रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले कुछ महीनों के दौरान वायुसेना द्वारा जवाबी कार्रवाई किए जाने की प्रशंसा की है जिससे उसकी संचालन क्षमता को बढावा मिला है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में हवाई हमलों में जिस साहस का परिचय दिया और पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति के दौरान अग्रिम चौकियों पर साजो-सामान पहुंचाने में जो मुस्तैदी दिखाई है उससे दुश्मनों को सख्त संकेत गया है।
श्री सिंह आज नई दिल्ली में तीन दिवसीय वायुसेना कमांडर सम्मेलन के उदघाटन के बाद आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के प्रयासों के संबंध में कहा कि वायुसेना को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।
श्री सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी से राष्ट्र के संघर्ष के दौरान वायुसेना का योगदान अत्यधिक सराहनीय रहा है। उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर होने की जरूरत है। श्री सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद से सेना के तीनों अंगों के बीच सामंजस्य और एकता बढने की सराहना की।
इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा कि वायुसेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा कि सेना की तैनाती और उसकी तैयारी के बारे में जो भी आदेश मिले हैं, उसका पूरी तरह पालन किया गया।
तीन दिन के इस सम्मेलन के दौरान सेना कमांडरों ने मौजूदा संचालन परिदृश्य, तैनाती और आगामी खतरों से निपटने की क्षमता की समीक्षा की।Credit AIR