पहली बार मुस्लिम संगठन हुए एकजुट
in Editorial & Articles, HINDI
March 17, 2025

Ali Aadil Khan Editor’s Desk
हज़ार उन्वान बदल बदल के फ़सानये इश्क़ कह चूका हूँ
मगर यह महसूस हो रहा है के जैसे कुछ भी कहा नहीं है
AIMPLB के बैनर तले पहली बार मुस्लिम संगठन एकजुट हुए , INDIA गठबंधन का भी पूरा समर्थन मिला , नीतीश और चंद्र बाबू नायडू की नींदें हराम , सत्तापक्ष में भी मची खलबली …..
जंतर मंतर पर आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोध में आयोजित धरने को संबोधित करते हुए लगभग सभी वक्ताओं ने संसद में बिल के विरोध करने का संकल्प दोहराया ..
सरकार की तानाशाही और साज़िशों के ख़िलाफ़ आज दिल्ली के आसपास से जन सैलाब दिल्ली के लिए निकल पड़ा . चारों ओर से वक़्फ़ बिल संशोधन 2024 विरोध प्रदर्शन के समर्थन में शामिल होने वाले लोगों से जंतर मंतर का मैदान खचाखच भर गया .बाद में Force के द्वारा प्रदर्शनकारियों को अंदर आने से रोकना शुरू किया गया .
सूचना मिली कि दिल्ली बॉर्डर चारों तरफ़ से सील कर दिया गया और समर्थकों को बॉर्डर पर रोक दिया जा रहा है .शान्ति बनाये रखने के लिए आयोजकों ने भी प्रदर्शनकारियों को वहीँ रुक जाने की सलाह दी .
लेकिन सरकार तक इस बात का सन्देश पहुँच गया के देश की जनता में जनविरोधी और संविधान विरोधी योजनाओं के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है .सरकार भी इस बात का संज्ञान ज़रूर लेगी ऐसा विश्लेषकों का मानना है और हमारा भी .

INDI ALLIANCE ALL PARTY MEMBERS JOIN MAHA DHARNA AT JANTAR MANTAR
रमज़ान में भूक प्यास की परवाह किये बग़ैर लोगों में नाइंसाफी और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ एक ग़ुस्सा दिखाई दिया .साथ ही इस मौके पर प्रदर्शनकारियों और वक्ताओं की तरफ से पूरा संयम बरता गया.
किसी प्रकार का कोई ग़ैर संवैधानिक ब्यान नहीं दिया गया . सभी की आस्था और आबरू का पूरा ध्यान रखा गया . अन्त्यतय: मुस्लिम संस्थाओं और india गठबंधन के सियासी दलों का आजका सांकेतिक महाधरना शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ .
अच्छी बात यह थी की सिर्फ़ मुस्लिम ही नहीं बल्कि दूसरे मज़हब के लोगों ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया.और दूसरी तरफ़ मुस्लिम समाज के संगठनों की नुमाइंदगी एक साथ दिखाई दी .
इससे भी आगे बढ़कर भारत का विपक्ष INDIA गठबंधन भी AIMPLB की इस लड़ाई में साथ आता दिखाई दिया .और सभी पार्टियों के नेताओं ने अपनी अपनी पार्टी के समर्थन को दोहराया .
हमारा आभास है आगे चलकर INDIA गठबंधन की कुछ सियासी मजबूरियां हों और उनको ख़ामोशी इख़्तियार करनी पड़े . इसलिए सभी मुस्लिम संगठन ,देश के सेक्युलर और शांतिप्रिय नागरिकों और पब्लिक ORGANISATIONS को एक जुट होकर इस लड़ाई को अपने बलबूते देश में अमन और शान्ति की ख़ातिर लड़ना होगा .
NDA घटक के नितीश और चंद्र बाबू नायडू को इस धरने की सूचना दे दी गई. जिसके बाद उन्होंने अपने सलाहकारों से मश्वरा शुरू कर दिया होगा बताया गया . क्योंकि ये दोनों ही राजनितिक दल अपने अपने सूबों में मुस्लिम वोट पर निर्भर करते हैं और मौजूदा सरकार की बैसाखी हैं .
आने वाले बिहार विधान सभा चुनाव के मद्देनज़र नितीश बाबू की चिंता आजके बाद बढ़ गई है .अब उनको भी NDA के समर्थन के बारे में कुछ कड़े फैसले लेने होंगे अन्यथा बिहार में उनकी सियासी ज़मीन खिसक सकती है .हालांकि बीजेपी सभी क्षेत्रीय पार्टियों को पहले से ही हज़म करने की योजना रखती है.
और लगभग यही हाल चंद्र बाबू की पार्टी के सम्बन्ध में भी है उनको भी मुस्लिम समाज का सहयोग लिए बिना सत्ता नहीं मिल सकती . उनके लिए भी यह कड़े फ़ैसले की घड़ी है .
हो सकता है उनको ED और CBI का ख़तरा दिखाकर साथ बने रहने के लिए प्रेशर बनाया जाये .
लेकिन जब सरकार ही गिर जायेगी तो ई डी और सी बी आई क्या करेगी .
उसके बाद तो खुद रंगा बिल्ला का अस्तित्व भी ख़तरे में होगा . और 2 दिन से तो Elon Musk के GROK AI ने सत्तापक्ष के पूरे खेमे की नींदें उड़ा दी हैं .
GROK AI का काट तलाशने में मोदी सरकार का पूरा IT CELL,बुद्धिजीवी और चिंतन सेल लग गया है . लेकिन यह तो AI है इसका क्या बिगाड़ा जा सकता है ???
2 दिन के अंदर मोदी सरकार , उनका मीडिया और भक्तों पर जिस तरह ELON MUSK के GROK ने प्रहार किया है वो वाक़ई वर्तमान सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय है .
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन को संविधान और इसकी मौलिक संरचना पर गंभीर हमला बताया ।
हालाँकि उनके विरोधियों ने आरोप लगाया की मदनी Brothers खुद वक़्फ़ की ज़मीन पर क़ब्ज़ा किये बैठे हैं इसलिए वो इस बिल का विरोध कर रहे हैं.
कहा गया की उनके जैसे वक़्फ़ ज़मीनों पर लोगों और संस्थाओं की चिंता यह है की अगर संशोधन बिल क़ानून बना तो उनके हाथ से ये सब निकला जाएगा . उनसे लेकर ज़रूरतमंद मुसलमानो को सरकार ज़मीन देना चाहती है इसलिए वो इसका विरोध कर रहे हैं .
हालांकि जमीअत का कहना है कि उनकी सारी कोशिश मुस्लिम वर्ग के ज़रूरतमंदों की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने का काम यहाँ से होता है .
मौलाना मदनी ने कहा, “हमारे घरों, मस्जिदों ,और मदरसों पर बुलडोज़र चलाए जा रहे हैं, और अब संविधान को ही बुलडोज़ करने की कोशिश की जा रही है।” हम ऐसा नहीं होने देंगे .
मौलाना ने कहा अधिकारों की लड़ाई के लिए क़ुरबानी चाहिए आप लड़ाई लड़ें और आराम से बैठे रहे ऐसा नहीं हो सकता बल्कि क़ुरबानी देनी होगी .
अब सड़कों पर आने से भी बात नहीं बनेगी हो सका तो जेलों को भरा जाएगा . इसमें थोड़ी तकलीफ हो सकती है मगर उसके बाद आराम है सुकून है सम्मान है .
इस मुद्दे को केवल मुसलमानों से जोड़ने की कोशिश की जा रही है , जबकि सच्चाई यह है कि यह पूरे देश की सम्प्रभुता का मामला है संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का मामला है और फिर मुसलमानों से तो इसका बराहे रास्त ताल्लुक़ है .
जंतर मंतर पर महा धरने में सिख समाज के वक्ता ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यक वास्तव में बहुसंख्यक हैं, और यह संघर्ष केवल एक समुदाय का नहीं, बल्कि उन सभी का है जो लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों में आस्था रखते हैं।
इंडियन नेशनल कांग्रेस , तृणमूल कांग्रेस ,बीजू जनता दल, समाजवादी पार्टी और दीगर INDIA गठबंधन घटक के नेताओं ने भी अपनी बात रखी और AIMPLB को पूरा समर्थन देने के लिए आश्वस्त किया .
आजके इस महा धरने के बाद सत्तापक्ष में खलबली मची हुई है . इसके बाद कितने ही लोगों को डराने धमकाने और बहलाने फुसलाने का काम भी शुरू हो जाएगा.
हालांकि सत्तापक्ष इस सांकेतिक धरने के बाद सोचने पर मजबूर होगी और अपने फ़ैसले पर ग़ौर करने के लिए ज़रूर बैठेगी.
देश में एक के बाद एक लगातार ऐसे क़ानून बनाये गए हैं जो संविधान की रूह और देश के सामाजिक और भौगोलिक मिज़ाज के ख़िलाफ़ है .
जनता को सड़कों पर आने के लिए बार बार मजबूर किया गया है . और यह सही है देश की अल्पसंख्यक के सब्र का इम्तिहान इतना लिया गया है की उसको क़ुर्बानी देने पर मजबूर किया जा रहा है ,बार बार उकसाया जा रहा है .
अगर मुस्लमान ने प्रतिक्रिया की तो देश के हालात चिंताजनक हो जाएंगे .इसका वक़्त रहते आभास होना और संज्ञान लेना सरकार और शांतिप्रिय लोगों के लिए ज़रूरी है .
देश में बेरोज़गारी और ILLITERACY यानि निरक्षरता राजनितिक पार्टियों द्वारा जान बूझकर रखी जाती है . क्योंकि यही बेकार और जाहिल वर्ग ही नेताओं के लिए कुर्सियां और दरी लगाता है . कामी लोगों के पास कहाँ वक़्त रखा इस सबके लिए .
अगर कुछ सत्ता के भिखारी और लालची , स्वार्थी नेताओं और उनके अंधभक्तों पर देश को छोड़ दिया तो देश को ये लोग खँडरात में बदल देंगे .उसके बाद देश को main stream में आने के लिए फिर 50 वर्ष चाहिए. इस बीच आने वाली 2 नस्लों को बहुत दिक़्क़तों का सामना करना पड़ेगा .
जबकि हमारे देश के दुश्मन इन्ही हालात का इंतज़ार कर रहे हैं . दुर्भग्यवश दुश्मनों के लक्ष्य को भारत के नासमझ और स्वार्थी नेता पूरा कराने में पूरा सहयोग भी दे रहे हैं .
जब क़ौमों की ख़ामोशी , मस्लहत और संयम को चंद अहमक़ लोग या सरकारें उनकी कमज़ोरी समझने लगते हैं तो फिर ज़माना करवट लेता है .
और वो करवट ख़ामोश समुन्द्र के बाद आने वाले तूफ़ान का पेश ख़ेमा होती है . जिसके बाद ज़ाहिर है वही होता है जो आप और हम दुनिया में देख रहे हैं .
चुप रहने को मेरे अक्सर ! वो बुज़दिली समझे
ज़बाँ खोली ! तो उनको भी शिकायत हो गई
मौजे दरिया से ये कहता है समुन्द्र का सुकूत
लो!अब के हम पे भी तूफाँ की इनायत हो गई
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