
बिहार विधानसभा चुनाव में, भाजपा के घोषणा पत्र ने देश में राजनीतिक बहस गरम कर दी है !कहावत है, खाना नहीं पचता ठीक वैसे ही चुनाव भी तब तक अधूरा है जब तक भाजपा की तरफ से कोई बयान या मुद्दा ऐसा नहीं आता जिसकी चर्चा ना हो !
आखिर वह क्षण गुरुवार 22 अक्टूबर को आ ही गया जब देश की वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने भाजपा का घोषणा पत्र जारी किया जिसमें बिहार की जनता को कोरोना वायरस का वैक्सीन फ्री देने का एलान किया !
अक्सर चुनावों में साइकल , स्कूटी ,बर्तन भांडे , साड़ियां आदि मुफ्त में देने की घोषणाएं होती रही हैं और दी जाती भी हैं लेकिन बीमारी में मुफ्त में वैक्सीन देने की घोषणा पहली बार किसी राजनीतिक दल के द्वारा की गई है जो अपने आप में एक नई बात है, राजनीतिक पार्टियां मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनाने की बात करते हैं और बनाए भी जाते हैं !
आपदा को अवसर में बदलने का आरोप भाजपा पर लगा रहा है यह कांग्रेस का दर्द भी है और शायद उसका पश्चाताप भी, पश्चाताप इसलिए क्योंकि कॉन्ग्रेस ने अपने शासनकाल में आपदा को अवसर में कभी परिवर्तित नहीं किया बल्कि आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर, देश में मलेरिया उन्मूलन का अभियान चलाकर घर घर जाकर मलेरिया टेस्ट और दवा वितरण कराने का काम किया .
खसरे के टीके लगाने का अभियान हो या फिर दो बूंद जिंदगी की पोलियो उन्मूलन का राष्ट्रीय कार्यक्रम , देश को कांग्रेस शासन में यह मुफ्त में उपलब्ध कराया था लेकिन कांग्रेस ने आपदा को अवसर में नहीं बदला यदि वह बदलती तो शायद आज भाजपा को अपने घोषणा पत्र में मुफ्त में बांटने जैसी किसी बात की जरूरत ही नहीं पड़ती कांग्रेस लगातार देश की सत्ता में रहती !
जहां तक कोरोना वैक्सीन मुफ्त में देने की बात है, PM Modi ने प्रधानमंत्री केयर फंड कोरोना महामारी से निपटने के लिए ही बनाया था जिसमें देश की जनता ने अरबों रुपया दान दिया है उस पैसे का उपयोग आपदा से निपटने के लिए ही किया जाना है यह सरकार की तरफ से प्रचारित भी किया गया था और यह पैसा इसीलिए इकट्ठा भी किया गया था.
ऐसे में भाजापा कोरोना वैक्सीन मुफ्त में देने की घोषणा कर जनता पर एहसान नहीं कर रही है क्योंकि पैसा जनता का ही है जो उसने चंद दिनों पहले ही प्रधानमंत्री केयर फंड में जमा कराया है !
कुल मिलाकर यह एक चुनावी बहस का विषय है, और जहां तक घोषणा करने की बात है तो 2015 के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी मंच से बिहार को एक लाख 25000 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी, उन पैसों को बिहार की जनता आज भी ढूंढ रही है !