अफ़ग़ानिस्तान में अपने नागरिकों और हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा भारत

अफगानिस्तान में तालिबान ने राजधानी काबुल पर नियंत्रण करने के बाद देश में जीत का दावा किया है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने पत्रकारों को बताया कि उनके लडाकों ने राष्ट्रपति पैलेस पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने दावा किया कि अफगान सरकार ने समर्पण कर दिया है और राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोडकर चले गए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि देश में सत्ता पर कब्जा करने के लिए संघर्ष समाप्त हो गया है। काबुल में अराजकता का माहौल है और स्थानीय निवासी तथा विदेशी नागरिक देश छोडने का प्रयास कर रहे हैं।
राजधानी के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक प्रत्यक्षदर्शी ने एक टी वी चैनल को बताया कि कर्मचारियों ने अपना कामकाज समेट लिया है और लोग विमानों की ओर दौड रहे हैं।

अफगानिस्तान में काबुल ही अंतिम प्रमुख शहर था जो तालिबान के हमलों के खिलाफ सुरक्षित गढ माना जाता था लेकिन तालिबान ने कुछ ही दिनों में बहुत ही तेजी से इस शहर पर भी अपना नियंत्रण कर लिया।
अफगानिस्तान से अधिकतर विदेशी सैनिकों के लौट जाने के बाद चरमपंथी गुट अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने में कामयाब हो गया। अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमरीकी सेना के अफगानिस्तान से वापसी के निर्णय को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में चल रहे दूसरे संघर्ष के मद्देनजर अमरीकी फौज का वहां अधिक समय तक रहना न्यायोचित नहीं है।
अमरीका और ब्रिटेन सहित 60 से अधिक देशों ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर कहा है कि अफगानिस्तान के लोगों को सुरक्षित और गरिमापूर्ण जीवन जीने का हक है और वहां सुरक्षा तथा कानून व्यवस्था तुंरत बहाल होनी चाहिए।

अफगानिस्तान में हवाई क्षेत्र बंद हो जाने के कारण एयर इंडिया की कोई भी उडान काबुल नहीं जा पायेगी। एयर इंडिया के एक अधिकारी ने बताया है कि दिल्ली से काबुल के लिए पूर्व निर्धारित उडान रद्द कर दी गई है।
अफगान हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण एयर इंडिया की शिकागो-दिल्ली की उडान एआई-126 को खाडी हवाई क्षेत्र से ले जाना पड़ा।
भारत ने कहा है कि वह अफगानिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिन्दम बागची ने अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि काबुल हवाई अड्डे से वाणिज्यिक विमानों का संचालन स्थगित किए जाने से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के प्रयासों में रूकावट आयी है। इस प्रक्रिया को फिर शुरू करने के लिए विमानों का संचालन शुरू होने की प्रतीक्षा की जा रही है। श्री बागची ने कहा कि अफगनिस्तान की स्थिति पर उच्च स्तर से लगातार नजर रखी जा रही है।

प्रवक्ता ने कहा कि भारत, अफगान सिख और हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों से लगातार संपर्क बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि काबुल में पिछले कुछ दिनों में सुरक्षा स्थिति काफी खराब हुई है। भारत सरकार अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर पूरी नजर बनाए हुई है। वह समय-समय पर अफगानिस्तान में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए परामर्श जारी करती रही है और उन्हें तुरंत स्वदेश लौटने के लिए कहती रही है। विदेश मंत्रालय ने आपात स्थिति में संपर्क के लिए टेलीफोन नंबर जारी किया है। श्री बागची ने बताया कि स्वदेश लौटने के इच्छुक कुछ भारतीय नागरिक अब भी अफगानिस्तान में हैं और वे उनसे संपर्क बनाए हुए हैं।