चिकित्सा विधि का जन्मदाता माना जाता है। बुकरात को बाबा-ए-तिब भी कहा जाता है .इसी तिब्ब यूनानी को ज़िंदा रखने के लिए दौर ए हाज़िर में भी कोशिशें होती रही हैं जिसमें नुमायां किरदार All India Unani Tibbi Congress (Rgtrd.) अदा करती रहती हैं .AIUT Congress पूरे देश में Unani की बक़ा और तरक़्क़ी के लिए कोशां रहती है .
ग़ालिब साहब ने खूब कहा है
तंगदस्ती अगर न हो ग़ालिब – तंदुरस्ती हज़ार नेमत है
दुनिया में यूनानी , सिद्धा और आयुर्वेद हज़ारों वर्ष पुराणी रोग उपचार पद्धति है .इनके द्वारा इलाज इंसान के मिज़ाज के हिसाब से किया जाता है , यूनानी तिब्ब के माहिरीन नब्ज़ देखकर बड़े से बड़े मर्ज़ का इलाज किया करते हैं .
लेकिन एक साज़िश के चलते इस यूनानी पैथी और आयुर्वेदा को ख़त्म किया गया जिसमें सरकारें शामिल रहीं . लेकिन एक समय गुजरने के बाद अब दुनिया को अलोपथी के नुक़सानात का अंदाजा हो चला और अब इंसान वापस हकीकत की तरफ लौटने की कोशिश में है . हालांकि यह सही है की यूनानी का जो उरूज और तरक़्क़ी , सुकरात , बुकरात , जालीनूस और इब्न इ सीना के दौर में था आज उसका तसव्वुर भी नहीं है .
460 -377 ईसा पूर्व में यूनानी चिकित्सा विधि ही प्रचलित थी । अल बुकरात (अंग्रेजी में हिप्पोक्रेट) नामक दार्शनिक को यूनानी चिकित्सा विधि का जन्मदाता माना जाता है। बुकरात को बाबा-ए-तिब भी कहा जाता है .इसी तिब्ब यूनानी को ज़िंदा रखने के लिए दौर ए हाज़िर में भी कोशिशें होती रही हैं जिसमें नुमायां किरदार All India Unani Tibbi Congress (Rgtrd.) अदा करती रहती हैं .AIUT Congress पूरे देश में Unani की बक़ा और तरक़्क़ी के लिए कोशां रहती है .
आल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस संस्था के पदाधिकारियों का चुनाव होता है , इसी सन्दर्भ में 2020_21 का चुनाव दिल्ली में संपन्न हुआ . जिसमे अध्यक्ष पद के लिए डॉ मुश्ताक़ तीसरी मर्तबा निर्विरोध चुन लिए गए , राष्ट्रीय महा सचिव के लिए डॉ सईद खान साहब को चौथी मर्तबा चुना गया .जबकि डॉ बी आर सिंह को राष्ट्रीय संगठन मंत्री के पद के लिए चुना गया .
इसके अलावा वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद के लिए डॉ अब्दुल जब्बार सिद्दीकी (पीलीभीत) को , साथ ही डॉ एस एम हुसैन (मुंबई ) ,डॉ अताउल्लाह शरीफ़ (हैदराबाद ) ,डॉ फ़ज़्लुल्लाह क़ादरी (पटना ) ,डॉ ग़ुलाम क़ुतुब चिश्ती (जयपुर ) को उपाध्यक्ष पद के लिए चुना गया है .
इसके अलावा डॉ अख्तर हुसैन चौधरी (पुणे ) , डॉ ग़ज़ाला जावेद (दिल्ली ) ,डॉ एस एम याक़ूब (नागपुर ) ,डॉ सबाह उल्लाह (अमरोहा ) ,डॉ लाइक अली खान महा सचिव पद के लिए चुन लिए गए हैं ,जबकि डॉ शमशाद अहमद खान कोषाध्यक्ष पद केलिए चुने गए हैं .
आपको बता दें आल इंडिया यूनानी तिब्ब कांग्रेस पूरे देश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पिछले ३ दशकों से लगातार कार्यरत है , और यूनानी के माध्यम से स्वास्थ भारत बनाने में अपना योगदान देती रही है . ख़ास बात यह है की इस संस्था को सरकारी कोई सुविधा किसी प्रकार की नहीं है सब कुछ अपने बल बूते ही करती है .
जबकि हमारा मानना है की यदि इस संस्था को सरकार का थोड़ा भी सहयोग मिलता है तो यह देश की पुराण चिकित्सा पद्धति के प्रोत्साहन में अपना कलीदी रोल अदा कर सकती थी . आल इंडिया यूनानी तिब्ब कांग्रेस के नव निर्वाचित सभी पदाधिकारियों को यूनानी के सभी चाहने वालों और देश भर से यूनानी doctors की संस्थाओं की तरफ से मुबारकबाद का सिलसिला जारी है .