आचार्य की चाहत है कि अगर राहुल गांधी अब अध्यक्ष पद न स्वीकार करें तो पार्टी प्रियंका गांधी को ये पद सौंप दें। इतना ही नहीं, आचार्य ने सचिन पायलट की योग्यता और उनके साथ हुई नाइंसाफी की चर्चा कर शिविर के मेजबान राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी मुश्किलें बढ़ा दी। इसके बाद गहलोत भी मीडिया से मिलने पहुंचे।
प्रियंका गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णन का बयान नया नहीं है। उन्होंने शिविर में मीडिया से कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने तीन राज्य जीते थे लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने इस्तीफा देकर आदर्श प्रस्तुत किया।
दो साल से फिर भी सब कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद स्वीकार करें। अगर राहुल गांधी पद नहीं स्वीकार करते क्योंकि ये फैसला उन्हें लेना है तो देश के लाखों कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि पार्टी अध्यक्ष पद प्रियंका गांधी को सौंप दें।
सचिन पायलट को लेकर प्रमोद कृष्णन ने कहा, वे सबसे चहेते और डायनमिक नेता हैं। एक राज्य और वर्ग तक सीमित नहीं हैं, देश भर में उनके चाहने वाले हैं। 2018 में उनके साथ नाइंसाफी हुई।
कमलनाथ, कैप्टन अमरिंदर सिंह और भूपेश बघेल को अध्यक्ष होने के बाद मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला जबकि उनके नेतृत्व में चुनाव होने के बाद सीएम नहीं बनाया गया।
उन्होंने कहा कि हर दस सालों में देश बदलता है, नए वोटर आते हैं। हर राजनीतिक दल को भी बदलना चाहिए और समय रहते खुद को लोगों के अनुरूप ढालना चाहिए। हमारी पार्टी भी इन्हीं मुद्दों के साथ बदलाव और अहम कदम उठाने जा रही है। हमें यकीन है कि राजस्थान में भी सरकार और संगठन मिलकर सरकार रिपीट करेंगे।